पिछले 10 दिनों से ज्यादा प्रदूषण से जूझ रही दिल्ली में शुक्रवार की देर रात और सुबह हुई बारिश ने प्रदूषण को अचानक कम कर दिया. सबके मन में सवाल है कि सर्दियों के मौसम में यह बारिश आखिरकार आई कहां से? दिल्ली समेत उत्तर पश्चिम भारत में सर्दियों के मौसम में आमतौर पर वेस्टर्न डिस्टरबेंस यानी पश्चिमी विक्षोभ की वजह से बारिश होती है.
दरअसल पश्चिमी विक्षोभ की वजह से हमारे देश में सर्दियों के मौसम में बारिश होती है जिसका असर दिल्ली के पॉल्यूशन पर देखने को मिल रहा है. यह पश्चिमी विक्षोभ यानी वेस्टर्न डिस्टरबेंस शुरू मेडिटरेनियन इलाकों से होते हैं जहां पर भूमध्य सागर का प्रभाव है. यूक्रेन और उसके आसपास के इलाकों से हवा आद्रता लेकर के आती है और हिमालय के ऊंचे इलाकों में बर्फबारी करवाती है जबकि मैदानी इलाकों में हवाओं के साथ बारिश होती है.
शीत लहर का भी है कारण
ठंडे यानी पोलर इलाकों में एक अधिक दबाव का क्षेत्र बनता है जो वहां से नमी को लेकर गर्म और कम दबाव के क्षेत्र में आता है. भारत के मैदानी इलाकों में सर्दियों की शुरुआत आमतौर पर ऐसी ही बारिश से होती है और उत्तर भारत में तो शीत लहर के लिए भी वेस्टर्न डिस्टरबेंस के जरिए की गई बारिश बड़ी वजह मानी जाती है.
इस साल पूरे विश्व में एल नीनो का प्रभाव है जिसकी वजह से तापमान अधिक रहा है और एक वजह यह भी है कि इस बार पश्चिमी विक्षोभ मजबूती से भारत की तरफ नहीं आए हैं. 10 नवंबर को हुई बारिश लगभग एक महीने के बाद पहला वेस्टर्न डिस्टरबेंस है.
(कुमार कुनाल की रिपोर्ट)