भारतीय नौसेना के 8 पूर्व अधिकारियों को कतर की एक अदालत ने मौत की सजा सुनाई है. ये भारतीय कतर की अल दहरा कंपनी के साथ काम करते थे जो खुद को कतर डिफेंस का लोकर बिजनेस पार्टनर बताती है. इनपर मार्च में ट्रायल शुरू हुआ था. सभी पिछले साल अक्टूबर 2022 से हिरासत में हैं. भारतीय एजेंसियां इन भारतीयों को हर संभव सहायता मुहैया करा रही हैं.
कानूनी मदद देना जारी रखेंगे: विदेश मंत्रालय
विदेश मंत्रालय ने कहा है, हम इस फैसले से स्तब्ध हैं और विस्तृत फैसले का इंतजार कर रहे हैं. हम परिवार के सदस्यों और कानूनी टीम के संपर्क में हैं, और सभी कानूनी विकल्प देख रहे हैं. हम इस मामले पर बारीकी से नजर रख रहे हैं. हम सभी काउंसलर और कानूनी मदद देना जारी रखेंगे. हम फैसले को कतर के अधिकारियों के सामने भी उठाएंगे. समाचार एजेंसियों ने सूत्रों के हवाले से बताया कि पूर्व भारतीय नौसेना अधिकारियों को पाकिस्तानी खुफिया एजेंसियों की ओर से फंसाए जाने की आशंका है.
Just in: Qatar hands the death sentence to 8 ex Indian sailors in its custody; India says "shocked", in touch with family members and the legal team. MEA response: pic.twitter.com/zVv7k09Qsp
— Sidhant Sibal (@sidhant) October 26, 2023
सबमरीन प्रोग्राम की जासूसी का आरोप
रिपोर्ट के अनुसार, इनपर इजराइल की तरफ से एक सबमरीन प्रोग्राम पर जासूसी करने का आरोप लगाया गया था. कतर के अधिकारियों ने बताया है कि उनके पास इस मामले से संबंधित इलेक्ट्रॉनिक सबूत भी हैं. इजराइल और कतर कट्टर दुश्मन हैं. कतर और भारत के रिश्ते अच्छे हैं. भारत और कतर के बीच कैदियों की अदला-बदली को लेकर समझौता भी हो चुका है.
भारतीय को दूसरे देश में किस नियम के तहत सजा मिलती है?
दूसरे देश में किए गए अपराध की सजा वहां के कानून पर निर्भर करती है. हालांकि 2011 में आए सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले के मुताबिक अगर कोई भारतीय नागरिक विदेश में अपराध करता है, तो उस पर कुछ मामलों में भारत में मुकदमा चलाया जा सकता है. अगर कोई भारतीय नागरिक विदेश में किसी तरह का अपराध करता है तब आईपीसी की धारा 4 के तहत उनपर मुकदमा चलाने और इनके अपराधों की जांच करने का अधिकार है. IPC की धारा 4 के मुताबिक भारत से बाहर किया गया ऐसा हर आता है, जो अगर भारत में किया जाता तो, इस धारा के अधीन दंडनीय होता. विदेश में किए गए वे सभी अपराध India's Criminal Procedure Code के प्रावधानों के अधीन होंगे, जिसके बारे में अनुच्छेद 188 में बताया गया है.
एक अधिकारी को मिल चुका है प्रवासी भारतीय सम्मान
कतर में जिन 8 पूर्व नौसैनिक अधिकारियों को मौत की सजा दी गई है उनके नाम हैं- कैप्टन नवतेज सिंह गिल, कैप्टन सौरभ वशिष्ठ, कैप्टन बीरेंद्र कुमार वर्मा, कमांडर पूर्णेन्दु तिवारी, कमांडर सुग्नाकर पकाला, कमांडर संजीव गुप्ता, कमांडर अमित नागपाल और सेलर रागेश. इनमें से कमांडर पूर्णेन्दु तिवारी को भारत और कतर के बीच द्विपक्षीय संबंधों को आगे बढ़ाने में के लिए साल 2019 में प्रवासी भारतीय सम्मान पुरस्कार मिल चुका है.