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दिवाली पर दिल्ली के लिए गुड न्यूज, जल्द खुलेगा वर्चुअल बाजार, जानें क्या है खास?

इस पोर्टल पर जरिए वर्चुअल बाजार विकसित किए जा रहे हैं. अब लाजपत नगर और सरोजनी नगर मार्केट से लेकर कॉलोनियों के अंदर के छोटे डीडीए बाजारों तक 'दिल्ली बाजार' पर वर्चुअल अवतार में मौजूद रहेंगे. इससे पोर्टल के माध्यम से अमेरिका में बैठे लोग भी वर्चुअली हौज खास बाजार में घूम सकेंगे और वहां की दुकानों से खरीदारी कर सकेंगे.

अब दिल्ली की स्ट्रीट शॉपिंग भी हो सकेगी ऑनलाइन अब दिल्ली की स्ट्रीट शॉपिंग भी हो सकेगी ऑनलाइन
हाइलाइट्स
  • इस पोर्टल पर वर्चुअल बाजार विकसित किए जा रहे हैं

  • अभी यह परियोजना संवाद और विकास आयोग के अधीन है

दिल वालों की नगरी दिल्ली में अक्सर ही लोग समान खरीदने तो आते हैं. लेकिन कौन सा सामान खरीदना कहां से है, ये पता लगा पाना उनके लिए काफी मुश्किल हो जाता है. हालांकि दिल्ली सरकार की एक पहल इस समस्या से निजात दिलाएगी. दरअसल सरकार ने एक ऐसा पोर्टल तैयार किया है. जिसमें आपको दिल्ली कि हर छोटी-बड़ी दुकान का पता मिल सकेगा. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिवाली के अवसर पर इस पोर्टल की घोषणा की है. दिल्ली सरकार ने अगस्त 2022 तक दिल्ली में सभी व्यापारियों, दुकानदारों और सेवा प्रदाताओं के लिए "ऑनलाइन पहचान" बनाने के लिए 'दिल्ली बाजार' नाम के एक ऑनलाइन पोर्टल स्थापित करने का निर्णय लिया है.

दिल्ली के विकास को मिलेगा बढ़ावा
केजरीवाल ने कहा कि यह परियोजना दिल्ली के जीडीपी, रोजगार और कर राजस्व को तेजी से बढ़ने में मदद करेगा. हर उद्योगपति, दुकानदार, सेवा प्रदाता को इस पोर्टल पर जगह मिलेगी. दिल्ली में प्रत्येक उद्यमी की अपनी ऑनलाइन दुकान होगी. वे इस पोर्टल पर अपने सभी उत्पादों और सेवाओं का प्रदर्शन करने में सक्षम होंगे, जिससे उन्हें न केवल दिल्ली या भारत में बल्कि पूरी दुनिया में अनगिनत लोगों तक पहुंचने में मदद मिलेगी.

पोर्टल पर होगा दिल्ली का वर्चुअल बाजार
केजरीवाल ने बताया कि इस पोर्टल पर वर्चुअल बाजार विकसित किए जा रहे हैं. उदाहरण के तौर पर मान लीजिए कि प्रसिद्ध खान मार्केट का इस पोर्टल पर एक ऑनलाइन खान मार्केट होगा, जहां लोग वर्चुअल वॉक-थ्रू पर जा सकते हैं और अपने फोन या कंप्यूटर पर जगह का अनुभव प्राप्त कर सकते हैं. लाजपत नगर और सरोजनी नगर मार्केट से लेकर कॉलोनियों के अंदर के छोटे डीडीए बाजारों तक 'दिल्ली बाजार' पर वर्चुअल अवतार में मौजूद रहेंगे. अमेरिका में बैठे लोग भी वर्चुअली हौज खास बाजार में घूम सकेंगे और वहां की दुकानों से खरीदारी कर सकेंगे. यह सब सीधे उपभोक्ता के लिए होगा, आप एक निश्चित दुकान या उत्पाद की खोज कर सकते हैं और आपके सामने सभी विकल्प आसानी से आ जाएंगे.

ऑनलाइन सामान पर नहीं देना होगा कमीशन
दरअसल अभी यह परियोजना संवाद और विकास आयोग के अधीन है. इसके लिए तैयार किए गए प्रस्ताव में कहा गया है कि खरीदार गलियों, दुकानों और स्थलों के माध्यम से नेविगेट करके और कैटलॉग के माध्यम से वस्तुओं या सेवाओं का चयन करके ई-बाजारों को "वर्चुअल अनुभव" से सकते हैं. इस पोर्टल के जरिए आप सिंगल और बल्क ऑर्डर के लिए ऑनलाइन खरीद और बिक्री, ऑनलाइन व्यापार और बिक्री पूछताछ का भी फायदा उठा सकते हैं. इसमें दिया गया खोज फ़िल्टर भूगोल, बाज़ारों, दुकानों और उत्पादों के अनुसार हैं. यहां तक की सरकार ने प्रस्ताव में ये भी बताया है कि किसी समान का कोई कमीशन नहीं देना होगा. 

"बिजनेस टू बिजनेस साइड"
दिल्ली मुख्यमंत्री का कहना है कि इस पोर्टल का एक व्यवसाय-से-व्यवसाय पक्ष भी है. मान लीजिए कि यूके के कुछ व्यवसायी भारतीय प्राचीन वस्तुएँ खरीदना चाहते हैं, वे हमारे पोर्टल पर जा कर, प्राचीन वस्तुओं की तलाश कर सकते हैं और थोक मात्रा में ऑर्डर भी कर सकते हैं. एक निश्चित क्षेत्र में एक प्रदर्शनी को सीमित करने के बजाय अद्वितीय ऑनलाइन प्रदर्शनियों को आयोजित करना संभव है. यह पोर्टल सबसे यूनीक चीजों के लिए भी अनंत अवसरों को बढ़ावा देगा.