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दिल्ली-एनसीआर प्रदूषण के लिए कौन जिम्मेदार, जानिए क्या कहते हैं आंकड़े

सीएसई के अध्ययन में कहा गया है कि इस साल 24 अक्टूबर से 8 नवंबर के बीच दिल्ली के प्रदूषण में वाहनों की भागीदारी 50% से अधिक रही . इसके बाद घरेलू प्रदूषण (12.5% ​​-13.5%) का योगदान रहा.

Delhi Pollution Delhi Pollution
हाइलाइट्स
  • प्रदूषण का प्रमुख कारण उद्योग और परिवहन: सुप्रीम कोर्ट

  • आंकड़ों के हिसाब से किसकी कितनी भागीदारी 

  • दिल्लीवासियों को स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतों का करना पड़ रहा सामना

  • दिल्ली सरकार ने प्रदूषण को रोकने के लिए चलाई कई मुहिम 

दिल्ली में बढ़ता प्रदूषण लोगों के लिए जान का जंजाल बना हुआ है. बढ़ते प्रदूषण ने दिल्ली को पूरी तरह अपनी चपेट में ले लिया है. दिल्ली सरकार ने हमेशा से इसके लिए पंजाब और हरियाणा क्षेत्र में इस मौसम में जलाए जाने वाले पराली को जिम्मेदार ठहराया है. केंद्र सरकार ने सोमवार को दिल्ली में वायु गुणवत्ता संकट पर सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट को एक साइंटिफिक स्टडी का हवाला देते हुए बताया कि सर्दियों में होने वाले दिल्ली के गंभीर प्रदूषण हालात में पराली जलाने से होने वाले प्रदूषण का केवल 4 प्रतिशत योगदान है. 

प्रदूषण का प्रमुख कारण उद्योग और परिवहन: सुप्रीम कोर्ट 

जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ ने कहा कि किसानों के पराली जलाने का सर्दियों में होने वाले प्रदूषण में योगदान केवल 4% ही है और यह महत्वहीन है. सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि "प्रदूषण के प्रमुख कारण" उद्योग, परिवहन और सड़क की धूल हैं और "कुछ हद तक" पराली जलाना है. कोर्ट ने कहा कि केंद्र और राज्यों को दिल्ली और उसके आसपास अपने कर्मचारियों के लिए वर्क फ्रॉम होम पर विचार करना चाहिए और किसानों को खेत का कचरा नहीं जलाने के लिए मनाना चाहिए. अदालत ने केंद्र को ‘इमिडिएट स्टेप्स’ पर फैसला करने के लिए राज्यों और अन्य अधिकारियों की मंगलवार को एक आपात बैठक बुलाने का भी निर्देश दिया.

आंकड़ों के हिसाब से किसकी कितनी भागीदारी 

एक थिंक टैंक ‘सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट’ (सीएसई) के एक अध्ययन ने राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण के लिए वाहनों को जिम्मेदार ठहराया है. सीएसई ने 24 अक्टूबर से 8 नवम्बर तक होने वाले प्रदूषण के कारकों का अध्ययन किया.

कारण  योगदान 
वाहन >50%
घर  12.5%-13.5%
उद्योग  9.9-13.7%
निर्माण कार्य 6.7-6.9%

दिल्लीवासियों को स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतों का करना पड़ रहा सामना

प्रदूषण की वजह से दिल्लीवासियों को स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. लोकलसर्किल की तरफ से किए गए सर्वेक्षण में यह बात सामने आई कि पिछले कुछ दिनों से दिल्ली और एनसीआर क्षेत्रों में लोगों को नाक बहना, आँखों में जलन, सांस लेने में दिक्कत जैसी दिक्कतें आ रही हैं. बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए दिल्ली सरकार ने हाल ही में एक हफ्ते के लिए सभी स्कूल और सरकारी दफ्तर बंद करने का ऐलान किया था.

दिल्ली सरकार ने प्रदूषण को रोकने के लिए चलाई कई मुहिम 

पिछले महीने, दिल्ली सरकार ने राजधानी में प्रदूषण को रोकने के लिए रेड लाइट ऑन, गाड़ी ऑफ (रेड लाइट ऑन, इग्निशन ऑफ) अभियान शुरू किया था. इस अभियान के तहत दिल्ली सरकार ने लोगों से रेड लाइट सिग्नल पर अपने इंजन बंद करने का अनुरोध किया. इसके अलावा, दिल्ली के मुख्यमंत्री ने लोगों से वाहनों से होने वाले प्रदूषण को कम करने के लिए हर हफ्ते कम से कम एक दिन अपने निजी वाहनों का इस्तेमाल नहीं करने को कहा था. गाड़ियों के धुंए से होने वाले प्रदूषण को कम करने के लिए दिल्ली सरकार कई बार ‘ऑड-इवन’ तरीके का इस्तेमाल कर चुकी है.