स्कूल भी था, छात्र भी थे, जिज्ञासाएं भी थीं और सवालों के जवाब भी. लेकिन अगर कुछ बदला हुआ था तो वह था क्लास रूम. कोई कॉपी-किताब नहीं, बस सुनना और सुनाना. एक तरफ छात्र थे और टीचर की भूमिका में थे सुपौल के DM महेंद्र कुमार और SP मनोज कुमार. न गणित के सवाल थे, न विज्ञान के. बात हो रही थी तो बस ये बच्चे कैसे जीवन में आगे बढें, आगे बढ़ने के लिए अपने समय को अपने अनुकूल कैसे बनाना है. मौका था बिहार के सुपौल में बसहा स्थित जवाहर प्रेमलाल उच्च विद्यालय में शिक्षा की दिशा को बदलने के लिये पूर्ववर्ती छात्रों द्वारा आयोजित 'स्कूल का मेंटॉर' कार्यक्रम का.
सुपौल के डीएम और एसपी साहब ने ग्रामीण इलाके के बसहा सरकारी स्कूल में 9वीं और 10वीं की छात्र छात्राओं को लगातार 3 घंटे तक पढ़ाया. बच्चे शुरू में अधिकारियों को देखकर घबरा रहे थे. लेकिन, कुछ ही देर में माहौल बदल गया और बच्चे डीएम-एसपी से सवाल पूछने लगे. बच्चे उनके जैसा बनने की बात करने लगे.
साबित करें कि आप सर्वश्रेष्ठ हैं
एसपी मनोज कुमार ने बच्चों से कहा कि पढ़ाई के दौरान या समाज में रुकावटों का मुकाबला करें और खुद को साबित करें कि आप सर्वश्रेष्ठ हैं. एसपी ने आगे कहा कि हमलोग अपने दायित्व का निर्वहन कर रहे है. खेल और शिक्षा दोनों को प्रोत्साहन करना हमारी जिम्मेदारी है. ग्रामीण इलाके के सरकारी स्कूलों से भी पढ़कर बच्चे अच्छे पदों और सेवा में जाते है. इस स्कूल से भी काफी बच्चे अच्छे पदों पर हैं. पढ़ने वालें बच्चों को अच्छा वातावरण मिले और सही मार्गदर्शन मिले, यह उनकी इच्छा रहती है. एसपी ने छाओं को बताया कि इच्छाओं की प्राप्ति के लिए शिक्षा महत्वपूर्ण साधन है. जिसको ग्रहण करके ही हम अपने इच्छाओं की प्राप्ति कर सकते हैं. साथ ही देश और समाज को अपनी सेवा दे सकते हैं.
बदलाव के लिए हिम्मत के साथ आगे बढ़ें
DM महेंद्र कुमार भी बच्चों से रूबरू हुए. उन्होंने बच्चों से कहा कि आप सब पूरी शिक्षा लें. जीवन में बदलाव रातों रात नहीं आता. ऐसे में हताश होकर न बैठें कि बदलाव नहीं हो रहा है. कोशिश करते रहें तो ये धीरे-धीरे होता रहेगा. बस जरूरत है कि हम यह जानें कि हम इसे कैसे करें ताकि किसी भी लक्ष्य को पाने में आसानी हो. लक्ष्य को कैसे हासिल कर सकते हैं, उसके लिए गोल सेट करें. अपने लक्ष्य को हासिल करने में रुकावटें तो आएंगी लेकिन उनका मुकाबला करें. हारें नहीं, रोक-टोक होगी, कई सवाल उठेंगे, इन सबके बीच अपने आप को सिद्ध करें.
कार्यक्रम के दौरान डीएम महेंद्र कुमार ने बच्चों की पढ़ाई सहित कई विषयों पर सवाल जवाब किये और जीवन में उद्देश्य के बारे में पूछा. जवाब में कई छात्रों ने आईएएस, आईपीएस, डॉक्टर और इंजीनियर बनने की बात कही. डीएम ने बच्चों को पढ़ाई और इसे कैसे पढ़ना है, उसके बारे में विस्तारपूर्वक समझाया. इस बीच बच्चों ने जिलाधिकारी से कई सवाल भी पूछे जिसका जवाब डीएम ने एक अच्छे शिक्षक की तरह दिया. डीएम ने कहा कि यहां के पूर्ववर्ती छात्र भी काफी अच्छे जगहों पर हैं.
रामचंद्र मेहता की रिपोर्ट