
देश के करोड़ों किसान प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का लाभ उठा रहे हैं. ये किसान योजना की 19वीं किस्त का इंतजार कर रहे हैं. इस बीच उत्तर प्रदेश में किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण पहल की गई है. अब इस योजना का लाभ उठाने के लिए नए आवेदकों के पास कृषि जमीन के रिकॉर्ड से जुड़ी डिजिटल आईडी होना जरूरी है. जिन किसानों के पास फार्मर आईडी नहीं होगी, उनको पीएम किसान सम्मान निधि योजना का लाभ नहीं मिलेगा.
बिना फार्मर ID के नहीं मिलेगा फायदा-
फार्मर आईडी एक डिजिटल पहचान पत्र है. जिसकी मदद से किसानों को विभिन्न सरकारी योजनाओं और सुविधाओं का फायदा दिया जाएगा. किसान आईडी आधार कार्ड की तरह एक विशेष पहचान संख्या होगी, जो हर किसान के लिए अलग होगी. पीएम किसान योजना की 19वीं किस्त का फायदा उठाने के लिए नए आवेदकों को फार्मर आईडी की जरूरत पड़ेगी. बिना फार्मर आईडी के नए आवेदकों को इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा.
घर बैठे बना सकते हैं फार्मर आईडी-
कई तरह से फार्मर आईडी बनाई जा रही है. रोजगार सेवक, लेखपाल, पंचायत सहायक, कृषि विभाग के कर्मचारी और जन सेवा केंद्रों के जरिए किसान आईडी बनाई जा रही है. किसान घर बैठे भी फार्मर आईडी बना सकते हैं. उत्तर प्रदेश के किसानों को पोर्टल upfr.agristack.gov.in पर जाना होगा. इसके बाद Farmer ऑप्शन पर क्लिक करना होगा. इसमें से सबसे नीचे 'Create New User Acount' पर क्लिक करना होगा. इसके बाद जो नया पेज खुलेगा. उसमें आपको अपना आधार नंबर डालना होगा.
इसके बाद किसानों को मांगी गई जरूरी जानकारी भरनी होगी. इसमें व्यक्तिगत जानकारी, भूमि विवरण, बैंक डिटेल भरनी होगी. इसके दस्तावेज अपलोड करने होंगे. इसके बाद सारी जानकारी की जांच करें. आखिर में फॉर्म सबमिट के बटन पर क्लिक करें. इसके बाद किसानों की आईडी बन जाएगी.
ऐसे भी बनवा सकते हैं फार्मर आईडी-
किसान और भी दूसरे तरीके से फार्मर आईडी बनवा सकते हैं. सरकार गांव-गांव में कैंप लगवा रही है. जिसके जरिए किसान आईडी बनवाई जा सकती है. कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई जा रही हैं. पंचायत सहायक,किसी विभाग के तकनीकी सहायक, बीटीएम, एटीएम और जन सेवा केंद्र के जरिए भी किसान आईडी बनवा सकते हैं.
फार्मर आईडी बनाने के लिए जरूरी दस्तावेज-
किसान आईडी बनाने के लिए कई जरूरी दस्तावेजों की जरूरत पड़ेगी. चलिए आपको इन दस्तावेजों के बारे में बताते हैं.
फार्मर आईडी की मदद से किसानों कई तरह की सुविधाएं मिलेंगी. इससे किसानों को कृषि उत्पादकों का वितरण सुविधाजनक होगा. इसके साथ ही राज्य की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ भी आसानी से किसानों को मिलेगा.
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