डॉक्टर साईं कौस्तुब दासगुप्ता व्हीलचेयर वॉरियर ऑफ इंडिया के नाम से जाने जाते हैं. डॉक्टर साईं 33 साल के हैं. कौस्तुब साढ़े तीन महीने की उम्र से एक ऐसी बीमारी से जूझ रहे हैं जिसने उन्हें कभी आम जिंदगी जीने नहीं दी. उन्हें Osteogenesis Imperfecta नाम की एक बीमारी है. इस बीमारी में हड्डियों के कमजोर हो जाने की वजह से उनके शरीर में लगातार फ्रेक्चर होते गए. उनके शरीर में 50 से ज्यादा फ्रैक्चर हैं और इस बीमारी के कारण वो व्हीलचेयर के सहारे जी रहे हैं. लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी. अब वो विश्वभर में अपने विडीयोज के जरिए दिव्यांग लोगों को मोटिवेट कर रहे हैं.
अभी तक हो चुके हैं 50 से ज्यादा फ्रैक्चर
कौस्तुब ऐसी बीमारी से जूझ रहे हैं जिस बीमारी में हल्का सा हिलने में भी हड्डियां टूट जाती हैं. अभी तक कौस्तुब को लगातार 50 से ज्यादा फ्रैक्चर हो चुका हैं. इस वजह से वह व्हीलचेयर के सहारे से चलते हैं और हिल डुल नहीं सकते हैं. कौस्तुब के शरीर में केवल बाएं हाथ की एक उंगली काम करती है लेकिन इस एक उंगली के सहारे से कौस्तुब ने अपनी पूरी जिंदगी बदल दी है.
एक उंगली से बदली अपनी दुनिया
कौस्तुब के शरीर में केवल एक उंगली काम करती है. इस उंगली के सहारे कौस्तुब ग्राफिक डिजाइनिंग करते हैं. डॉक्टर साई भारत के ही नहीं दुनिया के पहले डिसेबल ग्राफिक डिजाइनर हैं. 6 साल खुद को कमरे में बंद करने के बाद उन्होंने ये ठाना की सिर्फ एक उंगली से वह अपना पूरा जीवन बदल देंगे. वह शरीर में काम कर रही एक उंगली लैपटॉप और एक माउस के सहारे खूबसूरत ग्राफिक डिजाइनिंग करते हैं.
राष्ट्रपती पुरस्कार से किया गया सम्मानित
साई अपने नाम कई वर्ल्ड रिकॉर्ड दर्ज करा चुके हैं. लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड, गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड के साथ साथ विश्व विकलांगता दिवस पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने डॉक्टर साईं को सर्वश्रेष्ठ डिसेबल्ड पर्सन के खिताब से नवाजा. कौस्तुब एक बेहतरीन सिंगर, कंपोजर, ग्राफिक डिजाइनर और मोटिवेशन स्पीकर भी हैं. वह 300 से अधिक गाने लिख चुके हैं.
सोशल मीडिया के स्टार हैं व्हीलचेयर वॉरियर
कौस्तुब ने अपनी जिंदगी के साथ-साथ उन लोगों का दर्द भी समझा जो किसी बीमारियों से ग्रसित हैं या किसी कारणवश डिसएबल हैं. कौस्तुब सोशल मीडिया पर मोटिवेशनल वीडियो बनाकर डालते हैं और अपनी कहानी उन लोगों तक पहुंचाते हैं. कौस्तुब का कहना है कि अगर वह सिर्फ एक उंगली के सहारे यहां तक आ सकते हैं और अपनी जिंदगी एक खास तरीके से जी सकते हैं तो सभी डिसएबल लोग अपनी जिंदगी में कुछ कर सकते हैं. सोशल मीडिया पर उनके लाखों फॉलोअर्स हैं. उनके परिवार में उनकी मां पिता के साथ-साथ उनका एक छोटा भाई है. कौस्तुब के मां-बाप का कहना है कि अगर कौस्तुब स्पेशल चाइल्ड है तो हम स्पेशल पेरेंट्स हैं. कौस्तुब की मां ने कौस्तुब को संगीत सिखाया, भाई हर जगह कौस्तुब के साथ ढाल बनकर खड़े रहता है.