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Delhi govt Kanwar Camp: दिल्ली का सबसे बड़ा कांवड़ कैंप! एक बार में रुक सकेंगे 8 हजार श्रद्धालु, 24×7 रहेंगे डॉक्टर्स तैनात

दिल्ली सरकार में रेवेन्यू मंत्री आतिशी ने कावड़ कैंप का दौरा करने के बाद दावा किया कि कश्मीरी गेट में दिल्ली ही नहीं देश का सबसे बड़ा कांवड़ शिविर लगाया गया है. सावन में बारिश की अच्छी संभावना रहती है इसलिए कैंप में वाटरप्रूफ टेंट का इंतजाम किया गया है. यहां पर बेड और टेबल की व्यवस्था भी की गई है.

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दिल्ली के कश्मीरी गेट में मौजूद महाराजा अग्रसेन पार्क में केजरीवाल सरकार ने राजधानी का सबसे बड़ा कांवड़ कैंप तैयार किया है. इस कांवड़ शिविर में एक बार में 8000 श्रद्धालुओं के रुकने की व्यवस्था की गई है. कैंप में कावड़ियों के आने का सिलसिला भी शुरू हो गया है हालांकि आगामी कुछ दिनों में इसे अधिकारिक तौर पर शुरू किया जाएगा.

दिल्ली सरकार में रेवेन्यू मंत्री आतिशी ने कावड़ कैंप का दौरा करने के बाद दावा किया कि कश्मीरी गेट में दिल्ली ही नहीं देश का सबसे बड़ा कांवड़ शिविर लगाया गया है. आतिशी ने कहा कि यहां पर 20000 कावड़िया आते हैं. सावन में बारिश की अच्छी संभावना रहती है इसलिए कैंप में वाटरप्रूफ टेंट का इंतजाम किया गया है. यहां पर बेड और टेबल की व्यवस्था भी की गई है.

आतिशी ने बताया कि डॉक्टर्स की एक टीम भी यहां पर तैनात की गई है. मेडिकल टीम पैर की चोट और बारिश की वजह से होने वाले अन्य डिजीज का ट्रीटमेंट करेंगे. इस कैंप में मेडिकल टीम 24 घंटे तैनात रहेगी, जो तीन अलग-अलग शिफ्ट में काम करेगी. कावड़ शिविर कैंप के बाहर एक एंबुलेंस भी तैनात की गई है, अगर किसी को गंभीर हेल्थ की समस्या हो जाती है तो उसे एलएनजीपी अस्पताल ले जाया जाएगा.

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आतिशी के मुताबिक, पूरी दिल्ली में 185 कावड़ शिविर तैयार किए गए हैं. दिल्ली में कावड़िया थोड़ा देरी से पहुंचते हैं, इसलिए तैयारी तेजी पर हैं. उन्होंने कहा कि इस कैंप में एक बार में 8 से 10000 श्रद्धालु रुक सकते हैं. इस कैंप में महिलाओं और पुरुषों के लिए अलग-अलग इंतजाम किया गया है. इसके अलावा समिति के माध्यम से खास भोजन की व्यवस्था भी की गई है.

तीर्थ यात्रा समिति के अध्यक्ष पवन बंसल ने बताया कि बारिश के मद्देनज़र वॉटर प्रूफ टेंट के अलावा ज़मीन पर टेबल लगाकर बेड्स तैयार किए गए हैं. वहीं, समिति के सदस्य पवन अग्रवाल ने बताया कि कांवड़िये दिल्ली के अलग-अलग व्यंजनों जैसे फ्रूट चाट, टिक्की का लुत्फ़ लें सकेंगे.

वहीं उत्तरप्रदेश में नेम्पलेट विवाद पर मंत्री आतिशी ने कहा कि भारत देश में हर धर्म और जाति के लोग सद्भाव से जीते आए हैं. चाहे वो अलग अलग भाषा बोलते हो या अलग-अलग जाति या धर्म के हो. जहां भक्ति या त्योहार की बात आती है, सभी धर्म सभी जाति और सभी भाषा बोलने वाले लोग मिलकर भक्ति में धर्म के साथ खड़े रहते हैं. लेकिन भारतीय जनता पार्टी धर्म और जातियों के बीच में विवाद खड़े करने के अलावा कोई काम नहीं करती है. आखिर भाजपा क्यों कह रही है कि नाम डालना जरूरी है. क्योंकि भाजपा एक दलित विरोधी पार्टी है.

भाजपा के लोग चाहते हैं कि अगर किसी जाति या खास धर्म का नाम आ जाए, तो दूसरी जाति के लोग वहां खाना खाने से संकोच करेंगे. यह बहुत दुख की बात है. जब दिवाली का त्यौहार आता है तो एक हिंदू परिवार में हिंदू मुस्लिम सिख इसाई सभी की परिवार आते हैं. इसी तरह ईद के त्यौहार में सभी समुदाय के परिवार भी आते हैं. यही भारत की संस्कृति है. लेकिन भारतीय जनता पार्टी भक्ति के नाम पर भाषा, धर्म और जातियों में फूट पैदा करने की कोशिश कर रही है. देश के लोग भाजपा को कभी माफ नहीं करेंगे.