केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार (13 मार्च) को दो नए दिल्ली मेट्रो कॉरिडोर के विकास को मंजूरी दे दी है. ये कॉरिडोर लाजपत नगर को साकेत में जी ब्लॉक और इंद्रलोक को इंद्रप्रस्थ से जोड़ेंगे. इनकी कुल लंबाई लगभग 20 किमी है. नए कॉरिडोर से करीब 2.5 लाख यात्रियों को फायदा होगा. यह घोषणा लोकसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा से कुछ दिन पहले हुई है. मेट्रो प्रोजेक्ट पर करीब 8,600 करोड़ रुपये की लागत आएगी.
लंबाई और स्टेशनों की संख्या
लाजपत नगर-साकेत जी ब्लॉक कॉरिडोर 8 किमी की दूरी तय करेगा और इसमें आठ स्टेशन होंगे. यह रूट सिल्वर, मेजेंटा, पिंक और वॉइलेट लाइन्स को कनेक्ट करेगा.वहीं इंद्रलोक-इंद्रप्रस्थ लाइन 12 किमी लंबी होगी और इसमें 10 स्टेशन होंगे. ये नई लाइनें सीधी कनेक्टिविटी प्रदान करेंगी और यात्रियों के लिए यात्रा के समय को कम करेंगी,जिससे लंबे चक्कर लगाने की आवश्यकता समाप्त हो जाएगी. वे शहर में बढ़ती भीड़भाड़ को भी कम करने में मदद करेंगी.
इंद्रलोक से इंद्रप्रस्थ
ग्रीन लाइन को विस्तार देते हुए इंद्रलोक से इंद्रप्रस्थ के बीच मेट्रो लाइन का निर्माण किया जाएगा. इस रूट पर करीब 10 स्टेशन होगे और 12 किलोमीटर लंब इस लाइन का 11.349 किमी हिस्सा अंडरग्राउंड जबकि 1.028 किमी हिस्सा रूट एलिवेटेड होगा. इससे आपको रेड, येलो, एयरपोर्ट लाइन, मेजेंटा, वॉइलेट और ब्लू लाइंस के बीच इंटरचेंज की भी सुविधा मिलेगी.
ढूंढ़े जा रहे ठेकेदार
एक बार परियोजनाएं स्वीकृत हो जाने के बाद,डीएमआरसी ठेकेदारों का चयन बोली के जरिए करेगा.दिल्ली मेट्रो का विस्तार दिल्ली-एनसीआर में यात्रा को बेहतर बनाने और प्रदूषण को कम करने के सरकार के दृष्टिकोण का हिस्सा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने क्षेत्र में बुनियादी ढांचे के विकास के महत्व पर जोर देते हुए कहा है कि मेट्रो लाइनों के विस्तार से यातायात की भीड़ को कम करने और प्रदूषण पर अंकुश लगाने में मदद मिलेगी.
इससे पहले,दिल्ली सरकार ने तीन मेट्रो रेल लाइनों के विकास के लिए समझौता ज्ञापन (MOU) को मंजूरी दे दी थी.इसके अलावा फेज IV के तहत तीन अन्य गलियारों के लिए मंजूरी अभी मांगी जा रही है. उत्तर प्रदेश में चारबाग-वसंत कुंज कॉरिडोर की हालिया मंजूरी और मुंबई में मेट्रो-3 कॉरिडोर के फेज-1 के लिए एकीकृत परीक्षणों की शुरुआत भी मेट्रो नेटवर्क के विस्तार में महत्वपूर्ण विकास हैं.
इन समस्याओं का होगा समाधान
नए दिल्ली मेट्रो कॉरिडोर की मंजूरी से कनेक्टिविटी में सुधार होगा और शहर में बढ़ती भीड़भाड़ का समाधान होगा. बुनियादी ढांचे के विकास और मेट्रो लाइनों के विस्तार पर सरकार का ध्यान यात्रा को बढ़ाने और प्रदूषण को कम करने के प्रति उसकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है.