योग दिवस की तैयारी हो चुकी है. पूरी दुनिया इस दिन को जोरशोर से मनाने के लिए तैयार है. लेकिन सबके मन में एक बात आती है कि योग दिवस 21 जून को ही क्यों मनाया जाता है, क्यों नहीं 20 जून या 23 जून को मनाया जा है. तो जान लीजिए कि योग दिवस की तारीख के पीछे भी आध्यात्म और विज्ञान का फैक्टर जुड़ा है.
21 जून को क्यों मनाया जाता है योग दिवस-
21 जून को योग दिवस मनाने की पीछे बड़ा फैक्टर है. इसको विज्ञान और आध्यात्म से जोड़ने की कोशिश की गई है. चलिए आपको बताते हैं कि 21 जून को ही क्यों इंटरनेशनल योग दिवस मनाया जाता है.
21 जून से जुड़ी पौराणिक कहानी-
ग्रीष्म संक्रांति से जुड़ी एक पौराणिक कहानी भी है जो इस दिन योग का महत्व बताती है. दरअसल योग शब्द संस्कृत से लिया गया है. जिसका अर्थ होता है शामिल या एकजुट होना. योग एक शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक अभ्यास है. जो व्यक्ति को शांति, आत्मविश्वास और साहस प्रदान करता है. योगिक कथाओं में जिक्र मिलता है कि पहली बार भगवान शिव ने अपने 7 शिष्यों को योग सिखाया था. कहते हैं कि इन 7 ऋषियों को ग्रीष्म संक्रांति के बाद आने वाली पहली पूर्णिमा के दिन योग की दीक्षा दी गई थी. जिसे शिव के अवतरण के तौर पर भी मनाते हैं. इस दौर को दक्षिणायन के नाम से जाना जाता है. ये मान्यता है कि इस दौरान आध्यात्मिक साधना करना बेहद अनुकूल होता है. इसीलिए 21 जून की तारीख को योग दिवस के लिए चुना गया है.
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