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फतेहपुर जेल के कैदी जलालुद्दीन ने Shri Ram Mandir के लिए दान की अपनी महीने भर की कमाई, दिया सद्भाव और भाईचारे का संदेश 

एक मुस्लिम बंदी ने अपने महीने भर की कमाई श्री राम जन्मभूमि मंदिर के लिए दान कर दी है. मजहब की बेड़ियां तोड़ते हुए बंदियों और कैदियों ने सभी को सद्भाव से रहने का संदेश दिया है.

Ram Temple Ram Temple
हाइलाइट्स
  • मानवता और भाईचारे का संदेश 

  • कैदियों ने की अपनी आस्था व्यक्त

भारत में चाहे हर जगह लोकसभा चुनाव से पहले हिंदू-मुस्लिम या मंदिर-मस्जिद की बात हो रही हो लेकिन हर भारतवासी चाहे किसी भी धर्म या संप्रदाय से हो सिर्फ और सिर्फ अमन चाहता है. इसका सबसे जीता जागता उदाहरण है यूपी का फतेहपुर जेल. यहां एक मुस्लिम बंदी ने अपने महीने भर की कमाई श्री राम जन्मभूमि मंदिर के लिए दान कर दी है. मजहब की बेड़ियां तोड़ते हुए बंदियों और कैदियों ने सभी को सद्भाव से रहने का संदेश दिया है. इतना ही नहीं बल्कि फतेहपुर जेल के कैदियों द्वारा सिले हुए झोले में श्री राम जन्भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट गणमान्य व्यक्तियों को प्रसाद दे रहे हैं. इसके बाद से ही हर जगह फतेहपुर जेल के कैदियों की बात हो रही है.

मानवता और भाईचारे का संदेश 

दरअसल, ये वही लोग हैं जो अलग-अलग गुनाहों की सजा जेल में काट रहे हैं. समाज उन्हें अपराधी का तगमा दे रहा है. लेकिन इन्हीं कैदियों और बंदियों ने सबसे बड़ा सबक सिखा दिया है. यह सबक है मानवता, भाईचारे और आपसी सौहार्द का. फतेहपुर जेल के कैदी जियाउल हसन उर्फ जलालुद्दीन ने श्री राम जन्मभूमि मंदिर में विराजमान रामलला की आस्था में जेल में कमाए हुए 1075 रुपये का मेहनताना दान कर दिया है. ये जियाउल की 45 दिनों की कमाई है. 

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थैले भी किए तैयार 

इतना ही नहीं इसी जेल के मुस्लिम और हिंदू बंदियों और कैदियों ने कपड़े के प्रिंटेड 1000 से अधिक थैले तैयार कर अयोध्या के श्री राम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट को भेजे हैं. फतेहपुर जेल में बंद अकरम हो , एहसान हो, राजू हो या फिर पूनम सभी वह कुछ कर रहे हैं जो सभ्य समाज को आईना दिखाता है और यह संदेश भी देता है कि जरूरत पड़ने पर हर कोई देश के साथ खड़ा है. ये सभी वो लोग हैं जो भारत को मजबूत और एकजुट देखना चाहते हैं. 

फतेहपुर जेल से एक कैदी जियाउल हसन द्वारा भेजी गई अपनी मेहनत की 45 दिनों की कमाई का 1075 अब श्री राम जन्मभूमि मंदिर निर्माण के काम आएगा तो मजहब से इतर श्री राम जन्मभूमि मंदिर के प्रिंटेड झोले प्रसाद वितरण के लिए सिलने के बाद अयोध्या भेज कर उन लोगों को करारा जवाब दिया है जो छोटी-छोटी बातों पर मजहब की आड़ ले सड़कों पर उतर कर अपने ही देश मे शोषण और अलगाव की बात करते हैं.  

कैदियों ने की अपनी आस्था व्यक्त

श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के कार्यालय प्रभारी प्रकाश गुप्ता कहते हैं कि फतेहपुर जेल के कैदियों ने 1000 झोले पनी मेहनत से बना करके ट्रस्ट में भेजे हैं. इसमें मंदिर की तस्वीर छपी हुई है. उन्होंने झोला भेजकर अपनी आस्था व्यक्त की है. प्रकाश कहते हैं, “जो लोग हिंदू-मुस्लिम की बात करते हैं वे राजनीतिक लोग हैं. हमारे यहां सभी प्रेम से रहते हैं. प्रेम से मुसलमान भी दर्शन करते हैं, हिंदू भी आते हैं, सिख भी आते हैं और ईसाई भी आते हैं. भगवान के दरबार में सब बराबर हैं, चाहे आप उसे जिस भी रूप में देखें. भगवान के यहां सब बराबर हैं. जब बच्चा पैदा होता है उसे नहीं पता होता है कि हम किस जाति या धर्म में पैदा हो रहे हैं. हम सभी भगवान के बच्चे हैं.”

(बनबीर सिंह की रिपोर्ट)