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World's Most Polluted Capital: एक बार फिर विश्व की सबसे प्रदूषित राजधानी बनी दिल्ली, रिपोर्ट ने किया दावा

दिल्ली की हवा लगातार जहरीली होती जा रही है. ऐसे में एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि दिल्ली विश्व की सबसे प्रदूषित राजधानी में से एक है. दिल्ली के बाद बांग्लादेश की राजधानी ढाका का नंबर आता है.

एक बार फिर विश्व की सबसे प्रदूषित राजधानी बनी दिल्ली एक बार फिर विश्व की सबसे प्रदूषित राजधानी बनी दिल्ली
हाइलाइट्स
  • मोतिहारी में सबसे ज्यादा प्रदूषण

  • दिल्ली में वापस से मिली कंस्ट्रक्शन की अनुमति

राजधानी दिल्ली के बढ़ते प्रदूषण से हर कोई वाकिफ है. दिल्ली में भी लगातार प्रदूषण का लेवल बढ़ता जा रहा है. दिल्ली की हवा अब लोगों के लिए जान का खतरा बनी हुई है. हाल ही में जारी हुए एक आंकड़े के अनुसार दिल्ली विश्व की सबसे प्रदूषित राजधानी है,  दिल्ली ने पिछले साल यानी 2021 में भी सबसे प्रदूषित राजधानी शहरों की एक अवांछित सूची में जगह बनाई थी .यह जानकारी ट्विटर पर वर्ल्ड ऑफ स्टैटिस्टिक्स नाम के एक यूजर @stats_feed हैंडल से शेयर की गई है.

16 नवंबर, 2022 को सांख्यिकी की दुनिया ने "सबसे प्रदूषित राजधानी शहरों 2021" की एक सूची साझा की, जिसके अनुसार बांग्लादेश की राजधानी ढाका दिल्ली के बाद दूसरे नंबर पर है. 

यहाँ पूरी सूची है:
दिल्ली
ढाका
नदजामेना
दुशांबे
मस्कट
काठमांडू
मनामा
बगदाद
बिश्केक
ताशकंद

मोतिहारी में सबसे ज्यादा प्रदूषण
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, (CPCB) द्वारा 13 नवंबर को साझा की गई "भारत के सबसे प्रदूषित शहर" का हवाला देते हुए एक रिपोर्ट के अनुसार, बिहार का मोतिहारी 413 AQI के साथ भारत का सबसे प्रदूषित शहर था, इसके बाद पूर्णिया (378) था, बेतिया (377), सीवान (372), अररिया (340), कटिहार (337), सहरसा (322), समस्तीपुर (317), दरभंगा (316), बक्सर (313), हिसार (311), फतेहाबाद (306) , दिल्ली (303), और सिंगरौली (302) है.

दिल्ली में वापस से मिली कंस्ट्रक्शन की अनुमति
14 नवंबर को, वायु गुणवत्ता में सुधार के कारण, वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने सोमवार को दिल्ली-एनसीआर से तत्काल प्रभाव से ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) के चरण- III के तहत उपायों को हटा लिया. इस क्षेत्र में अब एक बार फिर निजी निर्माण और विध्वंस गतिविधियों की अनुमति दी गई है.

दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण के स्तर के बीच, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कहा कि बच्चे वायु प्रदूषण से संबंधित बीमारियों के प्रति अधिक संवेदनशील हैं. बच्चों के अलावा, बुजुर्ग और गर्भवती महिलाओं को भी जहरीली हवा के संपर्क में आने से बीमारी से पीड़ित होने का अधिक खतरा होता है.