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Hathras Stampede: हाथरस में Narayan Sakar Hari के सत्संग के दौरान कैसे मची भगदड़, चश्मदीद गवाहों ने किया खुलासा

एक चश्मदीद ने बताया, "जब कुछ लोग गिरे तो उन्हें निकालने की कोशिश की गई, लेकिन एक के बाद एक लोग गिरते ही चले गए. उसमें बुजुर्ग थे, कुछ महिलाएं थीं, कुछ दूध पीते बच्चे भी थे. उस वक्त वहां 10-20 हजार लोगों की भीड़ होगी." 

Hathras Stampede Hathras Stampede
हाइलाइट्स
  • हाथरस के सिकंदराराऊ की घटना

  • भगदड़ में मरने वालों की संख्या 100 के पार

हाथरस के सिकंदराराऊ में मंगलवार शाम 'भोले बाबा' उर्फ नारायण साकार नाम के स्वघोषित बाबा के सत्संग में भगदड़ मचने से कम से कम 107 लोगों की मौत हो गई. शुरुआती आंकड़े सामने आने के बाद कई चश्मदीद गवाहों ने बताया कि भगदड़ कैसे मची. इन गवाहों में एक शकुंतला देवी नाम की महिला हैं, जबकि एक गवाह का नाम सोनू कुमार है. 

क्या बोले चश्मदीद गवाह?
सोनू कुमार नाम के एक चश्मदीद गवाह ने कहा, "वहां पानी के टैंक रखे हुए थे. उनमें से पानी टपक रहा था जो नालियों में भर गया था. थोड़ा पानी बारिश का भी था. इससे फर्श पर फिसलन हो गई थी. वहां की मिट्टी भी चिकनी है. जब गुरुजी (नारायण साकार) जाने लगे तो लोग उनके पीछे भागे. गुरुजी के जाने के बाद जब लोग (पंडाल की ओर) लौटे तो जहां नाली में पानी भरा था वहां मिट्टी पर लोगों का पैर फिसला और सब एक-एक करके गड्ढे में गिरते गए." 

सोनू ने घटनास्थल के बारे में बताया, "जब कुछ लोग गिरे तो उन्हें निकालने की कोशिश की गई, लेकिन एक के बाद एक लोग गिरते ही चले गए. उसमें बुजुर्ग थे, कुछ महिलाएं थीं, कुछ दूध पीते बच्चे भी थे. उस वक्त वहां 10-20 हजार लोगों की भीड़ होगी." 

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सोनू के अनुसार उन्होंने खुद "25-27 लोगों को" गड्ढे से निकाला, जबकि करीब 60 लोग पहले ही एंबुलेंस से हॉस्पिटल रवाना हो चुके थे. घटना के समय सोनू सत्संग में मौजूद थे, लेकिन कई श्रद्धालु वहां से जा भी चुके थे. ऐसे ही एक श्रद्धालु ने मीडिया से बातचीत के दौरान सत्संग में कुव्यवस्था होने की बात कही. 

सत्संग देखने गए उस श्रद्धालु ने बताया, "कार्यक्रम करीब 11:30 बजे शुरू हुआ. इंतजाम सही नहीं था. हम लोग पहले निकल आए." इस शख्स ने नारायण साकार को 'परमात्मा' शब्द से संबोधित करते हुए कहा, "नारायण साकार उस समय (भगदड़ के समय) कार्यक्रम में नहीं थे. आरती-वंदना होने के बाद जब वह चले गए, तब भगदड़ मची. उनके वहां से निकलते हुए लोगों ने एक-दूसरे को धक्का दिया, जिससे कई लोग पानी में गिर गए." 

भगदड़ की तीसरी चश्मदीद गवाह शकुंतला देवी ने कहा, "सत्संग ख़त्म होने के बाद सभी लोग बाहर आ गए. बाहर सड़क ऊंचाई पर बनी थी और नीचे नाली थी. एक के बाद एक लोग इसमें गिरने लगे. कुछ लोग कुचले गए." 

क्या बोले आयोजक?
इंडिया टुडे से बात करते हुए सत्संग का आयोजन करने वाली समिति के सदस्य महेश चंद्र ने कहा कि प्रशासन की अक्षमता के कारण भगदड़ मची. उन्होंने कहा कि उन्हें सत्संग की अनुमति मिल गयी थी. चंद्रा ने कहा, "लोग कीचड़ में दबे हुए थे और भीड़ भाग रही थी. उन्हें काबू में करने वाला कोई नहीं था."

इस बीच, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भगदड़ में मारे गए लोगों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की और अधिकारियों को दुर्घटनास्थल पर पहुंचने और राहत उपाय करने के निर्देश दिए. 

राज्य सरकार ने जारी किया हेल्पलाइन नंबर
जनपद हाथरस में हुई दुर्घटना के दृष्टिगत जिला प्रशासन ने हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं. अगर कोई शख्स घटना के संबंध में सहायता चाहता है तो वह 05722227041 या 05722227042 हेल्पलाइन नंबर पर कॉल कर सकता है.