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Election Commission: चुनाव आयोग ने की सिफारिश...अपने मतदाता सुविधा केंद्र पर ही वोट डालें पुलिसकर्मी और ड्यूटी पर तैनात अन्य अधिकारी

पोस्टल बैलेट को लेकर चुनाव आयोग कर सकता है नए बदलाव. इसके लिए चुनाव आयोग ने कानून मंत्रालय से सिफारिश की हैै. अब पुलिस कर्मियों सहित चुनाव ड्यूटी पर तैनात अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए उनके लिए बनाए गए मतदाता सुविधा केंद्र पर मतदान करना अनिवार्य होगा.

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हाइलाइट्स
  • अपने ही क्रेंद्र पर लगे ड्यूटी

  • पोस्टल बैलेट हटाने का प्रस्ताव

चुनाव आयोग ने कानून मंत्रालय से सिफारिश की है कि वह चुनाव नियमों में संशोधन करे और पुलिस कर्मियों सहित चुनाव ड्यूटी पर तैनात अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए उनके लिए बनाए गए मतदाता सुविधा केंद्र पर मतदान करना अनिवार्य करे. इसका मतलब यह होगा कि ऐसे कर्मियों के लिए वर्तमान में उपलब्ध विकल्प को बाद में पोस्ट करने के लिए मतपत्र को अपने पास रखने के विकल्प को बंद कर दिया जाएगा ताकि यह मतगणना के दिन सुबह 8 बजे तक रिटर्निंग अधिकारी तक पहुंच जाए. मतगणना के दिन डाक मतपत्र भेजने के दूसरे विकल्प को छोड़ने के लिए चुनाव आचरण नियम, 1961 के नियम 18 में संशोधन की आवश्यकता होगी.

चुनाव आयोग के एक बयान में कहा गया कि उपरोक्त प्रस्ताव, अगर लागू किया जाता है, तो मतदाताओं द्वारा उनके साथ लंबे समय तक चुनाव ड्यूटी पर मतपत्र रखने के संभावित दुरुपयोग कम होगा. इससे उम्मीदवारों या राजनीतिक दलों द्वारा अनुचित प्रभाव, धमकी, रिश्वत और अन्य अनैतिक साधनों में भी कमी आएगी. इस संबंध में कानून मंत्रालय को एक सिफारिश भेजने का फैसला चुनाव आयोग ने 16 सितंबर को आयोग की एक पूर्ण बैठक में लिया था.

अभी तक क्या है नियम?
पिछले चुनावों में यह देखा गया है कि चुनाव ड्यूटी पर तैनात मतदाता जिन्हें पोस्टल बैलेट प्रदान किया जाता है, वे वोटर फैसिलिटेशन सेंटर पर अपना वोट नहीं डालते हैं. इसके लिए वो लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 60 के साथ-साथ चुनाव आचरण नियम, 1961 के नियम 18 का हवाला देते हैं और पोस्टल बैलेट अपने साथ ले जाते हैं. उनका कहना है कि उनके पास मतगणना के सुबह 8 बजे तक पोस्टल बैलेट डालने का समय है. 

चुनाव आयोग ने बताया कि यह मतदान ड्यूटी पर कर्मियों के पास मतपत्र की गुंजाइश छोड़ देता है. ऐसे भी उदाहरण हैं जहां कुछ पुलिसकर्मी उन्हें अपने वरिष्ठों या अपने संबंधित यूनियनों के साथ लंबे समय तक छोड़ देते हैं, विशेष रूप से बहु-चरण चुनाव में. बता दें कि 2019 के लोकसभा चुनाव में पहले चरण का मतदान 11 अप्रैल को हुआ था जबकि मतगणना की तारीख 23 मई को हुई थी.

अपने ही क्रेंद्र पर लगे ड्यूटी
पिछले दो वर्षों में हुए राज्य विधानसभा चुनावों के दौरान, गोवा, केरल और मणिपुर जैसे कुछ राज्यों में चुनाव ड्यूटी स्टाफ से डाक द्वारा 50% से अधिक डाक मतपत्र प्राप्त हुए थे. उत्तराखंड में सुविधा केंद्र पर एक भी डाक मत नहीं डाला गया. आयोग की मानक नीति में यह प्रावधान है कि चुनाव ड्यूटी पर लगे मतदाताओं को आवंटित मतदान केंद्रों पर मतदान के प्रबंधन और पर्यवेक्षण के लिए अपने गृह निर्वाचन क्षेत्र के अलावा किसी अन्य निर्वाचन क्षेत्र में तैनात किया जाता है. इस व्यवस्था के कारण, वे अपने गृह मतदान केंद्र पर व्यक्तिगत रूप से वोट नहीं डाल पा रहे हैं.

वर्तमान योजना के अनुसार, चुनाव ड्यूटी पर लगे मतदाता अपनी ट्रेनिंग के समय संबंधित रिटर्निंग अधिकारी को डाक मतपत्र के लिए आवेदन करते हैं. इसके बाद बड़ी सावधानी के साथ आवंटित मतदान केंद्रों के लिए चुनाव ड्यूटी के लिए भेजे जाने से पहले प्रशिक्षण केंद्र पर डाक मतपत्र जारी करते हैं और ऐसे मतदाताओं को अपना वोट डालने में सक्षम बनाते हैं.