दिल्ली की शराब नीति मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने गुरुवार रात दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार कर लिया. जांच एजेंसी ने सीएम आवास पर दो घंटे तक पूछताछ के बाद यह कार्रवाई की. सीएम से पूछताछ पीएमएलए की धारा 50 के तहत की गई. शुक्रवार को केजरीवाल को कोर्ट में पेश किया जाएगा. केजरीवाल की गिरफ्तारी शराब नीति केस में हुई है. दिल्ली के डिप्टी सीएम नेता मनीष सिसोदिया और राज्यसभा सदस्य संजय सिंह पहले ही इस केस में जेल में हैं. ईडी ने अपनी चार्टशीट में केजरीवाल का जिक्र कई बार किया है.
केजरीवाल को इस मामले में ईडी की तरफ से कई बार समन जारी किए गए थे लेकिन वे जांच एजेंसी की पूछताछ में शामिल नहीं हुए थे. इससे पहले गुरुवार को दोपहर हाईकोर्ट ने केजरीवाल की गिरफ्तारी पर रोक लगाने वाली याचिका खारिज कर दी थी. केजरीवाल की लीगल टीम ने सुप्रीम कोर्ट में भी अपील की है.
गिरफ्तारी के बाद भी सीएम बने रहेंगे केजरीवाल
दिल्ली की मंत्री आतिशी ने कहा कि केजरीवाल दिल्ली के सीएम बने रहेंगे. अब सवाल ये उठता है कि क्या केजरीवाल जेल से सरकार चला सकते हैं? वैसे तो भारतीय कानून में गिरफ्तारी पर इस्तीफा देने की कोई बाध्यता नहीं है. कानूनन किसी व्यक्ति के गिरफ्तार होने का मतलब ये नहीं है कि उसपर आरोप सिद्ध हो गए हैं, ऐसे में किसी सीएम की गिरफ्तारी होने से तुरंत उनका पद नहीं जा सकता.
ऐसे में केजरीवाल के पास फिलहाल दो विकल्प हैं.
पहला- लालू का मॉडल
1997 में जब लालू यादव बिहार के मुख्यमंत्री थे तब उन्हें चारा घोटाले में गिरफ्तार किया गया था. उनकी जगह उनकी पत्नी राबड़ी देवी मुख्यमंत्री बनीं और सरकार बची रही. इनकम टैक्स डिपार्टमेंट में करीब 22 साल तक जॉब करने के बाद केजरीवाल की पत्नी सुनीता ने 2016 में इंडियन रेवेन्यू सर्विस से वॉलन्टियरी रिटायरमेंट (वीआरएस) लिया है. ऐसे में सुनीता केजरीवाल की जगह दिल्ली की सरकार चला सकती हैं.
दूसरा- जयललिता का मॉडल
2014 में तत्कालीन जयललिता को भी गिरफ्तार किया गया था. उनके प्रतिनिधि ओ पन्नीरसेल्वम को तमिलनाडु का मुख्यमंत्री बनाया गया. ऐसे में केजरीवाल गोपाल राय, राम निवास गोयल, राघव चड्ढा और आतिशी जैसे बड़े नेताओं को सीएम का कार्यभार सौंप सकते हैं.
राहुल गांधी ने निशाना साधा
केजरीवाल की गिरफ्तारी को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि इसका विपक्षी गठबंधन 'इंडिया' मुंहतोड़ जवाब देगी. राहुल ने ट्वीट किया, डरा हुआ तानाशाह, एक मरा हुआ लोकतंत्र बनाना चाहता है. मीडिया समेत सभी संस्थाओं पर कब्ज़ा, पार्टियों को तोड़ना, कंपनियों से हफ्ता वसूली, मुख्य विपक्षी दल का अकाउंट फ्रीज़ करना भी ‘असुरी शक्ति’ के लिए कम था तो अब चुने हुए मुख्यमंत्रियों की गिरफ्तारी भी आम बात हो गई है. INDIA इसका मुंहतोड़ जवाब देगा.'' कांग्रेस की नेता प्रियंका गांधी ने भी अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी को गलत और असंवैधानिक बताया है.
नई शराब नीति क्या थी?
17 नवंबर 2021 को दिल्ली सरकार ने राज्य में नई शराब नीति लागू की. इसके तहत राजधानी में 32 जोन बनाए गए और हर जोन में ज्यादा से ज्यादा 27 दुकानें खुलनी थीं. नई शराब नीति में दिल्ली की सभी शराब की दुकानों को प्राइवेट कर दिया गया. सरकार ने तर्क दिया था कि इससे 3,500 करोड़ रुपए का फायदा होगा. इसके पहले दिल्ली में शराब की 60 प्रतिशत दुकानें सरकारी और 40 प्रतिशत प्राइवेट थीं.
क्यों उठे शराब नीति पर सवाल?
1. थोक लाइसेंस धारकों का कमीशन बढ़ाकर 12% फिक्स किया.
2. बड़ी कंपनियों की मोनॉपोली बढ़ाने के आरोप लगे.
3. शराब सरकारी दुकानें नहीं केवल निजी दुकानें बेचेंगी.
4. शराब दुकानदार भारी रियायत पर शराब बेच रहे थे.
5. पहले से ज्यादा बड़ी दुकानें खुलीं.
कब हुआ घोटाले का खुलासा
एजेंसी ने आरोप लगाया है कि दिल्ली शराब नीति केस में केजरीवाल के संपर्क में थे, जिसके बाद शराब कारोबारियों को फायदा हुआ, इसके बदले में उन्होंने आम आदमी पार्टी को रिश्वत दी. इस घोटाले का खुलासा 2022 को दिल्ली के तत्कालीन मुख्य सचिव नरेश कुमार की रिपोर्ट से हुआ था. नरेश कुमार ने अपनी रिपोर्ट में आम आदमी पार्टी के कई बड़े नेताओं पर आरोप लगाए. दिल्ली के एलजी वीके सक्सेना ने सीबीआई जांच की सिफारिश की. इसके बाद सीबीआई ने 17 अगस्त 2022 को केस दर्ज किया.