बारिश से मिली राहत के ठीक दो दिन बाद सोमवार की सुबह राष्ट्रीय राजधानी और एनसीआर क्षेत्र में फिर से घना कोहरा छा गया. इसकी सबसे बड़ी वजह ये रही कि सुप्रीम कोर्ट के प्रतिबंध के बावजूद लोगों ने आदेश को दरकिनार कर दिवाली की रात जमकर आतिशबाजी की. इस वजह से शहर के कई हिस्सों में घनी धुंध छाई दिखी और विजिबिलिटी घटकर केवल कुछ सौ मीटर रह गई है. पटाखों में बेरियम और कुछ रसायनों के इस्तेमाल पर सुप्रीम कोर्ट का प्रतिबंध न केवल एनसीआर बल्कि पूरे देश के लिए था.
दिल्ली में क्या रहा हाल?
राष्ट्रीय राजधानी में दिवाली की सुबह आठ साल में सबसे अच्छी वायु गुणवत्ता देखी गई. लोग सुबह उठे तो आसमान साफ था और शहर का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) सुबह 7 बजे 202 पर था, जो कम से कम तीन सप्ताह में सबसे अच्छा था. दिल्ली सरकार ने पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध लागू कर दिया था. प्रदूषण संकट के जवाब में, सरकार शहर की प्रदूषित हवा को ठीक करने के लिए 'कृत्रिम बारिश' (Artificial Rain)पर विचार कर रही थी कि अचानक से भारी बारिश हो गई. इससे प्रदूषण के स्तर में कमी आई.
अभी क्या है हाल?
सोमवार सुबह 5:30 बजे तक, दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक 514 पर था, जो स्विस समूह IQAir द्वारा “खतरनाक” के रूप में वर्गीकृत वायु गुणवत्ता सूचकांक के 320 अंक को पार कर गया. IQAir के आकलन के अनुसार, दिल्ली सोमवार को दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर है. मौसम एजेंसी aqicn.org के अनुसार, दिल्ली के आनंद विहार क्षेत्र में वायु प्रदूषण का उच्चतम स्तर दर्ज किया गया, सुबह 5 बजे वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI)969 के खतरनाक स्तर तक पहुंच गया. 0 से 50 के बीच का एक्यूआई स्वस्थ माना जाता है, जबकि 300 से अधिक का एक्यूआई खतरनाक वायु गुणवत्ता दर्शाता है.
पिछले कई सालों का टूटा रिकॉर्ड
दिल्ली-एनसीआर में इस साल दिवाली के बाद प्रदूषण के मामले में पुराने कई रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं. इससे पहले 2016 में एक्यूआई 431 दर्ज किया गया था. उसके बाद 2020 में 414 एक्यूआई था. वहीं 2021 में ये 382 दर्ज किया गया था. इससे पहले 2019 में 337, 2017 में 319 और 2018 में 281 दर्ज किया गया था.
क्या होता है पैमाना?
0 से 50 AQI-अच्छा माना जाता है
51 से 100 - संतोषजनक
101 से 200 - मध्यम
201 से 300 - खराब
301 से 400 - बहुत खराब
401 से 500 के बीच AQI- गंभीर
प्रदूषण को लेकर स्वास्थ्य सलाह
वायु प्रदूषण के बढ़ते स्तर के बीच, दिल्ली स्वास्थ्य विभाग ने इस पर्यावरणीय चिंता के प्रभाव को संबोधित करने के लिए सलाह जारी की है. यह सलाह सार्वजनिक स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए आवश्यक उपाय करने के महत्व पर जोर देती है, जिसमें गर्भवती महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों जैसे कमजोर समूहों का उचित ध्यान रखना और अन्य लोगों को मास्क पहनना जरूरी बताया गया है.