

गर्मी लगातार तेज होते जा रही है. अप्रैल के महीने में जून जैसी भीषण गर्मी से देश के ज्यादातर राज्यों में हाल बेहाल है. कई जगह तापमान 44 डिग्री को पार कर गया है. मौसम विभाग के मुताबिक आने वाले 3-4 दिनों में गर्मी और बढ़ने की उम्मीद है. भीषण गर्मी के कारण डिप्रेशन और तनाव जैसी मानसिक बीमारियों का खतरा बढ़ रहा है. डॉक्टरों ने लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है.
भीषण गर्मी का मानसिक स्वास्थ्य पर असर
बढ़ती गर्मी का सेहत पर तो असर पड़ता है, लेकिन ज्यादा तापमान मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी घातक हो सकता है. मौसम विभाग लगातार हिट वेव और तापमान बढ़ने को लेकर चेतावनी दे रहा है. ऐसे में गर्मी से बचना बेहद जरूरी है. डॉक्टरों के अनुसार, गर्मियों में ज्यादा धूप, हाई टेम्परेचर और नींद में गड़बड़ी ब्रेन की केमिस्ट्री को प्रभावित कर सकती है. इससे मूड बदलता है और समर सैड डिप्रेशन, तनाव जैसे लक्षण मानसिक स्वास्थ्य को बिगाड़ सकते हैं.
क्या है सीजनल इफेक्टिव डिसऑर्डर
सीजनल इफेक्टिव डिसऑर्डर (SAD) तीन शब्दों सीजन, इफेक्टिव और डिसऑर्डर से बना हुआ है. सीजन का मतलब है कि जब सीजन चेंज हो रहा होता है, जैसे सर्दियों से गर्मियों में आना. इफेक्टिव का मतलब है मूड बदलना, जैसे उदासी या तेजी आना. गर्मियों में भी डिप्रेशन और तनाव हो सकता है, जिसे समर सैड या रिवर्स सैड भी कहा जाता है.
गर्मी में डिप्रेशन, डिहाइड्रेशन, तनाव, नींद में गड़बड़ी, थकान, गुस्सा आम समस्या है. डॉक्टरों के अनुसार, लाइट का डायरेक्ट इम्पैक्ट आपके मूड पर होता है. गर्मियों में सीजनल इफेक्टिव डिसऑर्डर मीनिया के प्रेजेंटेशन में आता है, जिसके लक्षण होते हैं ज्यादा बातें करना, बड़ी-बड़ी बातें करना, ज्यादा खर्चा करना, ज्यादा पूजा-पाठ करना, नींद की कमी हो जाना या नींद की जरूरत कम हो जाना.
बरतें ये सावधानियां
नोएडा के चीफ मेडिकल ऑफिसर डॉक्टर नरेंद्र कुमार ने भीषण गर्मी से बचाव के लिए महत्वपूर्ण सलाह दी. उन्होंने कहा कि गर्मी के इन साइड इफेक्ट से सावधान रहने की जरूरत है. कोशिश करें कि दोपहर 12:00 बजे से शाम 4:00 बजे तक धूप में निकलने से बचें.
धूप में निकलें तो सिर और चेहरे को ढक कर रखें. छाता का इस्तेमाल करें. खासतौर से बच्चे और बुजुर्ग धूप में निकलने से बचें. बदन को हाइड्रेट रखने के लिए खूब पानी पीना चाहिए. ढीले-ढाले और हल्के रंग के कपड़े पहनें. गर्मी में लोगों को अपने खाने-पीने पर ध्यान देना चाहिए. ठंडक प्रदान करने वाले पेय पदार्थों का सेवन करना चाहिए. डॉ. कुमार ने कहा, प्यास ना भी लगे तब भी आप पानी पिएं.