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All Women Police Post: दिल्ली में खुली पहली ऑल वुमन पुलिस पोस्ट... एक ऐसी चौकी जिसमें सभी पुलिसकर्मी महिलाएं हैं

उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने कहा दिल्ली पुलिस की पहली ऑल वुमन पुलिस पोस्ट का यहां उद्घाटन किया. इसकी काफी समय से मांग चल रही थी. इस पुलिस चौकी पर एक सब-इंस्पेक्टर इंचार्ज और उनके साथ 10 महिला कांस्टेबल हैं.

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राजधानी दिल्ली में महिलाओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए श्रद्धानंद मार्ग कमला मार्केट में पहले ऑल वुमेन पुलिस चौकी खोली गई है. इस पुलिस चौकी में सभी पुलिसकर्मी महिलाएं होंगी. 10 महिलाओं का स्टाफ इस महिला चौकी के लिए चुना गया है.

इस पुलिस चौकी की जिम्मेदारी सब इंस्पेक्टर किरण सेठी को दी गई है. किरण सेठी एक दशक से कमला मार्केट में अपनी ड्यूटी करती आई हैं. वॉइस इलाके को किरण बहुत अच्छे से जानती हैं और यहां की महिलाएं उन पर भरोसा भी करती हैं. यही भरोसा पूरे एरिया की महिलाओं को पुलिस पर हो सके इसकी कोशिश की जा रही है इस ऑल वुमेन चौकी के जरिए.

24 घंटे खुली रहेगी
ये पुलिस चौकी 24 घंटे महिलाओं की समस्या सुनने के लिए खुली रहेगी. पुलिस चौकी में सभी महिला पुलिसकर्मी यह सुनिश्चित करेंगी कि आसपास किसी नाबालिक लड़की के साथ जोर जबरदस्ती या खरीद फरोख्त ना हो. इसके अलावा इस बात पर भी ध्यान दिया जाएगा कि किसी महिला के साथ किसी भी तरीके का उत्पीड़न न हो. अगर किसी महिला के साथ ऐसा कुछ होता है तो उसकी परेशानी सुनकर जल्द से जल्द समस्या का समाधान निकाला जा सके.

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5 स्कूटी दी गई हैं
साथी इस पुलिस चौकी को 5 स्कूटी भी दी गई हैं. इसकी मदद से महिला पुलिसकर्मी सुबह शाम इलाके में गश्त करेंगी और यह सुनिश्चित करेंगी कि आसपास का माहौल सभी के लिए सुरक्षित हो. आसपास सीसीटीवी कैमरे और गलियों में लाइट का भी अच्छा इंतजाम किया गया है. इस महिला पुलिस चौकी को बनाने का मकसद है महिलाओं में पुलिस के प्रति डर को कम करना और साथ ही एक विश्वास को भी बनाए रखना. 

दिल्ली के एलजी बीके सक्सेना ने इस ऑल वुमेन पुलिस पोस्ट का उद्घाटन किया. उनका कहना है कि यह एक ऐतिहासिक फैसला दिल्ली पुलिस की तरफ से लिया गया है. यह चौकी महिलाओं की दिल्ली पुलिस में भागीदारी को भी दिखता है. लक्ष्य है कि दिल्ली पुलिस में महिलाओं की संख्या 33% तक आने वाले कुछ सालों में हो सके. श्रद्धानंद मार्ग एक ऐसा इलाका है जहां पर ब्रूटल हाउस में लड़कियों को रखा जाता है, सेक्स वर्क कराया जाता है. ऐसे इलाके में एक महिला चौकी का होना कितना जरूरी है. श्रद्धानंद मार्ग में महिलाओं के साथ दिनदहाड़े छेड़खानी की जाती है. उनके फोन छीन लिए जाते हैं. ऐसे में अगर महिला चौकी यहां पर खुली है तो महिलाओं को विश्वास रहता है कि एरिया अब थोड़ा सुरक्षित है.