
नौसेना मुख्यालय ने भारत के इकलौते विमानवाहक पोत में आग लगने की घटना की जांच के लिए एक बोर्ड ऑफ इंक्वायरी का आदेश दिया है. अधिकारियों का कहना है कि बुधवार को भारत के एकमात्र विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रमादित्य में अचानक आग लग गई. यह पोत कर्नाटक में रणनीतिक कारवार बेस से परिचालन कर रहा था.
हालांकि, रिपोर्ट्स के मुताबिक, युद्धपोत पर सवार सभी कर्मी सुरक्षित हैं. पता चला है कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को नौसेना मुख्यालय ने घटना से अवगत करा दिया है.
किया जा रहा था समुद्री परीक्षण
नौसेना ने एक बयान में कहा है कि आग की घटना की जांच के लिए बोर्ड ऑफ इंक्वायरी का आदेश दिया गया है. आपको बता दें कि विमानवाहक पोत में सुधार के बाद उसका समुद्री परीक्षण किया जा रहा था. समुद्र में परीक्षण के लिए एक नियोजित उड़ान के दौरान, आईएनएस विक्रमादित्य पर आग लगने की घटना की सूचना मिली थी. जहाज कारवार से संचालित हो रहा था.
नौसेना से मिली जानकारी के मुताबिक, जहाज के चालक दल ने अग्निशमन सिस्टम का उपयोग करके आग पर काबू पाया. किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है. अधिकारियों ने बताया कि घटना शाम की है.
पहले भी हुई है ऐसी घटना
इससे पहले, अप्रैल 2019 में एक विमानवाहक पोत में आग लगने से एक युवा नौसेना अधिकारी की मौत हो गई थी. पिछले साल मई में भी आईएनएस विक्रमादित्य में मामूली आग लगी थी. भारतीय नौसेना अगले महीने अपने दूसरे विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत को चालू करने के लिए तैयार है.
आईएनएस विक्रमादित्य एक संशोधित कीव-श्रेणी का विमानवाहक पोत है जिसे भारत ने 2013 में रूस से 2.3 बिलियन डॉलर के सौदे के तहत खरीदा था, और इसका नाम बदलकर महान सम्राट विक्रमादित्य के सम्मान में रखा गया था. रूसी मूल के जहाज को अक्सर तैरता हुआ हवाई क्षेत्र कहा जाता है.
क्या है खासियत
44,500 टन वजनी यह युद्धपोत करीब 284 मीटर लंबा है और इसकी ऊंचाई करीब 60 मीटर है. जहाज में कुल 22 डेक हैं, और इसमें 30 से अधिक विमानों को ले जाने की क्षमता है जिसमें मिग 29K जेट, कामोव 31 और कामोव 28 हेलीकॉप्टर शामिल हैं.