गुरुवार देर रात और तड़के सुबह हुई बारिश ने लोगों को तो चौंकाया ही है बल्कि इससे मौसम विभाग भी चौंक गया है. प्रदूषण झेल रही दिल्ली के लिए बारिश जरूरी तो थी लेकिन वेस्टर्न डिस्टरबेंस किस तरीके का होगा इसे लेकर मौसम विभाग के पास भी पूरी जानकारी नहीं थी. विभाग को अंदाजा था कि शुक्रवार को दिल्ली में असर दिखने वाला पश्चिम विकशॉप कमजोर होगा और उसके चलते दिल्ली में बादल छाएंगे लेकिन बारिश नहीं होगी. लेकिन न सिर्फ बारिश हुई बल्कि तेज हवाएं भी चली और प्रदूषण का स्तर काफी नीचे चला गया.
क्यों रहा बारिश का मौजूदा दौर मौसम विभाग के लिए सरप्राइज भरा
ऐसा नहीं था कि मौसम विभाग के पास यह सूचना न रही हो कि वेस्टर्न डिस्टरबेंस दिल्ली और आसपास के इलाकों का रुख कर रहा है. पूर्वानुमान मौसम विभाग ने भी लगाया था और उसके हिसाब से उन्होंने इसे कमजोर सिस्टम माना और दिल्ली में बारिश होने की संभावना नहीं जताई. लेकिन जब गुरुवार की शाम वेस्टर्न डिस्टरबेंस दिल्ली के पास आ गया तब मौसम विभाग भी अचरज से भर गया. भारतीय मौसम विभाग की सीनियर वैज्ञानिक सोम सेन राय बताती हैं, "दर्शन पहले हमें यह कमजोर दिखाई पड़ रहा था लेकिन गुरुवार शाम को इसकी गहराई हमें ज्यादा मालूम चली और इसी वजह से एक साइक्लोनिक सिस्टम बन रहा था जो अरब सागर की ओर से नमी खींच रहा था और उसने दिल्ली और आसपास के इलाकों में बारिश करवाई". इसलिए बिल्कुल करीब आने के बावजूद दिल्ली पर क्या असर होगा इसका खास अंदाज़ मौसम विभाग तक को नहीं था.
कब तक रहेगा मौसम का यह मिजाज
मौजूदा सिस्टम दिल्ली में बहुत ज्यादा देर तक टिकने की संभावना काफी कम है और शुक्रवार की शाम से ही मौसम साफ होना शुरू हो जाएगा. सोमा सेन राय बताती है कि यह सिस्टम बहुत तेजी से आगे बढ़ रहा है और वह पूर्व की दिशा में चला जाएगा उसके बाद दिल्ली में दोबारा शुष्क मौसम रहेगा. सिर्फ इतना ही नहीं इसके बाद न्यूनतम तापमान में भी अच्छी खासी गिरावट आएगी और पर 2 से 4 डिग्री तक लुढ़क जाएगा. यानी कल से गर्म कपड़े निकालने के लिए तैयार रहिए क्योंकि खास तौर पर रात और सुबह के तापमान में ठंडक मौजूद रहेगी.
-कुमार कुनाल की रिपोर्ट