नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने शुक्रवार को एयरलाइंस को चीन, हांगकांग, जापान, दक्षिण कोरिया, सिंगापुर और थाईलैंड से आने वाले अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के लिए अपने चेक-इन सिस्टम को नए कोविड -19 नियमों के हिस्से के रूप में संशोधित करने का निर्देश दिया है. इसके तहत अब आपको इन देशों की यात्रा करने पर नेगेटिव कोरोना रिपोर्ट दिखानी होगी.
नागरिक उड्डयन मंत्रालय का निर्देश स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा प्रस्थान से पहले यात्रियों के लिए निगेटिव कोविड आरटी-पीसीआर रिपोर्ट अनिवार्य करने के एक दिन बाद आया है. इन क्षेत्रों में, विशेष रूप से चीन में मामलों की बढ़ती संख्या के कारण यह निर्णय लिया गया है. उड्डयन मंत्रालय ने एयरलाइंस को केवल उन्हीं यात्रियों को बोर्डिंग पास जारी करने का निर्देश दिया, जो एयर सुविधा पोर्टल पर स्व-घोषणा पत्र (self-declaration form) जमा करते हैं. एक बयान में, इसने कहा कि निर्णय "मौजूदा स्थिति के अनुसार, यदि आवश्यक हो, की समीक्षा की जाएगी."
देनी होगी RT-PCR रिपोर्ट
कुछ देशों, विशेष रूप से चीन, सिंगापुर, हांगकांग, कोरिया गणराज्य, थाईलैंड और जापान में कोविड -19 मामलों के विकसित होने के संदर्भ में और इन देशों में SARS-CoV-2 के वेरिएंट के फैलाव को देखते हुए ये तय किया गया कि अंतरराष्ट्रीय आगमन के लिए मौजूदा दिशानिर्देशों को संशोधित और अपडेट करने की आवश्यकता है. मंत्रालय ने स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया के निर्देश को दोहराया कि भारत की यात्रा करने के 72 घंटों के भीतर आरटी-पीसीआर परीक्षण किए जाने चाहिए. इसमें कहा गया, "एयरलाइंस को निर्देश दिया जाता है कि वे बदलाव को शामिल करने के लिए अपनी चेक-इन कार्यक्षमताओं को संशोधित करें और बोर्डिंग पास केवल छह देशों से यात्रा करने वाले उन अंतरराष्ट्रीय यात्रियों को जारी करें, जिन्होंने एयर सुविधा पोर्टल पर स्व-घोषणा फॉर्म जमा किए हैं."
जारी रहेगी रैंडम टेस्टिंग
उड्डयन मंत्रालय ने यह भी कहा कि देश में आने वाले अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के आरटी-पीसीआर परीक्षण के लिए प्रत्येक उड़ान से रैंडम 2% नमूने एकत्र करके टेस्टिंग जारी रहेगी, भले ही वो बंदरगाह से निकल चुके हों.हालांकि कंपनी की ओर से जारी की गई एडवाइजरी में कहा गया कि 12 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए यात्रा की शुरुआत करने से पहले कोरोना संबंधी जांच जरूरी नहीं होगी.