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अब भारत पर नजर डालने से घबराएगा चीन, अगले महीने पूरी हो जाएगी एस-400 की पहली रेजीमेंट की तैनाती

रक्षा क्षेत्र में भारत की पकड़ और मजबूत होती दिखाई दे रही है. अब दुश्मन देश भी भारत से पंगा लेने के लिए सोचेगा. भारत ने दुनिया के बेहद प्रभावी एयर डिफेंस सिस्टम एस-400 की तैनाती की पूरी तैयारी कर ली है. सैन्य अधिकारियों ने शनिवार को बताया कि भारतीय वायु सेना फरवरी तक पंजाब के एक एयरबेस पर एस-400 ट्रायम्फ मिसाइल सिस्टम की पहली रेजिमेंट की तैनाती पूरी कर सकती है.

S-400 missile S-400 missile
हाइलाइट्स
  • अमेरिका ने दी थी प्रतिबंध लगाने की चेतावनी

  • पांच इकाइयों पर हुई डील

रक्षा क्षेत्र में भारत की पकड़ और मजबूत होती दिखाई दे रही है. अब दुश्मन देश भी भारत से पंगा लेने के लिए सोचेगा. भारत ने दुनिया के बेहद प्रभावी एयर डिफेंस सिस्टम एस-400 की तैनाती की पूरी तैयारी कर ली है. सैन्य अधिकारियों ने शनिवार को बताया कि भारतीय वायु सेना फरवरी तक पंजाब के एक एयरबेस पर एस-400 ट्रायम्फ मिसाइल सिस्टम की पहली रेजिमेंट की तैनाती पूरी कर सकती है. उन्होंने कहा कि मिसाइल प्रणाली की तैनाती की प्रक्रिया शुरू हो गई है और तैनाती को पूरा करने में कम से कम छह सप्ताह और लगेंगे.

पांच इकाइयों पर हुई डील
मिसाइल प्रणाली की पहली रेजिमेंट को इस तरह से तैनात किया जा रहा है कि यह उत्तरी क्षेत्र में चीन के साथ सीमा के कुछ हिस्सों के साथ-साथ पाकिस्तान के साथ सीमा को भी कवर कर सके. एक अधिकारी ने कहा, "मिसाइल प्रणालियों के विभिन्न महत्वपूर्ण घटकों के साथ-साथ इसके सेकेंडरी उपकरणों को तैनाती स्थल तक पहुंचाने का काम चल रहा है." भारत को रूस से कुल मिलाकर S-400 वायु रक्षा मिसाइल प्रणाली की पांच इकाइयां मिलेंगी.

अमेरिका ने दी थी प्रतिबंध लगाने की चेतावनी
अक्टूबर 2018 में ट्रम्प प्रशासन ने चेतावनी दी थी कि मिलाइलों के अनुबंध के साथ आगे बढ़ने पर भारत को अमेरिकी प्रतिबंधों का सामना करना पड़ सकता है. हालांकि इन सबके बावजूद भारत ने S-400 वायु रक्षा मिसाइल प्रणालियों की पांच इकाइयों को खरीदने के लिए रूस के साथ 5 बिलियन अमरीकी डालर के सौदे पर हस्ताक्षर किए. बाइडेन प्रशासन ने अभी तक यह स्पष्ट नहीं किया है कि वह एस-400 मिसाइल सिस्टम की खरीद के लिए काउंटरिंग अमेरिकाज एडवर्सरीज थ्रू सेंक्शंस एक्ट (CAATSA) के प्रावधानों के तहत भारत पर प्रतिबंध लगाएगा या नहीं.

क्या है CAATSA?
CAATSA, जिसे 2017 में लाया गया था, रूसी रक्षा और खुफिया क्षेत्रों के साथ लेनदेन में लगे किसी भी देश के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई का प्रावधान करता है. अमेरिका पहले ही रूस से S-400 मिसाइल रक्षा प्रणालियों के एक बैच की खरीद के लिए CAATSA के तहत तुर्की पर प्रतिबंध लगा चुका है.

तुर्की पर लग चुका है प्रतिबंध
S-400 मिसाइल सिस्टम की खरीद को लेकर तुर्की पर अमेरिकी प्रतिबंधों के बाद, ऐसी आशंकाएं थीं कि वाशिंगटन भारत पर इसी तरह के दंडात्मक उपाय लागू कर सकता है. रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने पिछले महीने कहा था कि भारत और रूस के बीच एस-400 मिसाइल रक्षा सौदे का भारतीय रक्षा क्षमता के लिए बहुत महत्वपूर्ण अर्थ है और अमेरिका द्वारा सहयोग को कमजोर करने के प्रयास के बावजूद इसे लागू किया जा रहा है.