
EV Policy 2.0: दिल्ली सरकार ने वायु प्रदूषण को कम करने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है. 15 अगस्त 2025 से दिल्ली में नए सीएनजी ऑटो रिक्शा का रजिस्ट्रेशन बंद कर दिया जाएगा. इसके साथ ही साल 2026 से पेट्रोल, डीजल और सीएनजी दो पहिया वाहनों का रजिस्ट्रेशन भी बंद हो जाएगा.
सरकार की योजना है कि 2027 तक दिल्ली में 95% नए वाहन इलेक्ट्रिक हों और 2030 तक इसे बढ़ाकर 98% तक कर दिया जाए. इसके लिए दिल्ली की बीजेपी सरकार नई इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी (Electric Vehicles Policy) यानी ईवी पॉलिसी लेकर आ रही है. पिछली पॉलिसी का लक्ष्य 2024 तक 25% इलेक्ट्रिक वाहनों का रजिस्ट्रेशन करना था, लेकिन ये केवल 13-14 प्रतिशत ही हासिल हो सका.
नई ईवी नीति का क्या है मुख्य उद्देश्य
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा कि यह नीति न केवल पर्यावरण को बचाने में मदद करेगी, बल्कि दिल्ली को एक हरित शहर के रूप में भी स्थापित करेगी. नई ईवी नीति का मुख्य उद्देश्य दिल्ली की हवा को बेहतर बनाना है. सरकार ने इस नीति को तैयार करने के लिए तमाम स्टेकहोल्डर्स के सुझाव मांगे हैं. नीति का ड्राफ्ट कैबिनेट में भेजा जाएगा और मंजूरी मिलने के बाद इसे लागू किया जाएगा.
इलेक्ट्रिक बसों की होगी खरीद
नई नीति के तहत दिल्ली में ट्रांसपोर्ट के लिए केवल इलेक्ट्रिक बसों की खरीद की जाएगी. दूसरे राज्यों के लिए इस्तेमाल होने वाली बसें बीएस सिक्स होंगी. दिल्ली में निजी कार मालिकों को एक ही पते पर तीसरी या उससे अधिक कार केवल इलेक्ट्रिक कार खरीदनी होगी. सभी कचरा एकत्रित करने वाले वाहनों को चरणबद्ध तरीके से इलेक्ट्रिक वाहनों में बदला जाएगा.
चालकों ने जताई नाराजगी
नई नीति के तहत 10 साल से पुराने सीएनजी ऑटो रिक्शा को इलेक्ट्रिक ऑटो रिक्शा में बदलना अनिवार्य होगा. इस पर ऑटो चालकों ने नाराजगी जताई है. एक चालक ने कहा, हमारे चालक भाई रोड पर रात रात भर सो करके गैस भरवाने के लिए इंतजार करते थे तो सरकार को सबसे पहले व्यवस्थाएं देनी चाहिए.
चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी
चालकों ने चार्जिंग प्वाइंट की कमी पर भी चिंता जताई है. एक अन्य चालक ने कहा, अभी इतनी व्यवस्था नहीं है कि हम कहीं इलेक्ट्रिक ऑटो रिक्शा को चार्ज करके जा सकें. ऐसे में तो हमारी गाड़ी रास्ते में ही खड़ी हो जाएगी. चालकों ने सरकार से चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर को बेहतर बनाने की मांग की है.
आर्थिक सहायता की मांग
चालकों ने सरकार से आर्थिक सहायता की भी मांग की है. एक चालक ने कहा, हमारा 15 साल का परमिट है. हमने रोड टैक्स 15 साल का जमा किया है. अब हमारी सीएनजी गाड़ी नहीं चलेगी तो हमारा जो नुकसान हुआ उसकी सरकार भरपाई करे.