अपने जादू से वैश्विक रंगमंच को चकित करने वाले कानपुर के जादूगर ओपी शर्मा नहीं रहे. 71 साल की उम्र में कानपुर के एक निजी अस्पताल में उनका निधन हो गया. वह किडनी की बीमारी से पीड़ित थे और लंबे समय से इलाज करा रहे थे.
ओपी शर्मा का पूरा नाम ओम प्रकाश शर्मा था. बताया जाता है कि उन्होंने सात साल की उम्र में जादू करना शुरू कर दिया था. बाद में, शर्मा ने मैकेनिकल इंजीनियरिंग की डिग्री पूरी की. हालांकि, देश-दुनिया के लोग आज उन्हें उनके जादू के लिए जानते हैं.
ओपी शर्मा ने बनाई थी अपनी जादुई दुनिया
आपको बता दें कि ओपी शर्मा भारत के जाने-माने जादूगर थे. उन्होंने अपने पूरे जीवन में लगभग 38,000 शो किए. वह अपने जादुई शो के जरिए सभी को अपना दीवाना बना लेते थे. छोटे बच्चों से लेकर युवाओं से लेकर बूढ़ों तक, हर आयु वर्ग के लोगों को उनका जादू पसंद था.
बात उनके परिवार की करें तो उनके परिवार में पत्नी मीनाक्षी और उनके चार बच्चे, तीन बेटे और एक बेटी है. उनके दूसरे बेटे, सत्य प्रकाश शर्मा ने खुद को ओपी शर्मा जूनियर के रूप में स्थापित किया है.
राजनेता भी थे ओपी शर्मा
जादूगर होने के साथ-साथ, ओपी शर्मा राजनीति में भी सक्रिय थे. गोविंदनगर विधानसभा से वह समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार भी थे. समाजवादी पार्टी ने उनकी लोकप्रियता को ध्यान में रखते हुए 2002 में उन्हें गोविंद नगर से विधानसभा चुनाव का टिकट दिया था. हालांकि, 2019 में वह भाजपा में शामिल हो गए.
घर का नाम है भूत बंगला
1971 में शर्मा को स्मॉल आर्म्स फैक्ट्री, कानपुर में डिजाइनर की नौकरी मिल गई. और वह अपने परिवार के साथ कानपुर शिफ्ट हो गए. उन्होंने सबसे पहले कानपुर के शास्त्रीनगर कॉलोनी में अपना बेस बनाया. इसके बाद उन्होंने बर्रा-2 में अपना घर बनवाया जिसे 'भूत बंगला' के नाम से भी जाना जाता है.
देश-विदेश में लगभग 38 हजार शो करने वाले ओपी ने अपना पहला कमर्शियल शो मुंबई में किया था. साल 2001 में, इंडियन मैजिक मीडिया सर्कल ने उन्हें राष्ट्रीय जादू पुरस्कार और 'शहंशाह-ए-जादू' की उपाधि दी थी. आज ओपी शर्मा के निधन से भारत में 'जादू' के एक अध्याय का सफर हमेशा के लिए खत्म हो गया है.