
दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी (BJP) की सरकार 27 सालों के बाद फिर बन गई है. मुख्यमंत्री की कुर्सी पर रेखा गुप्ता (Rekha Gupta) बैठी हैं. दिल्ली की सीएम बनने के बाद रेखा गुप्ता के पास कई चुनौतियां होंगी. इनसे निपटने के लिए उन्हें कड़े फैसले लेने होंगे लेकिन क्या वह यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ तरह निर्णय ले सकेंगी. इसका जवाब है नहीं क्योंकि दिल्ली के सीएम के पास बिहार-यूपी या देश के अन्य राज्यों को मुख्यमंत्रियों की तरह शक्तियां नहीं होंगी. सीएम रेखा गुप्ता के पास पांच ऐसी पॉवर नहीं होंगी, जो दूसरे राज्यों के मुख्यमंत्रियों के पास होती हैं. जानते हैं कि वो पावर्स कौन सी हैं और दिल्ली की सीएम को कितनी सैलरी और क्या-क्या सुविधाएं मिलती हैं?
दूसरे राज्यों के मुख्यमंत्रियों की तरह दिल्ली सीएम के पास पॉवर क्यों नहीं
दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा प्राप्त नहीं है. दिल्ली केंद्र शासित प्रदेश होने के साथ देश की राष्ट्रीय राजधानी भी है, इसलिए केंद्र सरकार यहां की सुरक्षा और प्रशासन पर सीधा अपना नियंत्रण चाहती है. इसी के कारण कई शक्तियां केंद्र सरकार अपने पास रखती है. ऐसे में दिल्ली के सीएम के पास देश के अन्य पूर्ण राज्यों के मुख्यमंत्रियों की तरह सभी पावर्स नहीं होती. दिल्ली के पास आंशिक राज्य का दर्जा है. दिल्ली का प्रशासन संविधान के अनुच्छेद 239AA के तहत चलता है. इसके तहत दिल्ली के पास अपनी विधानसभा तो है लेकिन इसकी कुछ शक्तियां केंद्र सरकार के पास होती हैं. दिल्ली के कई पूर्व मुख्यमंत्री मांग कर चुके हैं कि दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिया जाए, जिससे दिल्ली के सीएम को वास्तविक पॉवर मिल सके.
कौन-कौन सी शक्तियां दिल्ली सीएम के पास नहीं
सीएम रेखा गुप्ता पुलिस को नहीं दे सकतीं कोई आदेश
अनुच्छेद 239AA के तहत दिल्ली पुलिस केंद्र सरकार के गृह मंत्रालय के अधीन आती है. दिल्ली सरकार को कानून-व्यवस्था और क्राइम कंट्रोल पर कोई अधिकार नहीं है. ऐसे में अगर दिल्ली में कोई दंगा या कानून-व्यवस्था की समस्या होती है तो मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता पुलिस को सीधे आदेश नहीं दे सकतीं.
लॉ-एंड ऑर्डर पर अधिकार नहीं
दिल्ली में लॉ-एंड ऑर्डर यानी कानून-व्यवस्था बनाए रखने की जिम्मेदारी भी केंद्र सरकार की है. दिल्ली की सीएम रेखा गुप्ता कानून व्यवस्था से जुड़े मामलों में निर्णय नहीं ले सकतीं. दिल्ली सरकार राजधानी में किसी भी तरह के सुरक्षा बलों को तैनात करने या हटाने का फैसला नहीं कर सकती.
भूमि पर नियंत्रण नहीं
दिल्ली में जमीन से जुड़े सभी मामलों का प्रबंधन केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय करता है. ऐसे में दिल्ली सरकार रियल एस्टेट या सरकारी जमीन पर सीधे फैसला नहीं ले सकती. इसके लिए दिल्ली सीएम रेखा गुप्ता को केंद्र सरकार से इजाजत लेनी पड़ेगी.
म्यूनिसिपल कॉर्पोरेशन पर कंट्रोल नहीं
दिल्ली का नगर निगम यानी म्यूनिसिपल कॉर्पोरेशन (MCD) अलग यूनिट के रूप में काम करता है और यह केंद्र सरकार के अधीन है. MCD में दिल्ली सरकार का सीमित प्रभाव होता है. इनमें नगर सेवाएं जैसे सफाई, सड़क मरम्मत आदि शामिल है.
उपराज्यपाल का रोल अहम
दिल्ली में उपराज्यपाल (LG) का रोल बहुत अहम होता है. दिल्ली सरकार की ओर से बनाए गए कई कानूनों और नीतियों को लागू करने से पहले उपराज्यपाल की मंजूरी लेनी जरूरी होती है. इतना ही LG के पास कुछ मामलों में वीटो पावर भी होती है और वे निर्णय केंद्र सरकार को भेज सकते हैं. ऐसे में दिल्ली की मुख्यमंत्री और उनकी पूरी कैबिनेट कुछ नहीं कर सकती.
दिल्ली की सीएम रेखा गुप्ता की कितनी होगी सैलरी
1. दिल्ली के सीएम को हर महीने एक लाख 70 हजार रुपए की सैलरी मिलती है. बतौर सीएम रेखा गुप्ता को इतनी ही सैलरी मिलेगी. इसमें उनकी बेसिक सैलरी 60 हजार रुपए होगी.
2. दिल्ली की सीएम रेखा गुप्ता को सैलरी के अलावा कई तरह के भत्ते मिलेंगे. भत्ते के तौर पर 30 हजार रुपए विधानसभा अलाउंस मिलेगा. 25 हजार रुपए सचिवीय सहायता, 10 हजार रुपए टेलीफोन अलाउंस, 10 हजार रुपए ट्रैवल अलाउंस और दैनिक भत्ता 1500 रुपए मिलेगा.
3. दिल्ली की सीएम रेखा गुप्ता को बतौर मुख्यमंत्री एक सरकारी आवास मिलेगा. इसमें रहने के लिए कोई किराया नहीं देना होगा. सरकारी वाहन के लिए हर महीने 7 सौ लीटर मुफ्त पेट्रोल मिलेगी. यदि अपना वाहन इस्तेमाल कर रही हैं तो उन्हें हर महीना 10 हजार रुपए भत्ता अलग से मिलेगा. हर महीने पांच हजार यूनिट मुफ्त बिजली मिलेगी.
4. दिल्ली के सीएम को सरकारी अस्पताल, रेफरल हॉस्पिटल में निशुल्क इलाज की सुविधा मिलती है. दिल्ली के सीएम को लोन की सुविधा मिलती है. मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता अपने कार्यकाल के दौरान 12 लाख रुपये तक का लोन ले सकती हैं.
5. दिल्ली के सीएम को घूमने के लिए भी पैसा मिलता है. यदि दिल्ली का मुख्यमंत्री अकेले या परिवार के साथ देश में कहीं घूमने जाते हैं तो वह साल में एक बार एक लाख रुपए तक खर्च कर सकते हैं.
6. दिल्ली के सीएम को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेते ही एक बार में एक लाख रुपए दिया जाता है. इस रकम से वो लैपटॉप, पर्सनल कंप्यूटर, प्रिंटर और मोबाइल खरीद सकते हैं.