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Formation of New District: दिल्ली को मिल सकते हैं 3 नए जिले, जानें कैसे और कौन बनाता है नया जिला, क्या है पूरा प्रोसेस

Formation of New District: दिल्ली को जल्द ही नए जिले मिल सकते हैं. इसको लेकर बातचीत चल रही है. बता दें, जिलों में बदलाव या नए जिलों के निर्माण में केंद्र सरकार की कोई भूमिका नहीं होती है. इस मामले में राज्य सरकार कोई भी निर्णय लेने के लिए स्वतंत्र है.

कैसे बनता है कोई भी नया जिला कैसे बनता है कोई भी नया जिला
हाइलाइट्स
  • राज्य सरकार कोई भी निर्णय लेने के लिए स्वतंत्र है

  • दिल्ली को मिल सकते हैं 3 नए जिले

दिल्ली को तीन और नए जिले मिल सकते हैं. बेहतर प्रबंधन के लिए राष्ट्रीय राजधानी में जिलों की संख्या को बढ़ाया जा सकता है. दरअसल, दिल्ली में जिलों की संख्या में वृद्धि प्रस्तावित की गई है. इसके पीछे का कारण शहर की जनसंख्या है. लगातार बढ़ रही जनसंख्या को देखते हुए जिलों की संख्या को बढ़ाने पर विचार किया जा रहा है. 

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, दिल्ली सरकार के एक अधिकारी ने गुरुवार को इस बात की जानकारी दी. अधिकारियों के अनुसार, जबकि इस तरह की वृद्धि के दायरे को मापने के लिए एक अध्ययन चल रहा है, जिलों की संख्या 14 तक जा सकती है. वर्तमान में, शहर में 11 राजस्व जिले, 15 पुलिस जिले, 13 शिक्षा जिले और 12 नगर पालिका क्षेत्र हैं.

भारत में अभी कितने जिले हैं?

विकिपीडिया की मानें, तो अगस्त 2022 तक भारत में कुल 766 जिले हैं. 2011 की जनगणना में ये संख्या 640 थी और 2001 की जनगणना में ये 593 थीं. 1971 की जनगणना के बाद से औसत जिले का आकार छोटा और छोटा होता जा रहा है. 1981 की जनगणना में भारत में केवल 412 जिले थे, जिले का औसत आकार 7,788 वर्ग किमी था. लेकिन 2011 की जनगणना में, भारत में 640 जिले थे, जिनका औसत आकार सिर्फ 4,948 वर्ग किमी था. हालांकि, 2021 की जनगणना होनी बाकी है.

रिपोर्टों के अनुसार, 2011 की जनगणना के बाद से, लगभग 100 नए जिले जोड़े गए हैं. 2014 में आंध्र प्रदेश के आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में विभाजन के कारण कई जिलों में वृद्धि हुई है. वर्तमान में तेलंगाना में 33 जिले हैं और आंध्र प्रदेश में 13 जिले हैं.

कैसे होता है भारत में नए जिलों का निर्माण

नए जिले बनाने या मौजूदा जिलों को बदलने या खत्म करने की शक्ति राज्य सरकारों के पास होती है. यह या तो एक कार्यकारी आदेश के माध्यम से या राज्य विधानसभा में एक कानून पारित करके किया जा सकता है. कई राज्य इसके लिए आधिकारिक राजपत्र में अधिसूचना जारी करते हैं. हालांकि, जिलों में बदलाव या नए जिलों के निर्माण में केंद्र सरकार की कोई भूमिका नहीं होती है. इस मामले में राज्य सरकार कोई भी निर्णय लेने के लिए स्वतंत्र है.

कैसे मिलता है जिले को नया नाम?

हालांकि, अगर राज्य सरकार किसी जिले या रेलवे स्टेशन का नाम बदलना चाहती है, तो उसे गृह मंत्रालय से परमिशन लेनी पड़ती है. राज्य सरकार एक जिले के लिए एक नया नाम प्रस्तावित करती है और प्रस्ताव को गृह मंत्रालय को भेज देती है. उसके बाद, पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय, खुफिया ब्यूरो, डाक विभाग, भारतीय विज्ञान के भौगोलिक सर्वेक्षण और रेल मंत्रालय जैसे विभाग राज्य सरकार के प्रस्ताव को अपनी मंजूरी देते हैं.

क्यों बनते हैं नए जिले?

नए जिले बनाने के पीछे आम तौर पर शासन ठीक से चले, का विचार होता है. हालांकि, इसके लिए कभी कभी स्थानीय लोग भी मांग करते हैं. जिलों की संख्या और आकार एक राज्य से दूसरे राज्य में अलग-अलग हो सकता है. इसका कोई निर्धारित नियम नहीं है. हालांकि, एक राज्य में जिलों की संख्या हमेशा राज्य के क्षेत्र या इसकी आबादी पर निर्भर नहीं करती है.