तेलंगाना की 29 साल की ट्रांसजेंडर डॉक्टर रूथ पॉल जॉन कोय्यला ने इतिहास रच दिया है. देश में पहली बार डॉक्टर को ट्रांसजेंडर कैटेगरी में पीजी सीट मिली है. इसके लिए रूथ को 2 साल तक कानूनी लड़ाई लड़नी पड़ी. जून 2023 में तेलंगाना हाईकोर्ट ने रूथ को ट्रांसजेंडर कैटेगरी के तहत आवेदन करने की इजाजत दी. इस पहले डॉ. रूथ ने कई जगहों पर दरवाजे खटखटाए, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई. इसके बाद रूथ ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और अब उनको ट्रांसजेंडर कैटेगरी में पीजी सीट मिली है.
हैदराबाद में कार्यरत हैं डॉ. रूथ-
फिलहाल डॉ. रूथ हैदराबाद में उस्मानिया जनरल अस्पताल में एक डॉक्टर के तौर पर काम कर रही हैं. वो पहली ट्रांसजेंडर डॉक्टर हैं, जिनको ट्रांसजेंडर कैटेगरी में पीजी सीट मिली है. इससे पहले भी कई ट्रांसेंजडर पीजी डिग्री हासिल की है. लेकिन उनको पुरुष/महिला कैटेगरी में अपना नॉमिनेशन कराया था.
रूथ ने साल 2022 में NEET पीजी इंट्रेंस के लिए पात्र होने के बावजूद उन्होंने इसे सिर्फ इसलिए अस्वीकार कर दिया, क्योंकि यह सीट महिला के तौर उनकी मिली थी. रूथ ने ट्रांसजेंडर कैटेगरी के लिए आवेदन किया था. लेकिन तेलंगाना ये कैटेगरी नहीं थी.
स्त्री रोग विशेषज्ञ बनना चाहती हैं रूथ-
डॉ. रूथ तेलंगाना के खम्मम शहर से आती हैं. वो एक अनुसूचित जाति परिवार से हैं. डॉ. रूथ का सपना स्त्री रोग विशेषज्ञ बनने का है. उनका मानना है कि उनके समाज के लोग लिंग परिवर्तन के दौरान और उसके बाद कोई ट्रीटमेंट लेने से बचते हैं. इसलिए वो अपन समुदाय की सेवा करना चाहती हैं.
संघर्ष के बाद सरकारी अस्पताल में मिली थी नियुक्ति-
डॉ. रूथ पिछले साल प्राची राठौड़ के साथ तेलंगाना में सरकारी नौकरी पाने वाली पहली ट्रांसजेंडर बनी थीं. दोनों को ओजीएच में चिकित्सा अधिकारी के तौर पर नियुक्त किया गया था. डॉ. रूथ को एमबीबीएस पूरा करने के बाद हैदराबाद के 10 अस्पतालों ने नियुक्त करने से इनकार कर दिया था.
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