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कोरोना के नए वेरिएंट 'ओमिक्रोन' के खतरे के बीच उठी बूस्टर डोज की मांग, सीरम इंस्टीट्यूट ने DCGI से मांगी मंजूरी

भारत के लोगों के साथ-साथ अन्य देशों के नागरिक जिन्हें पहले से ही कोविशील्ड की दो खुराक के साथ पूरी तरह से टीका लगाया जा चुका है, वे लगातार हमारी फर्म से बूस्टर खुराक के लिए अनुरोध कर रहे हैं.

'ओमिक्रोन' वेरिएंट के खतरे के बीच बूस्टर डोज की मांग. 'ओमिक्रोन' वेरिएंट के खतरे के बीच बूस्टर डोज की मांग.
हाइलाइट्स
  • सीरम इंस्टीट्यूट बूस्टर डोज के लिए मांगी मंजूरी

  • 'ओमिक्रोन' के खतरे के बीच उठी बूस्टर डोज की मांग

कोरोना का नया वेरिएंट ओमिक्रोन तेजी से पांव पसार रहा है. यह वायरस काफी खतरनाक बताया जा रहा है. इसी को देखते हुए केरल, राजस्थान, कर्नाटक और छत्तीसगढ़ ने केंद्र से आग्रह किया है कि वह SARS-CoV-2 के नए वेरिएंट 'ओमिक्रोन' की चिंताओं के बीच बिमार लोगों को कोविड वैक्सीन की बूस्टर खुराक की अनुमति देने का निर्णय करें. 

सीरम ने भी मांगी बूस्टर डोज की मंजूरी 

आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने देश में वैक्सीन के पर्याप्त स्टॉक और नए कोरोनोवायरस वेरिएंट के कारण बूस्टर शॉट की मांग का हवाला देते हुए बूस्टर खुराक के रूप में कोविशील्ड के लिए भारत के ड्रग रेगुलेटर की मंजूरी मांगी है. 

कई देशों में दे रहे बूस्टर डोज 

भारत के औषधि महानियंत्रक (DCGI) को एक आवेदन में, सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) में सरकार और नियामक मामलों के निदेशक, प्रकाश कुमार सिंह ने बताया कि यूके की दवाएं और स्वास्थ्य देखभाल उत्पाद नियामक एजेंसी ने पहले ही बूस्टर खुराक एस्ट्राजेनेका ChAdOx1 nCoV-19 वैक्सीन को मंजूरी दे दी है. सिंह ने आवेदन में कहा था कि जैसे-जैसे दुनिया महामारी की स्थिति का सामना कर रही है, कई देशों ने COVID-19 टीकों की बूस्टर खुराक देना शुरू कर दिया है. 

हमारे देश के लोगों के साथ-साथ अन्य देशों के नागरिक जिन्हें पहले से ही कोविशील्ड की दो खुराक के साथ पूरी तरह से टीका लगाया जा चुका है, वे लगातार हमारी फर्म से बूस्टर खुराक के लिए अनुरोध कर रहे हैं. आधिकारिक सूत्रों की मानें तो अब हमारे देश में कोविशील्ड की कोई कमी नहीं है और उन लोगों से बूस्टर खुराक की मांग दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है, जो चल रहे COVID-19 महामारी और नए उपभेदों के उद्भव को देखते हुए पहले ही दो खुराक ले चुके हैं. 

दिल्ली हाई कोर्ट भी केंद्र को दे चुका है निर्देश

प्रकाश कुमार सिंह ने कहा कि यह समय की मांग है और प्रत्येक व्यक्ति के स्वास्थ्य के अधिकार की बात है कि वे इस महामारी की स्थिति में खुद को बचाने के लिए तीसरी खुराक / बूस्टर खुराक से वंचित नहीं रहें. केंद्र सरकार ने संसद को सूचित किया है कि टीकाकरण पर राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह और COVID-19 के लिए वैक्सीन प्रशासन पर राष्ट्रीय विशेषज्ञ समूह एक बूस्टर खुराक की आवश्यकता और औचित्य के वैज्ञानिक प्रमाणों पर विचार कर रहे हैं.

दिल्ली हाई कोर्ट ने 25 नवंबर को केंद्र को निर्देश दिया कि वह उन लोगों को बूस्टर खुराक देने पर अपना रुख स्पष्ट करे, जिन्हें कोरोनोवायरस के खिलाफ पूरी तरह से टीका लगाया गया है. 

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