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यूपी में ड्रग्स सप्लाई करने वालों की खैर नहीं! रूट हुए ट्रेस, नारकोटिक्स फोर्स जल्द शुरू करेगी अभियान

यूपी में ड्रग्स स्मगलिंग पर जल्द ही नकेल कसने की तैयारी की जा रही है. इसके लिए एंटी नारकोटिक्स फोर्स अभियान शुरू करेगी. यहां तक कि ड्रग्स कहां से आ रहे हैं इसको लेकर रूट मैप भी तैयार कर लिया गया है.

Drugs supply Drugs supply
हाइलाइट्स
  • यूपी नारकोटिक्स टास्क फोर्स का किया गया गठन 

  • नेपाल बॉर्डर है चरस का सबसे बड़ा सेंटर 

उत्तर प्रदेश में नशे के कारोबार और खासकर ड्रग्स स्मगलिंग पर नकेल कसने की तैयारी हो रही है. बीते कुछ सालों में हुई ड्रग्स तस्करी के ट्रेंड को देखते हुए, यूपी में ड्रग्स कहां से और कैसे आ रही है इसका रूट मैप तैयार हुआ है. इसे लेकर एंटी नारकोटिक्स फोर्स जल्द एक अभियान शुरू करने वाली है. इसके तहत ड्रग्स के इस रूट पर कार्रवाई शुरू की जाएगी.

लंबे समय से बिहार से और एनसीआर होते हुए दिल्ली पंजाब हरियाणा जाने वाले ड्रग्स रूट में उत्तर प्रदेश एक ट्रांजिट पॉइंट बना था. उड़ीसा से झांसी रूट से गांजा की तस्करी हो रही थी तो वहीं नेपाल बॉर्डर से चरस अन्य नशीले पदार्थ तस्करी कर लाए जा रहे थे. बीते कुछ सालों में एनसीपी और यूपी एसटीएफ वह जिला पुलिस के द्वारा की गई मादक पदार्थों की तस्करी के ट्रेंड को देखने के बाद उत्तर प्रदेश में ड्रग्स कहां से और कैसे आ रहे हैं इसका रूट मैप तैयार कर लिया गया है.

गोल्डन ट्रायंगल रूट

यूपी समेत उत्तर भारत के तमाम राज्यों में देश की सबसे बड़ी सप्लाई गोल्डन ट्रायंगल रूट से हो रही है. अफगानिस्तान ईरान और पाकिस्तान से आने वाले ड्रग्स गुजरात राजस्थान और पंजाब के रास्ते से उत्तर प्रदेश और उत्तर प्रदेश से आगे के मध्य प्रदेश बिहार और फिर दक्षिण भारत के राज्य पहुंचाए जाते हैं. 

हेरोइन का रूट 

नाइट क्लब, पब,बार जैसी जगहों पर हीरोइन की सबसे ज्यादा डिमांड रहती है. इसकी सप्लाई म्यांमार, बांग्लादेश से पश्चिम बंगाल और उत्तर पूर्वी राज्यों मणिपुर, मिजोरम, असम में दिमापुर गुवाहाटी गया के रास्ते यूपी और फिर एनसीआर होते हुए हरियाणा राजस्थान और महाराष्ट्र सप्लाई होती है.

गांजा की सप्लाई?

गांजा की सबसे ज्यादा सप्लाई उड़ीसा और छत्तीसगढ़ से होती है. उड़ीसा के भवानीपटना, नाल्को सोनपुर और छत्तीसगढ़ के बरगढ़ से होते हुए मध्य प्रदेश और फिर झांसी के रास्ते से पश्चिम उत्तर प्रदेश तक और राजस्थान, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश से सोनभद्र और प्रयागराज के रास्ते पूर्वी उत्तर प्रदेश में पहुंचाया जाता है.

नेपाल बॉर्डर है चरस का सबसे बड़ा सेंटर 

उत्तर प्रदेश में चरस की सप्लाई का सबसे बड़ा सेंटर नेपाल बॉर्डर है. नेपाल के बढ़नी, सुनौली , बीरगंज बॉर्डर से चरस की सप्लाई न सिर्फ उत्तर प्रदेश बल्कि बिहार के लिए तक होती है और उत्तर प्रदेश में आने वाली यह चरस पंजाब हरियाणा दिल्ली तक ले जाई जाती है.

अफीम की तस्करी का ट्रेंड बदला है

यूं तो प्रदेश और देश में अफीम की खेती के लिए लखनऊ से सटा बाराबंकी हमेशा चर्चा में रहा है, लेकिन बीते कुछ सालों में अफीम की तस्करी का ट्रेंड बदला है. बाराबंकी में एनसीबी और एसटीएफ की कार्रवाई के चलते काफी हद तक इस कारोबार पर नकेल कसी तो अफीम की सप्लाई दूसरे राज्यों से होने लगी. नए रूट में झारखंड के पलामू चतरा से पटना के रास्ते वाराणसी और बरेली बदायूं अलीगढ़ से एनसीआर तक अफीम की सप्लाई की जा रही है.

यूपी नारकोटिक्स टास्क फोर्स का किया गया गठन 

बता दें कि यूपी पुलिस ने नारकोटिक्स के अवैध कारोबार पर नकेल कसने के लिए यूपी नारकोटिक्स टास्क फोर्स का गठन किया है. इसमें डिप्टी एसपी रैंक के 6 अधिकारियों की तैनाती तक कर दी गई है. बाराबंकी में लंबे समय तक एसपी रहे डीआईजी अब्दुल हमीद को इस नए टास्क फोर्स की जिम्मेदारी दी गई है. वहीं दूसरी तरफ नारकोटिक्स के इस कारोबार पर नकेल कसने के लिए 11 श्वानो को भी खरीदा जा रहा है. यह स्पेशल डॉग स्क्वाड को पंचकूला के आइटीबीपी सेंटर में नारकोटिक्स नशीले पदार्थों को ढूंढने की ट्रेनिंग भी दी जाएगी. 

नए रूट के तय हो जाने के बाद अब जल्द नारकोटिक्स टास्क फोर्स नशे के कारोबारियों पर नकेल कसने का एक बड़ा अभियान शुरू करेगी. 

(संतोष कुमार की रिपोर्ट)