प्रदूषण के खिलाफ दिल्ली सरकार ने बड़ी मुहिम छेड़ी है. दिल्ली सरकार ने कचरा और बायोमास को खुले में जलाने पर पूरी तरह रोक लगा दी है. इस मुहिम के तहत ज्यादा प्रदूषण वाली जगहों की निगरानी की जा रही है.
खुले में कूड़ा जलाने वालों पर एक्शन के लिए दिल्ली सरकार ने अलग-अलग टीमों का गठन किया है. दिल्ली सरकार पराली गलाने के लिए बायो डिकम्पोजर का इस्तेमाल करने का फैसला पहले ही कर चुकी है. दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने गुरूवार को इस एक महीने लंबे अभियान की शुरुआत की.
अभियान में शामिल हैं दस विभाग:
गोपाल राय ने मीडिया से बात करते हुए कहा, "हमने दिल्ली के भीतर प्रदूषण को कम करने के लिए कचरे और बायोमास को खुले में जलाने से रोकने के लिए एक अभियान शुरू किया है. इस अभियान में दस विभाग - डीपीसीसी, नगर निगम, राजस्व विभाग, दिल्ली विकास प्राधिकरण, विकास विभाग, डीएसआईआईडीसी, आई एंड एफसी विभाग और छावनी बोर्ड शामिल हैं."
उन्होंने बताया कि कुल 550 गश्ती दल बनाए गए हैं, जिनमें से 246 रात में तैनात किए जाएंगे. उन्होंने बताया कि एंटी-डस्ट अभियान का दूसरा चरण 12 नवंबर से 12 दिसंबर तक चलेगा.
गाज़ीपुर लैंडफिल का लिया जायजा:
राय ने कहा कि उन्होंने पूर्वी दिल्ली नगर निगम (ईडीएमसी) के अधिकारियों को गाज़ीपुर लैंडफिल में आग को नियंत्रित करने के लिए एक योजना तैयार करने का निर्देश दिया है, जिसके कारण हवा प्रदूषण बढ़ रहा है.
दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति की हालिया रिपोर्ट के अनुसार, ढाई साल में गाज़ीपुर लैंडफिल में केवल पांच प्रतिशत पुराने कचरे को संसाधित किया गया है. इस दर से समय पर काम पूरा होना मुश्किल है. इसलिए एक सही कार्य योजना तैयार करने की आवश्यकता है. जिसके लिए ईडीएमसी को कहा गया है.