रिपब्लिक डे परेड के लिए झांकियों के चयन को लेकर बार-बार विवाद होता है. इससे बचने के लिए रक्षा मंत्रालय ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए झांकियां प्रदर्शित करने के लिए एक रोलओवर योजना का प्रस्ताव दिया है. इसके तहत हर राज्य और केंद्र शासित प्रदेश को तीन साल के भीतर अपनी झांकियां दिखाने का मौका मिलेगा.
3 साल में झांकियां दिखाने का मिलेगा मौका-
पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि रक्षा मंत्रालय और संबंधित राज्यों के बीच हुए एक एमओयू के तहत सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को कर्तव्य पथ पर अगले तीन गणतंत्र दिवस समारोहों में अपनी झांकियां प्रदर्शित करने का समान अवसर मिलेगा. कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया और पंजाब के सीएम भगवंत मान ने विपक्षी पार्टियों के शासित राज्यों की झांकियों को परेड में शामिल नहीं करने की आलोचना की है. इसके बाद नई चयन प्रक्रिया पर स्पष्टीकरण आया है.
रिपोर्ट के मुताबिक इस साल कर्तव्य पथ पर परेड में तीन डिफेंस सर्विसेज और दूसरे फोर्सेस की मार्चिंग टुकड़ियों में 75 फीसदी महिलाओं की हिस्सेदारी होगी.
पारदर्शी और समान अवसर वाला प्रोसेस-
रिपोर्ट के मुताबिक सूत्रों ने बताया कि झांकी के चयन के लिए परामर्श प्रक्रिया पिछले साल 25 मई को रक्षा सचिव गिरिधर अरमाने की राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक के साथ शुरू हुई थी. इसके बाद तीन साल का रोलिंग प्लान तैयार किया गया.
उन्होंने ये भी बताया कि एक्सपर्ट कमेटी की 4 बैठकों के बाद 16 राज्यों और केद्र शासित प्रदेशों की झांकियों का चयन किया गया था और इस बात पर जोर दिया गया था कि चयन पारदर्शी और परामर्शात्मक था और सभी को समान अवसर प्रदान करता है.
MoU पर 28 राज्यों के सिग्नेचर-
अब तक इस एमओयू को 28 राज्यों ने अपनाया है. इस साल रिपब्लिक डे परेड में गुजरात, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़ , हरियाणा, लद्दाख, आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, झारखंड, मध्य प्रदेश, राजस्थान, तमिलनाडु, महाराष्ट्र, मणिपुर, मेघालय, ओडिशा और तेलंगाना की झांकियां दिखेंगी. जबकि 23 से 31 जनवरी तक लाल किले पर भारत पर्व का आयोजन होगा, जिसमें जम्मू -कश्मीर, कर्नाटक, हिमाचल प्रदेश, त्रिपुरा, गोवा , असम और उत्तराखंड हिस्सा लेंगे.
एमओयू के प्रावधानों के मुताबिक तीन साल की योजना को अंतिम रूप दिया गया है, ताकि हर राज्य और केंद्र शासित प्रदेश को रिपब्लिक डे परेड में अपनी झांकी दिखाने का मौका मिल सके.
ये भी पढ़ें: