मौसम विभाग ने देश के कई राज्यों में अगले 3 दिनों के लिए तेज गर्मी को लेकर अलर्ट जारी किया है. भारतीय मौसम विभाग के मुताबिक, गुजरात, महाराष्ट्र, राजस्थान, मध्य प्रदेश समेत कई राज्यों में तेज गर्मी पड़ने वाली है. देश में अगले कुछ दिन में मौसम कैसा रहने वाला है, मौसम विभाग लगातार इसकी जानकारी देता रहता है.
मौसम को देखते हुए ही विभाग अलर्ट जारी करता है. इसके अलावा दूसरे अलर्ट जैसे रेड अलर्ट (Red Alert), ऑरेंज अलर्ट (Orange Alert), और ग्रीन अलर्ट (Green Alert) भी जारी करता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि आखिर इन अलर्ट को किस हिसाब से जारी किया जाता है और इनका क्या मतलब होता है. दरअसल, मौसम की स्थिति जितनी ख़राब हो रही है या होने वाली उसके आधार पर इन्हें जारी किया जाता है. दरअसल, चेतावनी देने के लिए कौन सा अलर्ट दिया जाना चाहिए ये कई एजेंसियां मिलकर निर्धारित करती हैं.
चलिए समझते हैं कि आखिर मौसम विभाग की ओर से जारी किये जाने वाले अलर्ट का क्या मतलब होता है-
कब जारी होता है रेड अलर्ट?
सबसे पहले जानते हैं कि रेड अलर्ट कब जारी होता है? मौसम विभाग के मुताबिक, जब भी मौसम बहुत खराब होता है तब इस अलर्ट को जारी किया जाता है. जैसे मान लीजिये किसी जगह अगले कुछ दिनों में तेज लू या गर्मी पड़ने वाली है तो इसे जारी कर दिया जाता है. हालांकि इसके साथ कई और पैमाने भी हैं. ये अलर्ट लू की रेंज में पड़ने वाले सभी इलाकों के लिए होता है और प्रशासन से जरूरी कदम उठाने के लिए कहा जाता है. रेड अलर्ट का मतलब होता है कि मौसम बहुत खराब स्थिति में पहुंच चुका है और लोगों को सावधान होने की जरूरत है.
कब जारी होती है ऑरेंज अलर्ट?
मौसम विभाग के मुताबिक, इसका मतलब होता है बी प्रिपेयर्ड (BE PREPARED). यानि जैसे-जैसे मौसम खराब होता जाता है, वैसे ही येलो अलर्ट को हटाकर ऑरेंज अलर्ट जारी कर दिया जाता है. इस अलर्ट के दौरान आसपास रहने वाले लोगों को उनके घरों में रहने की सलाह दी जाती है.
क्या है येलो अलर्ट?
जब मौसम विभाग इस अलर्ट को जारी करता है उसका मतलब होता है कि लोग सचेत रहें. ये एक तरह का जस्ट वॉच (Just watch) सिग्नल होता है. अगर मौसम विभाग येलो अलर्ट जारी करता है तो इसका मतलब है कि संबंधित अधिकारियों को हालातों पर नजर रखनी होगी. उन्हें मौसम की स्थिति और शहर के हालात के बारे में समय-समय पर पूरी जानकारी रखनी होगी.
कब जारी होता है ग्रीन अलर्ट?
मौसम विभाग ग्रीन अलर्ट तब जारी करता है जब हालात एकदम नॉर्मल हो जाते हैं और संबंधित जगह पर किसी प्रकार का कोई खतरा नहीं होता है. साथ ही किसी तरह के कोई भी एक्शन लेने की जरूरत नहीं है.
इस प्रकार की वार्निंग जारी करने के पीछे सरकार और अन्य एजेंसियों का मकसद किसी भी तरह के ख़राब मौसम फिर चाहे वह गर्मी हो, सर्दी हो या बारिश हो से होने वाले जान और माल के नुकसान को कम करना होता है और इस प्रकार की सूचनाएं वाकई में लोगों की मददगार साबित होतीं हैं.