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Bihar Matric Result 2022: डॉक्टर की बेटी बनी टॉपर, जानिए टॉपर बनने की कहानी और आगे का सपना

इस साल बिहार बोर्ड की परीक्षा में 16.11 लाख परीक्षार्थी शामिल हुए थे. जिनमें 79.88 प्रतिशत परीक्षार्थी पास हुए हैं. बिहार बोर्ड ने इस वर्ष मैट्रिक की परीक्षा 17 से 24 फरवरी के बीच हुई थी, और 25 फरवरी से कॉपी का मूल्यांकन शुरू कर दिया था.

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हाइलाइट्स
  • स्टेट टॉपर रामायणी राय के पिता वेटनरी डॉक्टर हैं

  • मैट्रिक परीक्षा में सेकेंड टॉपर सानिया कुमारी, प्रोजेक्ट गर्ल्स हाई स्कूल रजौली नवादा की हैं

बिहार बोर्ड ने गुरुवार को मैट्रिक परीक्षा 2022 का रिजल्ट जारी कर दिया. इस बार की परीक्षा में 79.88% परीक्षार्थी पास हुए हैं. पिछले साल से 1.71 प्रतिशत रिजल्ट ज्यादा हुआ है. पटेल हाई स्कूल दाउदनगर औरंगाबाद की छात्रा रामायणी राय स्टेट टॉपर रही हैं.   रामायणी राय को 500 में 487 अंक (97.4%) मिले हैं. दूसरे नंबर पर प्रोजेक्ट गर्ल्स हाई स्कूल रजौली, नवादा की सानिया कुमारी और न्यू अपग्रेड हाई स्कूल सिधप परसाही लदानिया मधुबनी के विवेक ठाकुर रहे हैं.  वहीं पांचवें नंबर पर आरा के अनुराग ने बिहार मैट्रिक परीक्षा में टॉप पांचवा स्थान लाया है. 

आईये जानते हैं इन टॉपरों के बारे में 

स्टेट टॉपर रामायणी राय का सपना पत्रकार बनना 

स्टेट टॉपर रामायणी राय के पिता वेटनरी डॉक्टर हैं तो मां सरकारी स्कूल टीचर हैं. बिहार स्टेट टॉपर रामायणी ने मीडिया से बात करते हुए बोर्ड टॉपर बनने के लिए खुशी जताई, रामायणी ने बताया कि उनका सपना टॉप टेन में आने का था. रामायणी भविष्य में पत्रकार बनना चाहती हैं. 

दूसरे स्टेट टॉपर की लिस्ट में दो नाम

वहीं मैट्रिक परीक्षा में सेकेंड टॉपर सानिया कुमारी, प्रोजेक्ट गर्ल्स हाई स्कूल रजौली नवादा की हैं.  नवादा की सानिया और विवेक ठाकुर को बिहार बोर्ड परीक्षा में दूसरा रैंक मिला है, दोनों ने 500 में 486 नंबर लाए हैं.  

सानिया के पिता उदय प्रसाद कंधवे रजौली में मिठाई की दुकान चलाते हैं. सानिया ने अपनी कामयाबी का श्रेय अपने पूरे परिवार को दिया है. सानिया ने बताया कि उसे पढ़ाई में आस पास के लोगों ने भी मदद की. सानिया के पिता पेशे से हलवाई हैं जबकि विवेक के पिता मजदूर हैं.  

तीसरी बिहार टॉपर बनना चाहती हैं डॉक्टर

बिहार टॉपर की लिस्ट में तीसरा नाम औरंगाबाद की प्रज्ञा कुमारी का नाम आता है. प्रज्ञा ने 485 अंक हासिल कर तृतीय स्थान हासिल किया है.  प्रज्ञा के पिता सुनील कुमार किसान हैं, वहीं उसकी माता संगीता देवी एक हाउस वाइफ हैं. प्रज्ञा डॉक्टर बनना चाहती है.  

प्रज्ञा का कहना है कि अभी तक पिता खेत में मेहनत कर पढ़ाई का किसी तरह खर्चा उठाते थे, पर अब अपने पिता की कमाई के जगह स्कॉलरशिप से पढ़ाई करना चाहती हूं. उसने कहा कि टॉपर आने के बाद सरकार मुझे जो भी ईनाम देगी उससे मैं इंटर की पढ़ाई करूंगी और आगे भी स्कॉलरशिप के लिए परीक्षा देती रहूंगी. प्रज्ञा ने कुल 485 नंबर लाकर ये कामयाबी हासिल की है. प्रज्ञा ने अपनी इस सफलता का श्रेय अपने माता-पिता और टीचर्स को दिया है. 

अनुराग कुमार का सपना आईएएस बनना 

वहीं आरा जिले के अगिआंव प्रखंड के अगिआंव गांव निवासी अनुराग कुमार टॉप 5 में शामिल हुए हैं. अनुराग के पिता योगेंद्र कुमार और मां रीता देवी टीचर हैं. अनुराग को 500 में से 483 अंक मिले हैं. अनुराग ने बताया कि वो रोजाना 9 घंटे रोज पढ़ाई करते थे. वो आईएएस बनना चाहते हैं. 

अनुराग की मां रीता देवी ने मीडिया से बात की, उन्होंने बताया कि  कोरोना काल में बहुत दिक्कतें होती थी. लेकिन अनुराग अपने पढ़ाई को लेकर हमेशा सीरियस रहता था. स्कूल बंद के दौरान हम दोनों ने इसके पढ़ाई को लेकर ध्यान ज्यादा दिया.  मेरा बेटा आईएएस बनना चाहता है. उसके सपने को हमलोग पूरा करेंगे. बता दें कि अनुराग कुमार की बहन अंशिका कुमारी बीते साल 2021 में बिहार बोर्ड मैट्रिक में जिले में छठा स्थान लाकर अपने गांव का नाम रौशन किया था. 


बता दें कि इस बार टॉप 10 में 47 विद्यार्थी हैं. शिक्षा मंत्री विजय चौधरी ने रिजल्ट की घोषणा की.  उनके साथ विभाग के अपर मुख्य सचिव संजय कुमार और बोर्ड के अध्यक्ष आनंद किशोर मौजूद थे.  आनंद किशोर ने कहा कि रिजल्ट देशभर में सबसे पहले जारी किया गया है.