साल 2008 में आज के दिन यानी 13 सितंबर को दिल्ली में 4 सीरियल धमाके हुए थे. जिसमें 20 लोगों को मौत हुई थी. जबकि 90 से ज्यादा लोग जख्मी हुए थे. इस घटना ने पूरे देश को दहला दिया था. आतंकियों ने पहले ईमेल के जरिए धमकी दी थी. उसके बाद 30 मिनट के भीतर दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में 4 ब्लास्ट हुए. इस हमले के बाद लोग घर से बाहर निकलने से डरने लगे थे. बाद में सुरक्षा एजेंसियों ने इस मामले में 13 लोगों को गिरफ्तार किया था.
30 मिटन में 4 धमाके-
13 सितंबर 2008 को देश में दिवाली की तैयारियां चल रही थीं. मार्केट में चहल-पहल थी. खरीदारी के लिए लोगों की भीड़ उमड़ी थी. इस बीच कनॉट प्लेस में एक धमाका हुआ. इससे अफरा-तफरी मच गई. लेकिन अभी तो ये शुरुआत थी. अभी पुलिस संभल पाती, इससे पहले करोल बाग के गफ्फार मार्केट में ब्लास्ट हुआ. इसके फौरन बाद भीड़भाड़ वाले ग्रेटर कैलाश-1 में धमाका हुआ. एक के बाद एक चार बम धमाकों से पूरे देश में हाहाकार मच गया.
धमाके से पहले मिली थी धमकी-
बताया जाता है कि दिल्ली में धमाकों से पहले आतंकियों ने ईमेल के जरिए दिल्ली पुलिस को धमकी दी थी. ये ईमेल इंडियन मुजाहिदीन की तरफ से भेजा गया था. इस ईमेल में लिखा था कि दिल्ली में धमाके होने वाले हैं. रोक सको तो रोक लो. इस ईमेल पर दिल्ली पुलिस कुछ एक्शन ले पाती, इससे पहले ही एक के बाद एक 4 धमाके हुए.
धमाकों के बाद एक्शन में पुलिस-
इन धमाकों के बाद पुलिस एक्शन में आई. पुलिस ने ब्लास्ट के बाद कनॉट प्लेस इलाके से दो लोगों को हिरासत में लिया. एक 11 साल के लड़के ने आतंकियों को देखने का दावा किया था. उसने पुलिस को बताया था कि काले कुर्ता-पाजामा पहने संदिग्धों ने कूड़ेदान में बैग रखा था. ब्लास्ट को लेकर लगातार गिरफ्तारियां हुईं. साल 2011 तक सीरियल ब्लास्ट के सिलसिले में 13 लोगों को गिरफ्तार किया गया था.
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