पहली बार देश में नेशनल डिफेंस अकादमी (NDA) की परीक्षा के जरिए 19 लड़कियों को चुना गया है. इस बीच ट्रेनिंग को लेकर एनडीए की तरफ से एक बड़ा फैसला लिया गया है. एनडीए का कहना है कि महिला और पुरुष अभ्यर्थियों की ट्रेनिंग जेंडर न्यूट्रल मैनर में होगी. इस ट्रेनिंग की शुरुआत जून 2022 से होगी.
जून से शुरू होगी ट्रेनिंग
एनडीए की तरफ से कहा गया है कि इस तरह की ट्रेनिंग पूर्व-कमीशन प्रशिक्षण अकादमियों जैसे अधिकारी प्रशिक्षण अकादमी (ओटीए), चेन्नई, भारतीय नौसेना अकादमी (आईएनए), एझिमाला और वायु सेना अकादमी (एएफए), हैदराबाद में पहले से ही हो रही है. लड़कियों का पहला बैच जून में अकादमी में शामिल होगा. इन लड़कियों को तीन साल तक ट्रेनिंग दी जाएगी.
ट्रेनिंग के बाद कैडर में ड्यूटी करेंगे अभ्यर्थी
पासिंग परेड और ट्रेनिंग के बाद सभी सभी अभ्यर्थियों को उनके कैडर में ड्यूटी के लिए भेज दिया जाएगा. एनडीए ने ये भी बताया कि महिला अभ्यर्थियों को भी लिखित परीक्षा, फिजिकल टेस्ट और डॉक्यूमेंट्स वेरिफिकेशन के बाद चयनित किया गया है.
क्यों जरूरी है ट्रेनिंग?
अभ्यर्थियों को ट्रेनिंग इसलिए दी जाती है, ताकि वो एक सेना के लीडर की तरह तैयार हो सके. भविष्य में युद्धक्षेत्रों में सैनिकों को जीत की ओर ले जाने के लिए नैतिक और शारीरिक गुणों की आवश्यकता होती है.
महिला कैडेटों के प्रशिक्षण में है अंतर
मौजूदा पाठ्यक्रम में कम से कम बदलाव के साथ, शिक्षाविदों, ड्रिल, बाहरी प्रशिक्षण आदि में जेंडर को ध्यान में रखकर आयोजित किया जाएगा. पुरुष और महिला कैडेटों के बीच शारीरिक अंतर के कारण, शारीरिक प्रशिक्षण में महिला कैडेटों के प्रशिक्षण में कुछ बदलाव भी किए जा सकते हैं.