scorecardresearch

Akhilesh Yadav Iftar Party: क्या महाकुंभ का मखौल उड़ाने के बाद इफ्तार पार्टी में शामिल हुए अखिलेश? जानिए क्या है वायरल दावे की सच्चाई

सोशल मीडिया पर वायरल इन तस्वीरों को अखिलेश यादव के उन ट्वीट्स से जोड़ा जा रहा है जिनमें उन्होंने महाकुंभ आयोजन में आई कमियों की आलोचना की थी. इस दावे की सच्चाई क्या है, आइए जानते हैं.

अखिलेश यादव की वायरल तस्वीर अखिलेश यादव की वायरल तस्वीर

समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव की कुछ तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं जिनमें देखा जा सकता है कि वह रमजान के दौरान इफ्तारी कर रहे हैं. इन तस्वीरों को शेयर करके दावा किया जा रहा है कि अखिलेश यादव ने महाकुंभ का मखौल उड़ाया और इफ्तार की दावत में शामिल हो रहे हैं. क्या है इस वायरल दावे की सच्चाई? 

अखिलेश यादव की इफ्तारी की तस्वीरें
महाकुंभ का मेला खत्म हो चुका है. 13 जनवरी से 26 फरवरी तक चले महाकुंभ में प्रशासनिक आंकड़ों के मुताबिक 60 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालुओं ने पहुंचकर संगम में आस्था की डुबकी लगाई. महाकुंभ खत्म होने के बाद सोशल मीडिया पर अब सपा के मुखिया और पूर्व सीएम अखिलेश यादव की दो तस्वीरें वायरल हो रही हैं. 

Akhilesh Yadav
अखिलेश यादव की यह तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल की जा रही है. (Screengrab)

एक एक्स यूजर ने ये तस्वीरें पोस्ट करते हुए कैप्शन में लिखा, "लगातार 50 दिनों तक महाकुंभ का प्रतिदिन चार ट्वीट करके मखौल उड़ाने के बाद इफ्तारी करते अखिलेश यादव. सोशल मीडिया के कई प्लेटफॉर्म्स पर ये तस्वीर खूब शेयर की जा रही है." जीएनटीटीवी टीम ने वायरल दावे की पड़ताल की. पड़ताल में क्या सामने आया? 

सम्बंधित ख़बरें

दावे की पड़ताल में निकले सवाल
सोशल मीडिया के कई प्लेटफॉर्म पर इन तस्वीरों को लगातार शेयर किया जा रहा है. ऐसे में इन तस्वीरों का सच और झूठ क्या है ये जानना बहुत जरूरी हो गया था. ऐसे में जीएनटीटीवी की टीम की टीम ने इस दावे की जांच की. सर्च के दौरान हाल फिलहाल में वायरल दावे से जुड़ी कोई भी प्रमाणिक रिपोर्ट हमें नहीं मिली. 

इसके बाद टीम ने अखिलेश यादव के सोशल मीडिया अकाउंट्स को खंगाला. वहां भी हाल फिलहाल में इस दावे से जुड़ी कोई तस्वीर नहीं मिली. लिहाजा हमने इस दावे को सवालों की कसौटी पर कसा तो कई बड़े सवाल निकलकर सामने आते हैं. पहला सवाल ये सामने आया की आखिर वायरल दावे के लेकर इन तस्वीरों के पीछे की असली कहानी क्या है? दूसरा सवाल यह कि कहीं तस्वीरों के जरिए जानबूझकर सियासी जहर तो नहीं फैलाया जा रहा? 

क्या है दावे की हकीकत?
सोशल मीडिया पर वायरल हो रही इन तस्वीरों का सच जानने के लिए हमने इन्हें सर्च किया. पड़ताल में हमें दो साल पुरानी कुछ खबरों के लिंक मिले जिनमें वही तस्वीरें लगी हुई हैं. अखिलेश यादव उस समय यूपी के उपचुनाव और निकाय चुनाव से ठीक पहले इफ्तार पार्टी में शामिल हुए थे. 

यह तस्वीर साल 2023 की है.
यह तस्वीर साल 2023 की है.

एक रिपोर्ट के मुताबिक सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने लखनऊ में आयोजित इफ्तार पार्टी में शिरकत की थी. सर्च में एक और आधिकारिक रिपोर्ट मिली. इस रिपोर्ट के मुताबिक लखनऊ में सपा के पूर्व मंत्री मोहम्मद यामीन ने इफ्तार पार्टी रखी थी. इसमें सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव शामिल हुए थे. साथ ही कई मुस्लिम धर्मगुरु भी मौजूद थे. 

हमें 14 अप्रैल 2023 की एक और रिपोर्ट में वायरल हो रही तस्वीरें लगी हुई मिलीं. साफ है हमारी पड़ताल में वायरल दावा झूठा साबित हुआ. दो साल पुरानी तस्वीरों को हाल फिलहाल का बताकर भ्रामक दावा किया जा रहा है और सियासी ज़हर बोने की कोशिश की जा रही है.