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Delhi-Mumbai-Vadodara Expressway: 2 घंटे में दिल्ली से जयपुर का सफर! दिल्ली-मुंबई-वडोदरा एक्सप्रेस वे के बारे में सबकुछ जानिए

देश के सबसे लंबे एक्सप्रेस वे को जर्मन तकनीक से बनाया जा रहा है. ये सड़क 50 साल तक नहीं टूटेगी. इसपर इलेक्ट्रिक गाड़ियों के लिए अलग से लेन होगा. इसके जरिए सिर्फ 12 घंटे में दिल्ली से मुंबई तक का सफर तय किया जा सकता है.

दिल्ली-मुंबई-वडोदरा एक्सप्रेस वे दिल्ली-मुंबई-वडोदरा एक्सप्रेस वे
हाइलाइट्स
  • 12 घंटे में दिल्ली से मुंबई का सफर होगा पूरा

  • 2 घंटे में दिल्ली से जयपुर जा सकते हैं

दिल्ली से जयपुर जाना आसान हो जाएगा. आने वाले समय में सिर्फ 2 घंटे में ये दूरी तय कर सकते हैं. इतना ही नहीं, दिल्ली से मुंबई का सफर सिर्फ 12 घंटे में पूरा कर सकते हैं. ये सबकुछ दिल्ली-मुंबई-वडोदरा एक्सप्रेस वे के निर्माण के बाद होगा. इस एक्सप्रेस वे का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है. 8 लेने वाले इस एक्सप्रेस वे का निर्माण राजस्थान के दौसा तक पूरा हो चुका है. इसमें एक लेन इलेक्ट्रिक गाड़ियों के लिए होगा. इस तरह का प्रयोग भारत में पहली बार हो रहा है.

एशिया का पहला एनिमल ओवरपास एक्सप्रेस वे-
दिल्ली-मुंबई-वडोदरा एक्सप्रेस वे एशिया का पहला एनिमल ओवरपास एक्सप्रेस वे है. बूंदी-सवाई माधोपुर के बीच ग्रीन ओवरपास तैयार किया जा रहा है. ये दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा ग्रीन ओवरपास है. रणथंभौर नेशनल पार्क, बूंदी रामगढ़ टाइगर रिजर्व और कोटा मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व के बीच 5 ग्रीन ओवर पास बनाए जा रहे हैं. इसके अलावा 4 किलोमीटर लंबी एक सुरंग मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व में बनाई जा रही है और दूसरी सुरंग महाराष्ट्र के माथेराम ईको सेंसिटिव जोन में बनाई जाएगी.
इस एक्सप्रेस वे पर पहली बार देश में इलेक्ट्रिक लेन की सुविधा होगी. 8 लेन का ये हाईवे जरूरत पड़ने पर 12 लेन का किया जा सकता है. इस एक्सप्रेस वे के निर्माण में जर्मन तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है. ये सड़क 50 साल तक नहीं टूटेगी. 

एक्सप्रेस वे पर क्या है खास-
इस एक्सप्रेस वे पर हर 500 मीटर की दूरी पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे. इस हाईवे पर स्पीड ब्रेकर नहीं होगा. हाईवे पर जानवरों को आने से रोकने की व्यवस्था की गई है. हाईवे के दोनों तरफ बैरिकेडिंग की गई है. हाईवे पर स्पीड गवर्नर लगाए गए हैं. 120 किलोमीटर की स्पीड तय की गई है. इससे ज्यादा की स्पीड से गाड़ी चलाने पर ऑनलाइन चालान कट जाएगा. हाईवे पर हर जगह गाड़ी रोकने पर पाबंदी है. बिना खराबी के गाड़ी कहीं भी नहीं रोक सकते हैं. हाईवे पर गाड़ी रोकने के लिए रेस्ट एरिया बनाए जाएंगे. अगर हाईवे पर हादसा के वक्त मदद के लिए मोबाइल वैन की सुविधा होगी.
हाईवे पर हर 50 किलोमीटर पर 93 जगहों पर रेस्ट एरिया बनाए जाएंगे. रेस्ट एरिया में नाइट स्टे के लिए होटल, एटीएम, फूड कोर्ट, बर्गर किंग, सबवे और जनरल स्टोर जैसी सुविधाएं होंगी.

एक्सप्रेस वे पर हेलीपैड की भी सुविधा-
दिल्ली-मुंबई-वडोदरा एक्सप्रेस वे पर हेलीपैड की भी सुविधा होगी. हर 100 किलोमीटर पर ट्रॉमा सेंटर बनाए जाएंगे. ताकि मेडिकल इमरजेंसी में तत्काल इलाज मिल सके. एयर एंबुलेंस के लिए जगह-जगह हेलीपैड भी बनाए जाएंगे. 

टोल का क्या है खेल-
एक्सप्रेस वे पर इंट्री के वक्त टोल नहीं कटेगा. जब हाईवे छोड़ेंगे तो टोल देना पड़ेगा. इस एक्सप्रेस वे पर जितना सफर करेंगे, उतना ही टोल देना होगा. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक कार के लिए हर किलोमीटर पर 0.65 पैसे टोल लगेगा.  जबकि मिनी बस और कमर्शियल गाड़ियों पर 1.05 रुपए, बस और ट्रक पर 2.20 रुपए और हैवी गाड़ियों पर 4.20 रुपए टोल लगेगा.
 
कहां से गुजरेगा एक्सप्रेस वे-
ये एक्सप्रेस वे दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र से होकर गुजरेगी. 8 लेन का ये एक्सप्रेस वे 1350 किलोमीटर लंबा होगा. एक्सप्रेस वे का सबसे ज्यादा हिस्सा 426 किमी गुजरात में, 373 किमी राजस्थान में, 244 किमी मध्य प्रदेश में, 171 किमी महाराष्ट्र में और 129 किमी हरियाणा में होगा. इसको बनाने के लिए पांचों राज्यों में 1500 हेक्टेयर जमीन का इस्तेमाल होगा.

एक्सप्रेस वे से बचेगा सफर का समय-
दिल्ली से जयपुर जाने में अभी 5 घंटे का समय लगता है. लेकिन इस हाईवे के बनने के बाद सिर्फ 2 घंटे में ये दूरी तय कर सकते हैं. फिलहाल दिल्ली से मुंबई जाने में 24 घंटे का वक्त लगता है. लेकिन इस एक्सप्रेस वे से सिर्फ 12 घंटे में आर्थिक राजधानी पहुंच जाएंगे. दिल्ली से दौसा की दूरी 4 घंटे की बजाय 2 घंटे में पूरी हो जाएगी. जबकि दिल्ली से चंडीगढ़ जाने में 5 घंटे की बजाय 2 घंटे में पहुंच जाएंगे.

कैसे बन रहा है एक्सप्रेस वे-
एक्सप्रेस वे बनाने के लिए फाइबर के मोटे दानों का इस्तेमाल किया जा रहा है. इसमें विशेष चट्टान के मैट्रिक्स का महीन दाने वाला पदार्थ मिलाया जाता है. जिससे सड़क भारी गाड़ियों से नहीं धंसेगी. अगर 10 साल तक एक्सप्रेस वे में कोई भी दिक्कत आती है तो कंपनी रिपेयर कराएगी. इस सड़क के निर्माण में 12 लाख टन स्टील का इस्तेमाल होगा. जो 50 हावड़ा ब्रिज के बराबर है. एक्सप्रेस वे को बनाने के लिए 80 लाख टन सीमेंट का इस्तेमाल होगा. इस प्रोजेक्ट पर एक लाख करोड़ की लागत आएगी. इस बनाने में 50 लाख से अधिक कर्मचारियों को रोजगार मिलेगा. 

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