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ऑनलाइन परीक्षा में सेंध लगाने वाले गैंग का भंडाफोड़, पुलिस ने गिरफ्तार किए 6 आरोपी

दिल्ली पुलिस के मुताबिक, गैंगे के सदस्य किसी तरीके से या तो सिस्टम का रिमोट एक्सेस ले लेते थे जिसके बाद इनके सॉल्वर बैठकर पूरा पेपर सॉल्व कर देते थे और इनके लोग यूं ही पैसे दिए रहते थे वह चुपचाप परीक्षा केंद्र में बैठे रहते थे. सिस्टम को र‍िमोटली एक्सेस करने के लिए ये लोग लाइन के जरिए अपने सॉफ्टवेयर को वहां पर इंस्टॉल कर देते थे. इसके लिए इन्हें कुछ लोग मदद भी किया करते थे. किसी काम को अंजाम दे लेकिन इन लोगों ने कई ऑनलाइन परीक्षा लैब भी खोल रखी थी.

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हाइलाइट्स
  • SSC, JEE, GMAT, आर्मी और नेवी के परीक्षा में की गई सेंधमारी

  • रिमोट एक्सेस के जरिए परीक्षा में की गई थी सेंधमारी

  • दिल्ली, मुंबई, गुड़गांव और जयपुर में की गई छापेमारी

दिल्ली पुलिस (Delhi Police) की साइबर सेल ने एक ऐसे गैंग का भंडाफोड़ किया है जो ऑनलाइन परीक्षा में सेंध लगा लेते थे. इस काम को अंजाम दुनिया के बड़े हैकर देते थे फिर सॉल्वर कहीं दूर बैठ कर पेपर सॉल्व कर देते थे. दिल्ली पुलिस पिछले 6 महीने से इस गैंग के पीछे पड़ी थी तब कही जाकर पुलिस ने गैंग के मास्टरमाइंड समेत 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने अपने ही एक सिपाही को छात्र बना कर भेजा फिर कहीं जाकर पुलिस इस गैंग को पकड़ सकी. जब पुलिस ने इस गैंग के मास्टरमाइंड राज तेवतिया को गिरफ्तार किया और इनके पास से बरामद कंप्यूटर और बाकी सामानों की जांच की तो कई चौंकाने वाले खुलासे हुए

इस तरह लगाते थे स‍िस्टम में सेंध
दिल्ली पुलिस के मुताबिक यह लोग किसी तरीके से या तो सिस्टम का रिमोट एक्सेस ले लेते थे जिसके बाद इनके सॉल्वर बैठकर पूरी परीक्षा सॉल्व कर देते थे और इनके लोग यूं ही पैसे दिए रहते थे वह चुपचाप परीक्षा केंद्र में बैठे रहते थे. सिस्टम को र‍िमोटली एक्सेस करने के लिए ये लोग लाइन के जरिए अपने सॉफ्टवेयर को वहां पर इंस्टॉल कर देते थे. इसके लिए इन्हें कुछ लोग मदद भी किया करते थे. किसी काम को अंजाम दे लेकिन इन लोगों ने कई ऑनलाइन परीक्षा लैब भी खोल रखी थी.

दिल्ली पुलिस ने जिस सिपाही को डेकोय कस्टमर बना कर भेजा गया था, उससे फाइनल डील 3 लाख रुपये में तय हुई थी. फिर 26 दिसम्बर को परीक्षा वाले दिन उससे अल्ट्राव्यूअर सॉफ्टवेयर डाउनलोड करने के लिए कहा गया. इसके बाद इसके लैपटॉप से सॉल्वर के लैपटॉप को जोड़ दिया गया और उसने पूरी परीक्षा दे दी. इनका सॉफ्टवेयर ऐसा है कि ना तो वह प्रॉक्टर की नजर में आया और ना ही किसी और सुरक्षा उपकरण की.

पुलिस के मुताबिक इस गैंग ने 18 छात्रों को GMAT की परीक्षा में पास कराया. दिल्ली पुलिस के सिपाही को 800 में से 780 नंबर आए. यानी 97 परसेंटाइल. इस परसेंटाइल पर इसे देश के बड़े एमबीए कॉलेज में आराम से दाखिला मिल जाता. 

मुंबई, राजस्थान और दिल्ली के कई जगहों पर रेड
दिल्ली पुलिस के मुताबिक जब ने इस बात के पुख्ता सबूत मिल गए कि किस तरीके से थैंक ऑपरेट किया जा रहा है तो इसके बाद पुलिस ने टेक्निकल सर्विलांस के जरिए ट्रैक पर नजर रखी और फिर पिछले 10 दिनों में लगातार मुंबई, राजस्थान और दिल्ली के कई जगहों पर रेड की गई और कुल 6 लोगों को गिरफ्तार किया गया. इनमें कुछ आईटी प्रोफेशनल्स और इंस्टीट्यूट के मालिक भी शामिल हैं. यही नहीं, रूसी हैकर के भी इस गैंग में शामिल होने की बात सामने आई है. ग‍िरफ्तार आरोप‍ियों के पास से 15 मोबाइल फोन और 9 लैपटॉप जब्त किए गए हैं.

डीसीपी केपीएस मल्होत्रा का कहना है कि ये लोग बेहद ऑर्गेनाइज तरीके से इस गैंग को चला रहे थे. लोगों ने अपने गैंग में तीन टीम बना रखी थी. मुंबई बेस्ड टीम में एक इंस्टीट्यूट का मालिक था. इनका काम होता था छात्रों को अपने जाल में फंसाना. एक बार की बात मान जाता तो फिर यह उनकी बात आगे करते. दूसरी टीम सॉल्वर की थी. ये पेपर को सॉल्व करने का काम करते थे. यह टीम दिल्ली बेस्ड थी. जबकि मास्टरमाइंड राज तेवतिया हैकर के संपर्क में रहता था. इस पर हरियाणा पुलिस ने 1 लाख का इनाम घोषित कर रखा था.

डीसीपी के मुताब‍िक, पता चला है कि इस गैंग ने अब तक करीब 500 छात्रों को अलग-अलग परीक्षाओं में पास कराने का काम किया है. इसमें जेईई (JEE), एसएससी (SSC), जीमैट (GMAT), नेवी (NAVY) और आर्मी (ARMY) की परीक्षा शामिल है. इनके पास से जो कंप्यूटर लैपटॉप और मोबाइल फोन मिले हैं उनकी जांच की जा रही है. यह पता लगाया जा रहा है कि जिन छात्रों की मदद करते थे वो छात्र आर्मी, नेवी और जेईई में कहां पर पहुंचे हैं और क्या काम कर रहे हैं.

(हिमांशु मिश्रा की र‍िपोर्ट)