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Delhi Meerut Rapid Rail: जल्द देश को मिलेगी पहली रैपिड रेल...पूरा हो गया फर्स्ट फेज का काम, एक घंटे में तय होगा दिल्ली से मेरठ का सफर

दिल्ली से मेरठ तक की रैपिड रेल का काम तेजी से चल रहा है. पहले चरण का काम पूरा किया जा चुका है. जल्द ही यात्री रैपिड रेल की सवारी कर पाएंगे. इसके जरिए मेरठ से दिल्ली तक का सफर एक घंटे में पूरा किया जा सकेगा.

हाइलाइट्स
  • रास्ते में होंगे कुल 25 स्टेशन

  • कोच में लगभग 75 यात्री बैठ सकेंगे

मेरठ, गाजियाबाद और दिल्ली को हाई-स्पीड रेलवे लाइन से जोड़ने वाली 82 किलोमीटर लंबी रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम का निर्माण जोरों पर है. मेगा प्रोजेक्ट की देखरेख करने वाली एजेंसी एनसीआरटीसी अगले कुछ हफ्तों में मेरठ सेंट्रल, फुटबॉल चौक, भंसाली और बेगमपुल को जोड़ने वाली एक सुरंग को पूरा कर लेगी. अक्टूबर में, उन्होंने बेगमपुल और गांधी बाग के बीच सुरंग का पहला चरण पूरा कर लिया है.

राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम मेरठ में दो किलोमीटर लंबी समानांतर सुरंगों के निर्माण पर ध्यान केंद्रित कर रहा है. सुरंग खोदने वाली मशीन शाफ्ट जल्द ही मेरठ सेंट्रल स्टेशन पहुंच जाएगी. एनसीआरटीसी ने अब तक 1100 मीटर सुरंग खोदने का काम पूरा कर लिया है और भंसाली-बेगमपुल खंड को विकसित कर रहा है.

आरआरटीएस क्या है?
एनसीआरटीसी की वेबसाइट के अनुसार, एजेंसी का उद्देश्य विभिन्न एनसीआर शहरों की यात्रा करने वाले लोगों के लिए समर्पित, उच्च गति और आरामदायक कम्यूटर सेवा तैयार करना है. मेट्रो और इन ट्रेनों में अंतर यह होगा कि इन लाइनों पर कम स्टेशन होंगे और ट्रांजिट की गति 160 किमी प्रति घंटे तक होगी.

ये ट्रेनें करीब 45-50 मिनट में 100 किलोमीटर की दूरी तय कर सकेंगी. चूंकि दिल्ली और मेरठ के बीच की दूरी लगभग 75 किमी है, इसलिए संभव है कि दोनों शहरों के बीच यात्रा का समय एक घंटे से भी कम हो. सिस्टम अंतिम-मील कनेक्टिविटी विकल्प भी प्रदान करेगा. एजेंसी सिस्टम में रेलवे स्टेशनों, बस डिपो, हवाई अड्डों और मेट्रो स्टेशनों को एकीकृत करेगी.

रास्ते में होंगे कुल 25 स्टेशन
एक बार पूरी तरह से चालू हो जाने के बाद, आरआरटीएस दैनिक आधार पर अनुमानित आठ लाख यात्रियों को इसके जरिए सेवा देगा.गाजियाबाद एकमात्र आरआरटीएस स्टेशन होगा जो यूपी सरकार के अधिकार क्षेत्र में होगा. हिंदुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार गाजियाबाद स्टेशन में पांच एंट्री और एक्जिट प्वाइंट होंगे. इसी तरह, दिल्ली में सराय काले खां में भी पांच प्रवेश-निकास बिंदु होंगे. पूरा लाइन पर कुल 25 स्टेशन होंगे. मेरठ और दुहाई स्टेशनों पर चार प्रवेश-निकास बिंदु होंगे. प्रत्येक स्टेशन पर कम से कम 2 प्रवेश-निकास बिंदु होंगे. मार्च 2023 में रैपिड ट्रेन का परिचालन शुरू होना है. वहीं 2025 तक पूरी तरह से परिचालन शुरू करने का लक्ष्य रखा गया है.

बता दें कि 82 किमी लंबे रैपिड रेल कारिडोर का 68 किमी का हिस्सा उत्तर प्रदेश में है, जबकि 14 किमी का हिस्सा दिल्ली में है. दिल्ली से मेरठ तक 25 स्टेशन हैं, जिनमें सराय काले खां, न्यू अशोक नगर और आनंद विहार तीन स्टेशन दिल्ली में हैं, जबकि बाकी स्टेशन उत्तर प्रदेश में हैं.

ट्रेन कोच की मुख्य बातें
आठ मार्च 2019 को आरआरटीएस कारिडोर का शिलान्यास किया गया था. जून 2019 में सिविल निर्माण का कार्य शुरू हुआ. ट्रेन के एक कोच में लगभग 75 यात्री बैठ सकेंगे. जबकि पूरी ट्रेन में कुल 400 यात्री सफर कर सकेंगे.ट्रेन में छह कोच होंगे, इनमें से एक कोच महिलाओं के लिए आरक्षित होगा. ट्रेन के अंदर एक बिजनेस क्लास कोच होगा, जिसमें खान-पान का सामान भी मिलेगा. इसमें दायें-बायें दो-दो सीट बैठने के लिए होंगी. ट्रेन में सीट के पास ही मोबाइल चार्जिंग और वाई-फाई की सुविधा भी होगी. ट्रेन में सामान रखने के लिए अलग से रैक लगी मिलेगी. दिल्ली-मेरठ के बीच ट्रेन 5 से 10 मिनट के बीच मिला करेगी. करीब 8 लाख यात्री इससे रोजाना यात्रा कर सकेंगे.

रैपिड ट्रेन में दो तरह के कोच हैं. पहला प्रीमियम और दूसरा स्टेंडर्ड. व्यवस्था दुरुस्त रखने के लिए प्लेटफार्म पर भी एएफसी गेट रहेगा. कानकोर्स लेवल पर तो हर यात्री को अपनी टिकट का क्यू आर कोड स्कैन करना ही है. प्रीमियम कोच के यात्रियों को प्लेटफार्म पर दोबारा भी ऐसा करना होगा. ट्रेन के भीतर भी प्रीमियम कोच में दरवाजे लगे होंगे. मतलब, स्टेंडर्ड कोच के यात्री इसी श्रेणी के दूसरे कोच में तो आ जा सकेंगे, लेकिन प्रीमियम कोच में प्रवेश नहीं कर पाएंगे.