गुवाहाटी: अरुणाचल प्रदेश के पूर्वी कामेंग जिले के दूर-दराज के इलाकों में अब ड्रोन दवाएं पहुचाएंगे. ड्रोन से दवाएं पहुंचाने की सर्विस 15 अगस्त से शुरू होने वाली है. ड्रोन की तकनीकी क्षमताओं का परीक्षण करने के लिए राज्य सरकार ने वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम (WEF) के साथ मिलकर "मेडिसिन फ्रॉम द स्काई" पहल शुरू करेगी जिसके जरिए सरकार ये समझेगी कि राज्य के दूरदराज के हिस्सों में ड्रोन का इस्तेमाल करके दवाएं पहुंचाना कितना कारगर साबित होगा.
बता दें कि इस साल फरवरी में, पेमा खांडू सरकार और WEF ने चिकित्सा सेवाओं के लिए ड्रोन के इस्तेमाल करने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किया था. इसका उद्देश्य सही नीतियों को लागू करने और राज्य में ड्रोन सेवाओं के पैमाने को लागू करने के लिए एक खाका तैयार करना है.
जिला मजिस्ट्रेट प्रविमल अभिषेक पोलुमतला ने बताया कि “पूर्वी कामेंग जिले में एक पहाड़ी इलाका है, जिसके अंदरूनी क्षेत्रों में मानसून के मौसम में पहुंचना मुश्किल हो जाता है. मुझे यकीन है कि ड्रोन से दवा पहुंचाने की तकनीक ऐसे दूरदराज के क्षेत्रों में एक गेम चेंजर साबित होगा.
“सड़क-आधारित सेवाओं के मुकाबले ड्रोन से दवाएं पहुंचाने का काम काफी तेजी से किया जाएगा. उम्मीद जताई जा रही है कि इससे मरीजों का जेब से खर्च कम हो जाएगा. अभी ये सेवा 6-8 महीने के लिए एक्सपेरिमेंट के तौर पर शुरू की जाएगी. उसके बाद दूसरे जिलों में लागू किया जाएगा.