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Bike Ambulance Service: 12 मिनट में मिलेगी मदद! दिल्ली में फिर से शुरू होने वाली है बाइक एंबुलेंस सर्विस

दिल्ली सरकार फिर से बाइक एंबुलेंस सर्विस को शुरू करने का फैसला किया है. आपको बता दें कि फरवरी 2019 में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर बाइक एंबुलेंस सर्विस की शुरुआत की गई थी. लेकिन कोरोना के चलते इस सर्विस को बंद कर दिया गया था.

दिल्ली सरकार फिर से बाइक एंबुलेंस सर्विस शुरू करने जा रही है दिल्ली सरकार फिर से बाइक एंबुलेंस सर्विस शुरू करने जा रही है

इमरजेंसी में घर पर फर्स्ट ऐड सुविधा देने के लिए दिल्ली सरकार ने बाइक एंबुलेंस सेवा फिर से शुरू करने का फैसला किया है. अगले तीन महीने में इस स्कीम के शुरू होने की उम्मीद है. सरकार ने साल 2019 में पायलट प्रोजेक्ट के तहत इस स्कीम को लॉन्च किया था. बाइक एंबुलेंस में जरूरी मेडिकल किट्स होगी और पारंपरिक एंबुलेंस की तुलना में भीड़भाड़ वाले इलाकों में ज्यादा अच्छी तरह से काम कर सकती है. इस सेवा का मकसद कम के कम समय में मरीजों को प्राथमिक इलाज देना है.

कोरोना काल में बंद कर दी गई थी सुविधा-
दिल्ली सरकार ने पायलट प्रोजेक्ट के तौर फरवरी 2019 में बाइक एंबुलेंस सर्विस की शुरुआत की थी. इस दौरान पूर्वी, पूर्वोत्तर और शहदरा जिले में 16 बाइक एंबुलेंस लॉन्च किए गए थे. टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली सरकार के सीनियर अधिकारी ने बताया कि सेंट्रलाइज्ड एक्सीडेंट एंड ट्रामा सर्विसेज इन 16 बाइक एंबुलेंस को ऑपरेट करती थी. लेकिन कोरोना के चलते इसको रोक दिया गया था. इसके कर्मचारियों को CATS कंट्रोल रूम में तैनात कर दिया गया था. 
रिपोर्ट के मुताबिक अधिकारी ने बताया कि गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस पोर्टल पर टेंडर के जरिए फिर से 16 बाइक एंबुलेंस सर्विस को शुरू किया जाएगा. अधिकारी ने बताया कि बाइक एंबुलेंस काफी उपयोगी है. क्योंकि ये भीड़भाड़ वाले इलाके में घटनास्थल पर जल्दी पहुंच सकती है और फर्स्ट ऐड मुहैया करा सकती है. दिल्ली में कुछ ऐसी कॉलोनियां हैं, जो काफी सकरी और भीड़भाड़ वाली हैं. वहां बड़ी गाड़ियों का जाना मुश्किल होता है.

बाइक एंबुलेंस में क्या होगा-
बाइक एंबुलेंस 30 किलोग्राम तक का मेडिकल सामान ले जा सकती है. इसमें एयर स्प्लिंट, सांस लेने में मदद के लिए एक Ambu बैग, एक ग्लूकोमीटर और एक प्लस ऑक्सीमीटर होगा. एक मैनुअल सक्शन मशीन और मरीजों को एक सकरी जगह से एंबुलेंस तक पहुंचाने के लिए फोल्डेबल ट्रांसफर शीट भी होगा. अधिकारी ने बताया कि कुछ ऊंचे इलाकों, अंदरूनी सड़कों पर पार्क की गई गाड़ियों और अतिक्रमण की चलते एंबुलेंस पहुंचने में दिक्कत होती है. ऐसी जगहों पर ये बाइक उपयोगी है.
अधिकारी ने बताया कि हादसा और दिल के दौरे जैसे गंभीर मामलों में कुछ मिनट ही जिंदगी और मौत के लिए काफी अहम होते हैं. कुछ ऐसे इंजेक्शन हैं, जो मरीजों को देने से डॉक्टर के पास इलाज शुरू करने का वक्त मिल जाता है.

12 मिनट में पहुंचेगी मदद-
पायलट प्रोजेक्ट के दौरान बाइक एंबुलेंस सर्विस के जरिए कम समय में मरीजों तक मदद पहुंचाई गई. इससे पहले औसतन एबुलेंस पहुंचने में 25 मिनट का समय लगता था. लेकिन बाइक एंबुलेंस 12 मिनट में पहुंची और मरीजों को समय पर इलाज मिला. जब भीड़भाड़ वाले इलाके से कोई इमरजेंसी कॉल आता है तो कंट्रोल रूम नियमित एंबुलेंस के साथ बाइक एंबुलेंस भी भेजता है. बाइक एंबुलेंस का मकसद नियमित एंबुलेंस पहुंचने से पहले मरीजों का प्राथमिक इलाज करना है.

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