प्राइवेट सेक्टर में काम कर रहे लोगों के पास भी अपने अधिकार हैं, जो उन्हें अपने काम करने की जगह पर एक सुरक्षा की भावना देते हैं. ऐसे में कुछ ऐसे अधिकार हैं जो देश में काम कर रहे सभी कर्मचारियों को जरूर पता होने चाहिए.
1. जो डॉक्यूमेंट अपने साइन किए हैं उनको अपने पास रखने का अधिकार
कर्मचारियों को वो सभी डॉक्यूमेंट अपने पास रखने का अधिकार है जो उन्होंने साइन किए हैं. ये दोनों पार्टियों को एक सुरक्षा की भावना देता है, साथ ही कि वे दोनों अपने दायित्वों को पूरी तरह से समझते हैं और जो भी नियम या शर्तें रखी गई हैं उनपर दोनों सहमत हुए हैं.
2. काम के बारे में शिकायत या विरोध करने का अधिकार
हर एम्प्लॉई को काम की परिस्थितियों के बारे में विरोध करने या शिकायत करने का अधिकार है. यह फैक्ट्रीज एक्ट, 1948 में कहा गया है. कानून कहता है कि हर कर्मचारी को काम करने की अनुचित परिस्थितियों के खिलाफ विरोध करने या शिकायत करने का पूरा अधिकार है.
3. समान काम के लिए समान वेतन पाने का अधिकार
इक्वल पेय एक्ट, 2010 के अनुसार, हर कर्मचारी, चाहे वह पुरुष हो या महिला, को समान कार्य के लिए समान वेतन पाने का अधिकार है. कर्मचारियों को उनके लिंग, जाति, पंथ के आधार पर भुगतान करते समय कोई पक्षपात या किसी तरह का भेदभाव नहीं किया जाना चाहिए.
4. कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न के विरुद्ध अधिकार
विशाखा गाइडलाइन कार्यस्थल पर महिलाओं के खिलाफ यौन उत्पीड़न को रोकने के लिए नियम निर्धारित करती है. एक पुरुष या महिला दोनों को काम पर उत्पीड़न से मुक्त होने का अधिकार है. अगर यौन उत्पीड़न की कोई शिकायत उनके पास आती है तो एम्प्लॉयर्स को जरूर कदम उठाना चाहिए.
5. कार्यस्थल पर स्वास्थ्य और सुरक्षा का अधिकार
किसी व्यक्ति के लिए अच्छे से काम करने के लिए एक सुरक्षित और स्वस्थ वर्क एनवायरनमेंट जरूरी है. ऐसे में ये जिम्मेदारी एम्प्लॉयर्स की है कि वे अपने कर्मचारी को अच्छा वातावरण दें.
6. ग्रेच्युटी का अधिकार
ग्रेच्युटी कर्मचारियों को रिटायरमेंट, टर्मिनेशन या कर्मचारियों की मृत्यु के समय दिया जाने वाला आर्थिक लाभ है. एक संगठन को अपने कर्मचारियों को ग्रेच्युटी का भुगतान करना होता है. अगर कर्मचारी ने लंबे समय तक कंपनी के साथ काम किया या 5 साल या उससे अधिक काम किया है तो ग्रेच्युटी की राशि दी जानी चाहिए.
7. छुट्टी पाने का अधिकार
कर्मचारियों को छुट्टी लेने का अधिकार है. इसमें, बीमारी के मिलने वाली छुट्टी (Sick Leave), आकस्मिक अवकाश (Casual Leave), पेड़ लीव (Paid Leave) मिलनी चाहिए.
8. मातृत्व लाभ का अधिकार (Right to maternity benefit)
मैटरनिटी बेनिफिट एक्ट, 1961 के तहत महिला कर्मचारियों को मातृत्व का अधिकार दिया गया है. यह महिलाओं को एक संतुलित परिवार और कामकाजी जीवन बनाए रखने में मदद करता है. एक महिला न्यूनतम 80 दिनों के रोजगार की अवधि पूरी करने के बाद अपने एम्प्लायर से मैटरनिटी बेनिफिट की मांग कर सकती है. इसके तहत महिला को 26 सप्ताह की छुट्टी और इस अवधि के दौरान वेतन पाने का अधिकार है. भले ही वे काम करें या न करें.
9. समय पर सैलरी मिलने का अधिकार
कई कर्मचारी अपना घर चलाने के लिए अपनी तनख्वाह पर निर्भर हैं. अगर एम्प्लॉयर ऐसा नहीं करता है तो आपको उसके खिलाफ एक्शन लेने का अधिकार है.