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दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय (IGI) हवाई अड्डे ने सोमवार को 'वन हैंड-बैग' नियम लागू किया है. इस नियम के इस नियम के मुताबिक घरेलू उड़ानों में यात्रियों को केबिन के अंदर केवल एक ही बैग ले जाने की अनुमति होगी. हालांकि, सिविल एविएशन सिक्योरिटी (BCAS) ने अपनी एडवाइजरी में लिस्ट किए कुछ नियमों में छूट भी दी है.
दिल्ली हवाई अड्डे के अधिकारियों का कहना है कि जनवरी की शुरू में केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) और बीसीएएस से एक एडवाइजरी मिलने के बाद यह आदेश दिया गया है. जिसके तहत हर एक यात्री सिर्फ एक हैंड बैगेज फ्लाइट के अंदर ले जा सकते हैं, जिसे वे केबिन में रख सकते हैं.
सिक्योरिटी चेक में होती थी परेशानी:
इस नियम को लागू करने के पीछे की बड़ी वजह है कि सिक्योरिटी चेक के दौरान एक से ज्यादा हैंड बैग कैरी कर रहे यात्रियों को असुविधा होती है. उन्हें एंट्री गेट पर रुकना पड़ता है. सिक्योरिटी चेक में ज्यादा समय जाता है. इसलिए सीआईएसएफ के अनुरोध पर बीसीएएस ने एडवाइजरी दी कि सभी स्टेकहोल्डर और एयरलाइन ‘वन हैंड बैग’ नियम लागू करें.
ताकि सिक्योरिटी चेक अच्छे से हो सके. अगर यात्री अपने सामान्य बैगेज के अलावा केबिन में रखने के लिए दो-तीन हैंड बैग लेकर आते हैं तो उनकी चेकिंग में समय लगता है. इससे सिक्योरिटी चेक पॉइंट्स में भीड़ होने लगती है. और सिक्योरिटी चेक में ज्यादा समय भी जाता है.
क्या है नियमों में छूट:
हालांकि 'वन हैंड बैग' नियम को कुछ छूटों के साथ लागू किया गया है. इनमें शामिल हैं - महिलाओं के हैंडबैग, ओवरकोट या रैप, एक कंबल, कैमरा या दूरबीन, पढ़ने की चीजें और लैपटॉप बैग.
ड्यूटी-फ्री दुकानों से खरीदा गया कोई भी गिफ्ट, एक छाता या छड़ी, फ्लाइट के दौरान खाने के लिए बेबी फ़ूड और बेबी को ले जाने के लिए बास्केट (अगर किसी यात्री के साथ कोई बच्चा है तो), बंधनेवाला व्हीलचेयर और/या यात्रियों के के लिए बैसाखी या ब्रेसिज़ आदि की अनुमति हैंड बैगेज के साथ दी जाएगी.