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Delhi Auto-Taxi Strike: दिल्ली में ऑटो और टैक्सी की हड़ताल खत्म, लेकिन साथ में दी ये चेतावनी   

दिल्ली में  90,000 से ज्यादा ऑटो और 80,000 से अधिक रजिस्टर्ड टैक्सियां हैं. ऑटो किराए को आखिरी बार 2019 में संशोधित किया गया था, जब प्रति किलोमीटर फेयर ₹8 से बढ़ाकर ₹9.5 कर दिया गया था.

Delhi Auto and Cab strike Delhi Auto and Cab strike
हाइलाइट्स
  • सरकार ने दिया था कीमतों पर विचार करने का आश्वासन 

  • आखिरी बार 2019 में संशोधित किया गया था ऑटो किराया

दिल्ली में ऑटो और टैक्सी की हड़ताल खत्म हो गई है. भारतीय मजदूर संघ की यूनिट दिल्ली ऑटो एंड टैक्सी एसोसिएशन ने मंगलवार को अपनी हड़ताल वापस ले ली है. लेकिन इसके साथ उन्होंने कुछ चुनौतियां भी दी हैं. उन्होंने कहा है कि अगर सरकार मांगों को नहीं मानती है  तो 20-25 दिन बाद फिर से इसे शुरू किया जाएगा. 

इसे लेकर राजधानी परिवहन पंचायत के प्रेजिडेंट इंद्रजीत सिंह ने कहा, “हमने हड़ताल वापस ले ली है ताकि जनता को किसी भी समस्या का सामना न करना पड़े. अगर केंद्र सरकार हमारी मांगों को स्वीकार नहीं करती है, तो 20-25 दिनों के बाद दिल्ली में दूध, पानी की आपूर्ति नहीं होने के लिए तैयार रहें.”

सरकार ने दिया था कीमतों पर विचार करने का आश्वासन 

दिल्ली में  90,000 से ज्यादा ऑटो और 80,000 से अधिक रजिस्टर्ड टैक्सियां हैं.  इसी के कारण कई सारे यात्रियों को सोमवार को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा.

दरअसल, ऑटो और कैब ड्राइवरों की कई यूनियनें किराए में हुई बढ़ोतरी और फ्यूल की कीमतों को कम करने की मांग कर रही हैं. हालांकि, दिल्ली सरकार ने समयबद्ध तरीके से किराया संशोधन पर विचार करने के लिए एक समिति बनाने की घोषणा की थी. लेकिन समस्याओं के समाधान के आश्वासन के बाद भी कोई बदलाव नहीं हुआ. जिसके बाद टैक्सी और ऑटो ड्राइवर्स को हड़ताल करनी पड़ी. 

2 दिन की थी हड़ताल 

गौरतलब है कि ऑटो एंड टैक्सी एसोसिएशन ऑफ दिल्ली ने 18 और 19 अप्रैल को दिल्ली में हड़ताल की घोषणा की थी. इन दो दिनों में बड़ी संख्या में ऑटो और कैब दिल्ली की सड़कों पर नहीं उतरे. सभी ड्राइवर्स का आरोप है कि केंद्र और दिल्ली सरकार उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दे रही है. इसके लिए उन्होंने 30 मार्च को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को पत्र लिखकर उनकी मांगों पर प्रकाश डाला था, जिसमें सीएनजी की कीमतों पर सब्सिडी को शामिल किया गया था. ऑटो और टैक्सी ड्राइवर्स की मांग है कि  सरकार सीएनजी की कीमतों पर 35 रुपये प्रति किलोग्राम सब्सिडी प्रदान करे.

आखिरी बार 2019 में संशोधित किया गया था ऑटो किराया

बता दें, ऑटो किराए को आखिरी बार 2019 में संशोधित किया गया था, जब प्रति किलोमीटर फेयर ₹8 से बढ़ाकर ₹9.5 कर दिया गया था. हालांकि, दिल्ली में सीएनजी की कीमतें पिछले हफ्ते  ₹2.5 प्रति किलोग्राम बढ़कर ₹71.61 प्रति किलोग्राम हो गईं, पिछले एक साल में कीमत 60 प्रतिशत या ₹28 प्रति किलोग्राम से ज्यादा बढ़ गई है.