दिल्ली को जल्द ही अपना पहला पार्क मिलने वाला है जो पूरी तरह से दिव्यांग लोगों को समर्पित होगा. प्रोजेक्ट के बारे में जानकारी रखने वाले एमसीडी अधिकारियों का हवाला देते हुए, हिंदुस्तान टाइम्स के लिखा, दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) ने पहले ही इसके निर्माण के लिए बोली लगाना शुरू कर दिया है. दो एकड़ का पार्क पूर्वी दिल्ली के लोनी क्षेत्र में स्थित होगा और इसका निर्माण केंद्रीय AMRUT(कायाकल्प और शहरी परिवर्तन के लिए अटल मिशन) योजना के तहत किया जाएगा. बागवानी विभाग के अधिकारियों के अनुसार, पार्क जनवरी 2024 तक विकलांग व्यक्तियों के लिए तैयार हो जाएगा, जिसकी अनुमानित लागत 1.2 करोड़ होगी. डेवलपर की चयन प्रक्रिया 30 सितंबर तक पूरी होने की उम्मीद है.
और किन शहरों में हैं ऐसे पार्क
यह ध्यान देने योग्य है कि केवल चार भारतीय शहरों में दिव्यांग व्यक्तियों के लिए समर्पित पार्क हैं. ये शहर हैं - ठाणे, टीकमगढ़, उज्जैन और होशंगाबाद जबकि एक अन्य शहर नागपुर में अभी निर्माण कार्य चल रहा है.पार्क में विशेष रूप से दिव्यांग व्यक्तियों के लिए डिजाइन किए गए खुले जिम उपकरण, बच्चों के लिए खेल उपकरण और पहुंच में सुधार के लिए अन्य काम होंगे. हिंदुस्तान टाइम्स ने अधिकारियों के हवाले से बताया, "इस एक्सरसाइज इक्विपमेंट को मोबिलिटी एक्सपर्ट्स की मदद से डिजाइन किया गया है जो देश के अन्य हिस्सों में विभिन्न प्रकार की लोकोमोटर विकलांगताओं और इसी तरह के दिव्यांग पार्कों पर काम करते हैं." सामान्य पार्कों में दिव्यांगों को परेशानी होती है. वो लोग न ही पैदल पथ पर आराम से चल पाते हैं, न ही झूले उनके हिसाब से लगे होते हैं. इसे देखते हुए विशेष रूप से उनके लिए निगम के शाहदरा उत्तरी जोन के इलाके में राठी मिल स्थित भूखंड पर दिव्यांग पार्क बनाने का निर्णय लिया गया है.
क्या होंगी सुविधाएं?
इस ओपन जिम में छह प्रकार की व्हीलचेयर सुविधा होगी जिसकी मदद से लोग चेस्ट प्रेस, आर्म एक्सटेंशन, आर्म व्हील्स, आर्म साइकिल, आर्म एक्सरसाइजर, और पुल अप कर पाएंगे. सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पार्क को सिंथेटिक रबर फर्श से ढका गया है ताकि किसी को चोट न लगे. इसमें प्रवेश से लेकर अंदर घूमने के लिए पैदल पथ तक दिव्यांगों के अनुकूल होंगे. प्रवेश द्वार पर सीढ़ी के साथ रैंप बनाया जाएगा ताकि व्हीलचेयर पर बैठकर पैरों से दिव्यांग लोग रैंप के रास्ते आसानी से अंदर जा सकें.दृष्टिबाधितों के लिए जगह-जगह ब्रेल लिपि में साइन बोर्ड लगाए जाएंगे. पैदल पथ पर पीले रंग के स्पर्शीय टाइल्स लगेंगे, जिसके जरिये वह आसानी से चल सकेंगे. शौचालय भी इनके अनुकूल ही होंगे. बैठने के लिए बेंच लगेंगे. गजीबो यानी झोपड़ी आकार में बैठक भी बनाई जाएंगी. सुंदरता के लिए फूलों से लेकर सजावटी पौधे लगाए जाएंगे. वर्तमान में, एमसीडी शहर भर में 5,172 एकड़ में फैले 15,226 नगरपालिका पार्कों की देखरेख करती है. जहां 1,756 पार्कों में आउटडोर ओपन जिम उपकरण लगाए गए हैं, वहीं 1,300 स्थलों पर बच्चों के लिए खेलने के उपकरण उपलब्ध हैं. हालांकि, इनमें से कोई भी पार्क विशेष रूप से विकलांग व्यक्तियों को समायोजित करने के लिए डिजाइन नहीं किया गया है.
एमसीडी के एक दूसरे अधिकारी ने जानकारी दी कि पार्क में सेंसरी एक्सप्लोरेशन एलीमेंट्स और साथ ही विभिन्न प्रकार के पौधे भी लगाए जाएंगे. प्रत्येक पौधे में ब्रेल विवरण होंगे और ऑडियो रिकॉर्डिंग प्रत्येक बाड़े में प्रवेश करने से पहले उस पर एक्सप्लनेशन देगी. यह समावेशी पार्क विभिन्न लोकोमोटर, विजुअल और सीखने में अक्षम व्यक्तियों की सेवा करेगा. इसके अलावा, पार्क को तीन अलग-अलग खंडों में विभाजित किया जाएगा जोकि है फिटनेस ट्रेल्स, चिल्ड्रेन कॉर्नर और म्यूजिकल इक्विपमेंट गैलरी.