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Delhi Metro: मेट्रो में बड़े बदलाव की तैयारी...अब सिर्फ दिखाई ही नहीं, सुनाई भी देंगे विज्ञापन

कभी न कभी दिल्ली मेट्रो से सफर करते समय आपकी नजर विज्ञापन वाली स्क्रीन पर जरूर गई होगी. अगर आपने ध्यान दिया हो तो देखा होगा कि स्लाइड पर केवल दिल्ली मेट्रो के विज्ञापन ही दिखाई जाते हैं. लेकिन अब कॉमर्सियल विज्ञापनों को भी इसमें जगह मिलेगी. वो भी ऑडियो के साथ.

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दिल्ली मेट्रो ने रेवेन्यू में बढ़ोतरी करने के लिए नया तरीका खोज निकाला है. दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन वायलेट लाइन पर छह ट्रेनों में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में ऑडियो-आधारित विज्ञापन पेश करने के लिए तैयार है. उन्होंने बताया कि ये विज्ञापन इस महीने से कश्मीरी गेट और बदरपुर बॉर्डर के बीच चलने वाली ट्रेनों पर एक साल के लिए प्रसारित किए जाएंगे.

उन्होंने बताया कि ये विज्ञापन इस महीने से कश्मीरी गेट और बदरपुर बॉर्डर के बीच चलने वाली ट्रेनों पर एक साल के लिए प्रसारित किए जाएंगे. उन्होंने कहा कि नई सुविधा को आवश्यक सेवा घोषणाओं के साथ सहजता से सोच-समझकर डिजाइन किया गया है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि यह यात्रियों के लिए समग्र मेट्रो अनुभव को बढ़ाए. इस पायलट प्रोजेक्ट से प्राप्त फीडबैक के आधार पर इसे अन्य लाइनों तक भी विस्तारित किया जाएगा.

अन्य विज्ञापन भी दिखाए जाएंगे
DMRC का मानना है कि इस ऑडियो-आधारित मार्केटिंग से दिल्ली मेट्रो के लाखों यात्रियों तक तत्काल विज्ञापन को पहुंचना आसान हो जाएगा, जो हर दिन मेट्रो से यात्रा करते हैं. अभी तक मेट्रो में लगी स्क्रीन्स पर केवल दिल्ली मेट्रो से संबंधित जानकारियां ही दिखाई देती हैं. लेकिन अब यात्रियों को टीवी और मोबाइल पर आने वाले विज्ञापनों की तरह विडियो और ऑडियो बेस्ड विज्ञापन भी चलते हुए नजर आएंगे.

1 साल का समय लगेगा
अधिकारियों ने कहा कि ऑडियो-आधारित मार्केटिंग एक राजस्व माध्यम है जिसकी दिल्ली मेट्रो में अपार संभावनाएं हैं क्योंकि ये विज्ञापन हर दिन मेट्रो से यात्रा करने वाले लाखों यात्रियों तक तत्काल पहुंच बनाएंगे. दिसंबर 2023 से दिसंबर 2024 तक एक साल की अवधि के लिए इस रूट की सभी ट्रेनों में विज्ञापन प्रसारित किए जाएंगे. बता दें कि दिल्ली मेट्रो ऐसी पहली नहीं है जहां ये शुरू हुआ है मुंबई सहित अन्य शहरों में मेट्रो सेवाएं सक्रिय रूप से अपने भागीदारों को विज्ञापन के अवसर प्रदान कर रही हैं और राजस्व उत्पन्न कर रही हैं.

अधिकारियों का कहना है कि कोविड के चलते लंबे समय तक मेट्रो सेवाएं बंद रहीं जिसकी वजह से मेट्रो को काफी नुकसान हुआ. आवाजाही चालू होने के बाद स्थिति सामान्य होने में काफी वक्त लगा. ऐसे में अब गैर-टिकटिंग सोर्सेज से अपना राजस्व बढ़ाने के लिए डीएमआरसी कई नए कदम उठा रही है. मेट्रो स्टेशनों की को-ब्रैंडिंग और हाल ही में लॉन्च किया गया मेट्रो का नया ऐप 'मोमेंटम 2.0' इसी तरह के उपाय हैं. 

किस कंपनी को मिली जिम्मेदारी
इन-ट्रेन ऑडियो विज्ञापनों का कंसेप्ट पिंड्रोप मेट्रो टेक प्राइवेट लिमिटेड द्वारा प्रस्तावित की गई थी. लिमिटेड, एक विशेष रूप से क्यूरेटेड विज्ञापन समाधान फर्म, पिंड्रोप मीडिया ग्रुप का हिस्सा है, जिसकी स्थापना मीडिया व्यक्तित्व शम्मी नारंग ने की है. उन्होंने कहा कि कंपनी पिछले दो दशकों से दिल्ली मेट्रो को इन-ट्रेन और इन-स्टेशन ऑडियो सामग्री प्रदान कर रही है और डीएमआरसी के साथ मिलकर इस नई परियोजना को लागू करेगी.