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दिल्ली में मिली अंग्रेजों के जमाने की पुलिस चौकी...किया गया मरम्मत का काम, आम लोग कर सकेंगे दीदार

बाहरी दिल्ली के सराय रोहिल्ला में 19वीं सदी की पुलिस चौकी का संरक्षण कर उसे नया रूप दिया गया है. इसे राष्ट्रीय राजधानी की सबसे पुरानी जीवित पुलिस चौकी माना जाता है.

Oldest police station Oldest police station

राजधानी दिल्ली में एक 200 साल पुरानी पुलिस चौकी आम लोगों के लिए फिर से खोली जाएगी. ये चौकी 1800 साल पुरानी है जिसे औपनिवेशिक शासन के दौरान बनाया गया था. अब इसका कायाकल्प करने का प्लान है. काफी समय से जर्जर हालात में पड़ी दिल्ली की सबसे पुरानी पुलिस चौकियों में से एक, बाढ़ की चौकी जल्द ही जनता के लिए खुलेगी. इंडियन नेशनल ट्रस्ट फॉर आर्ट एंड कल्चरल हेरिटेज (इंटैक) ने इस पर बहाली और संरक्षण का काम पूरा कर लिया है. आम लोग यहां जाकर पुरानी यादों को ताजा कर सकते हैं.

कैसे मिली चौकी
अधिकारियों के मुताबिक सितंबर में ही बहाल की गई चौकी का उद्घाटन हो सकता है. एसीपी राजेंद्र सिंह कलकल ने टाइम्स ऑफ से कहा, “हम यहां दिल्ली पुलिस का एक छोटा कार्यालय शुरू करेंगे. हम 200 साल से अधिक पुरानी संरचना की देखभाल करेंगे और इसे ठीक से बनाए रखेंगे.”हालांकि अभी इस बात की कोई जानकारी नहीं है कि दिल्ली पुलिस का कौन सा ऑफिस इस जगह से संचालित होगा. यह हेरिटेज बिल्डिंग 2006 में दिल्ली पुलिस को एकदम खराब हालत में मिली थी. कलकल ने बताया कि उन्हें एक कॉफी टेबल बुक, 'दिल्ली पुलिस: हिस्ट्री एंड हेरिटेज' के लिए शोध करते समय चौकी के बारे में पता चला था.

इस चौकी का उल्लेख मिर्जा संगिन बेग के 1820 के संस्मरणों में है, जिन्हें 'सैर-उल मनाज़िल' कहा जाता है. इसका अंग्रेजी में अनुवाद शमा मित्रा चेनॉय ने किया था, जिन्होंने कहा था कि काला पहाड़ के सामने एक पुलिस चौकी थी, जिसे अब शीतला मंदिर (उषा माता मंदिर) के पास आनंद पर्वत के नाम से जाना जाता है. कलकल ने कहा कि इस जानकारी के आधार पर, हमें पता चला कि सराय रोहिल्ला पुलिस स्टेशन क्षेत्र के अंतर्गत एक पुरानी चौकी थी.” यह इमारत उत्तरी जिले में पाई गई थी. बाद में उन्होंने इसके जीर्णोद्धार और संरक्षण के लिए इंटैच से संपर्क किया.
 

दो फेज में हुआ काम
इंटैच के वास्तुशिल्प विरासत प्रभाग के निदेशक और प्रमुख ए विजया के अनुसार, बहाली 2022 में दो चरणों में की गई थी. इंटैच के वास्तुशिल्प विरासत प्रभाग की निदेशक और प्रमुख ए विजया के अनुसार,''चरण I में अप्रैल से नवंबर 2022 तक, Intach ने यहां पर मरम्मत का कार्य किया. चरण II मई से अगस्त 2023 तक चलाया गया जिसमें आंतरिक सज्जा, रोशनी और परिदृश्य डिजाइन का ध्यान रखा गया. इस चरण को राष्ट्रीय संस्कृति कोष, संस्कृति मंत्रालय की ओर से फंडिंग मिली थी.”

उन्होंने कहा कि पुलिस चौकी के आसपास एक पेड़ था जिसकी वजह से संरक्षण प्रक्रिया को थोड़ी चुनौतीपूर्ण हो गई क्योंकि विभिन्न विभागों से अनुमति की आवश्यकता थी और यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण था कि विरासत भवन को किसी भी तरह से नुकसान न पहुंचे. आवश्यक अनुमतियां जुटाने में लगभग तीन महीने लग गए. चौकी की छत आंशिक रूप से ढह गई थी. विजया की टीम ने छत को ठीक किया, दरवाजे और खिड़कियां लगाईं और पोर्टा केबिन को हटा दिया, जिससे चौकी का दृश्य अवरुद्ध हो गया था.

एक कुंआ भी था
चौकी को ठीक ठाक कराने पर लगभग 20 लाख रुपये खर्च किए गए हैं. विजया ने कहा कि हमने पारंपरिक चिनाई का काम किया और मेहराबों का जीर्णोद्धार किया. हमने गार्डर और मेहराब से बनी जैक आर्च छत को भी बहाल किया, जो ढह गई थी. वहां एक छोटा सा कुआं भी था, जिसे हमने साफ किया था. इमारत एक मंजिला पत्थर की संरचना है जिसके प्रवेश द्वार पर एक आर्केड और पीछे दो कमरे हैं. कॉफी टेबल बुक के अनुसार, उत्तरी दिल्ली में सदर बाजार 1861 में बनाया गया दिल्ली का सबसे पुराना पुलिस स्टेशन है. सदर बाजार के अलावा, सब्जी मंडी, महरौली, कोतवाली और मुंडका दिल्ली के सबसे पुराने पुलिस स्टेशनों में से हैं.चूंकि बेग का काम 1827 का है, तो किताब के अनुसार सराय रोहिल्ला में पुलिस चौकी उन सभी से पहले की है.