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Explained: कैसे होती है सुप्रीम कोर्ट, हाईकोर्ट के जजों की न‍ियुक्त‍ि? जानें पूरी प्रक्रिया

High Court Supreme Court judge appointment process: सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट में जजों की नियुक्ति के क्या-कुछ प्रावधान हैं. वर्तमान में किस व्यवस्था के अनुसार इनकी नियुक्ति होती है. आइए जानते हैं पूरी प्रक्रिया.

ऐसे होती है जजों की नियुक्ति ऐसे होती है जजों की नियुक्ति
हाइलाइट्स
  • जजों की नियुक्ति की क्या प्रक्रिया है.

  • जजों की नियुक्ति के लिये बनाई गई है कॉलेजियम प्रणाली

सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट में जजों की नियुक्ति कैसे होती है चलिए जानते हैं.

क्या है संवैधानिक प्रावधान
अनुच्छेद 124 (2) में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की नियुक्ति के बारे में प्रावधान है. इसमें कहा गया है कि मुख्य न्यायाधीश के अलावा किसी अन्य न्यायाधीश की नियुक्ति के मामले में भारत के मुख्य न्यायाधीश से हमेशा सलाह ली जाएगी.

217 (1) इसमें हाईकोर्ट के न्यायाधीशों की नियुक्ति के बारे में चर्चा की गई है. 

सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की नियुक्ति में राष्ट्रपति की महत्वपूर्ण भूमिका होती है. कोलेजियम की सिफारिश के बाद राष्ट्रपति द्वारा इनकी नियुक्ति की जाती है. सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के न्यायाधीशों से परामर्श लेकर सर्वोच्च न्यायालय के किसी न्यायाधीश की नियुक्ति राष्ट्रपति करते हैं. इसकी चर्चा अनुच्छेद 124 (2) में की गई है. सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश यानी चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया का परामर्श इस नियुक्ति में अहम माना जाता है. 

हाई कोर्ट के जजों के नाम की सिफारिश सीजीआई और दो सीनियर जजों वाले एक कॉलेजियम द्वारा की जाती है.

कैसे होती है सीजीआई (CJI) की नियुक्ति

भारत के संविधान में चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजीआई) की नियुक्ति को लेकर कुछ स्पष्ट नहीं किया गया है. वरिष्ठता के आधार पर सुप्रीम कोर्ट के जजों को सीजीआई के तौर पर नियुक्त किया जाता है. मेमोरेंडम ऑफ प्रोसिड्योर (एमओपी) के आधार पर सीजीआई (CJI) की नियुक्ति की जाती है. इसमें विधि मंत्री सेवानिवृत होने वाले सीजीआई से सुझाव मांगते हैं. सुझाव वाले नाम को विधि मंत्री प्राइम मिनिस्टर के पास भेजते हैं. प्रधानमंत्री उस नाम को आगे राष्ट्रपति के पास भेजते हैं. इस तरह भारत के सर्वोच्च न्यायाधीश यानी सीजीआई की नियुक्ति होती है.

कोलेजियम की सिफारिश मानना सरकार के लिए जरूरी होता है

कोलेजियम की सिफारिश के तहत वर्तमान में जजों की नियुक्ति की जाती है. हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट दोनों में कोलेजियम व्यवस्था का पालन किया जाता है. किसी कानून के द्वारा कोलेजियम व्यवस्था स्थापित नहीं की गई है. सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम का नेतृत्त्व CJI द्वारा किया जाता है और इसमें न्यायालय के चार अन्य सीनियर जज शामिल होते हैं. कोलेजियम की सिफारिश (दूसरी) मानना सरकार के लिए जरूरी होता है. हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में न्यायधीशों के तबादलों का फैसला भी कॉलेजियम ही करता है.

क्या है जज बनने की योग्यता
हाई कोर्ट में जज के बनने के लिए लॉ की बैचलर डिग्री होनी चाहिए. इसके साथ 10 साल तक वकालत का अनुभव होना जरूरी है. सेवानिवृति होने के बाद जज दोबारा प्रैक्टिस भी शुरू कर सकते हैं.

सुप्रीम कोर्ट का जज बनने के लिए शर्त

  • भारत का नागरिक हो या
  • कम से कम किसी हाई कोर्ट में पांच साल तक जज रहा चुका हो या
  • कम से कम 10 साल तक हाई कोर्ट में वकालत का अनुभव हो या
  • राष्ट्रपति के विचार में जाने माने कानूनविद हों