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Green War Room: प्रदूषण पर 24 घंटे निगरानी रखेगा ग्रीन वॉर रूम, जानिए इसकी खासियत

Green War Room: दिल्ली के प्रदूषण पर 24 घंटे निगरानी रखने के लिए तैयार किया गया है ग्रीन वॉर रूम. यह ग्रीन वॉर रूम दिल्ली सरकार के विंटर एक्शन प्लान के तहत बनाया गया है.

Green War Room Green War Room
हाइलाइट्स
  • 13 सबसे अधिक प्रदूषित इलाकों को करेगा मॉनिटर

  • धूल प्रदूषण से निपटने के लिए 12 एजेंसियों को मिली जिम्मेदारी 

दिल्ली में सर्दियों में बढ़ते प्रदूषण को रोकने के लिए 15 सूत्रीय विंटर एक्शन प्लान की घोषणा हुई है. दिल्ली में वाहनों, धूल, इंडस्ट्री, पराली जलने से होने वाले प्रदूषण को कम करने के लिए और एक्शन प्लान लागू करने के मकसद से ग्रीन वॉर रूम 24x7 काम करेगा.

पर्यावरण मंत्री गोपाल राय का कहना है कि जनता से मुहिम को जोड़ने के लिए दिल्ली सरकार ने 'ग्रीन दिल्ली' एप मोबाइल पर डाउनलोड करने की अपील की है. इस एप से लोग दिल्ली के किसी भी कोने से फोटो क्लिक करके प्रदूषण की शिकायत कर सकते हैं. ये शिकायत वॉर रूम में आएगी और वॉर रूम से 28 विभागों को शिकायत भेजी जाएगी. वॉर रूम के लिए हर विभाग में एक नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है, जो प्रदूषण सम्बंधित शिकायत के निवारण के लिए क़ाम करेगा.

13 सबसे अधिक प्रदूषित इलाकों को करेगा मॉनिटर
साल 2023 में यह 'ग्रीन वॉर रूम' दिल्ली के 13 सबसे अधिक प्रदूषित रहने वाले इलाकों- आनंद विहार, मुंडका, वज़ीरपुर, जहांगीरपुरी, आर के पुरम, रोहिणी, पंजाबी बाग, ओखला, बवाना, विवेक विहार, नरेला, अशोक विहार और द्वारका को मॉनिटर करेगा. सभी हॉटस्पॉट पर प्रदूषण के 3500 सोर्स का पता लगाया गया है. यहां दिल्ली प्रदूषण कंट्रोल कमिटी द्वारा टीम डिप्लोय की जाएंगी और प्रदूषण की अलग-अलग वजहों को कम करने के लिए एक्शन लिया जाएगा. 13 हॉटस्पॉट में से सबसे अधिक प्रदूषण नरेला, मुंडका, और बवाना से 40% योगदान करते हैं. 

दिल्ली में पराली जलने से रोकने के लिए इस साल 14 अक्टूबर से पूसा इंस्टिट्यूट  5 हजार एकड़ खेत में 4000 लीटर घोल और 1000 पाउडर बायो डीकम्पोजर का छिड़काव करेगा. पिछले साल 4329 एकड़ खेतो में बायो डीकम्पोजर का छिड़काव हुआ था. पिछले साल दिल्ली के खेतों में 27,500 टन पराली जनरेट हुई थी. पराली जलने की जांच के लिए रेवेन्यू विभाग ने पिछले साल अक्टूबर से लेकर इस साल सितम्बर महीने तक 10,139 दौरे किए हैं.

12 एजेंसियों को मिली जिम्मेदारी 
दिल्ली में धूल प्रदूषण से निपटने के लिए 12 एजेंसियों की जिम्मेदारी तय है. 22 सितम्बर तक दिल्ली में डस्ट पोर्टल पर 1038 साइट रजिस्टर्ड हुई है. गर्मी के मौसम में करीब 1100 लोगों ने कंस्ट्रक्शन साइट पर, सड़कों पर, डस्ट कंट्रोल की निगरानी के लिए काम किया था, जिन्हें सर्दियों के दौरान भी एक्टिव किया जाएगा. 

इस साल 'ग्रीन वार रूम' में 17 साइंटिस्ट और एक्सपर्ट 24x7 नज़र बनाए रखेंगे, पिछले साल इनकी संख्या 9 थी. ग्रीन वॉर रूम कोपर्यावरण वैज्ञानिक डॉ नंदिता मोइत्रा हेड करेंगी. पिछले साल ग्रीन वार रूम में 70 हजार से ज़्यादा शिकायत आई और 90% से ज़्यादा शिकायत का निपटारा किया गया. ग्रीन दिल्ली एप पर MCD इलाकों की 45 हजार, PWD इलाकों की 10 हजार, और DDA की 4 हजार शिकायत आई थी. 

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