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BHU को 7.7 करोड़ का दान, पूर्व छात्र के नाम पर होगा IIT लाइब्रेरी का नाम

अमेरिकी उद्योगपति ने आईआईटी बीएचयू को एक मिलियन डॉलर यानी 7 करोड़ 76 लाख 30 हजार रुपए दान दिए. अमेरिकी उद्योगपति के पिता बीएचयू में साल 1948 बैच के छात्र रह चुके हैं. अब पूर्व छात्र श्रीनिवास देशपांडे के नाम पर आईआईटी बीएचयू की लाइब्रेरी का नाम होगा.

आईआईटी बीएचयू के पूर्व छात्र के बेटे ने दिया 7.7 करोड़ का दान आईआईटी बीएचयू के पूर्व छात्र के बेटे ने दिया 7.7 करोड़ का दान
हाइलाइट्स
  • बीएचयू को 7.7 करोड़ का दान

  • आईआईटी बीएचयू के पूर्व छात्र के बेटे ने दिया दान

आईआईटी बीएचयू के पूर्व छात्रों का अमेरिका में एक संगठन है. जिसका नाम आईआईटी बीएचयू फाउंडेशन है. इस फाउंडेशन को बोस्टन के उद्यमी एवं समाजसेवी देश देशपांडे और उनकी पत्नी जयश्री देशपांडे ने एक मिलियन डॉलर का दान दिया है. उन्होंने ये दान अपने पिता श्रीनिवास देशपांडे के सम्मान में दिया है, जो आईआईटी बीएचयू के 1948 बैच के स्नातक हैं. अब संस्थान श्रीनिवास देशपांडे के सम्मान में उनके नाम पर लाइब्रेरी का नाम रखेगा. पुस्तकालय का नामकरण 24 जून को किया जाएगा.
देश देशपांडे ने कहा कि बीएचयू के प्राचार्य डॉ. गोडबोले के साथ एक संयोगवश मुलाकात ने मेरे पिता को इस यूनिवर्सिटी में शिक्षा लेने के लिए प्रेरित किया. इस विश्वविद्यालय ने उनका और हमारे परिवार का जीवन बदल दिया. हमें उम्मीद है कि इस विनम्र उपहरा का भविष्य में पुस्तकालय के सैकड़ों लोगों के जीवन पर प्रभाव पड़ेगा.
आईआईटी बीएचयू के डायरेक्टर प्रो. प्रमोद कुमार जैन इस दान के लिए देश देशपांडे और उनकी पत्नी जयश्री देशपांडे को शुक्रिया कहा. उन्होंने कहा कि ये पूर्व छात्रों की उपलब्धियां हैं, जो भविष्य के प्रौद्योगिक लीडरों को ट्रेनिंग देने के लिए संकाय सदस्यों और कर्मचारियों को प्रेरित करती हैं. हमें उनके सम्मान में पुस्तकालय का नामकरण करने में प्रसन्नता हो रही है.

श्रीनिवास देशपांडे को जानिए-
श्रीनिवास देशपांडे का जन्म 2 मार्च 1925 में हुआ था. श्रीनिवास देशपांडे सार्वजनिक सेवा से जुड़े रहे. साल 1948 में औद्योगिक रसायन विज्ञान में फर्स्ट क्लास में बीएसएस पूरा किया. उसके बाद 31 साल तक सार्वजनिक क्षेत्र में काम किया. साल 1980 में संयुक्त श्रम आयुक्त के रूप में कर्नाटक सरकार से रिटायर हुए. इसके बाद वो हुबली में चिन्मय मिशन के अध्यक्ष, शरीफ ट्रस्ट के अध्यक्ष के रूप में काम किया. वो देशपांडे फाउंडेशन के प्रेरणा स्रोत रहे हैं.
आईआईटी बीएचयू फाउंडेशन अमेरिका में IIT बीएचयू के पूर्व छात्रों का एक संगठन है. ये संगठन आईआईटी के पूर्व छात्रों को जोड़ता है और डोनर नेटवर्क को मजबूत करता है. बीएचयू में साल 1919 में बनारस इंजीनियरिंग कॉलेज की स्थापना हुई. साल 1969 में बनारस इंजीनियरिंग कॉलेज, कॉलेज ऑफ माइनिंग एंड मेटलर्जी और कॉलेज ऑफ टेक्नोलॉजी को मिलाकर प्रौद्योगिकी संस्थान बनाया गया. सरकार ने 29 जून 2012 को आईटी- बीएचयू को भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान में परिवर्तित किया.

(वाराणसी से रौशन जायसवाल की रिपोर्ट)

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